गिरिडीह: FCI के गोदाम संचालक के ठिकानों पर CBI की रेड, जाने क्या है पूरा मामला
मामले में सीबीआई कई लोगों से कर रही है पूछताछ
गिरिडीह में सीबीआई की टीम ने बुधवार को एफसीआई संचालक के ठिकानों पर छापा मारा है. सुबह 6.30 बजे जांच एजेंसी की कार्रवाई जारी है.
रांची: झारखंड के गिरिडीह जिले में एफसीआई (फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के अनाज घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार सुबह कांट्रेक्टर एवं गोदाम संचालक रामजी पांडे और संजय शर्मा के घरों में छापेमारी की है।
इस दौरान भारी नकदी और कई दस्तावेजों की बरामदगी की सूचना मिल रही है। एजेंसी ने नोट गिनने वाली मशीन मंगवाई है। गिरिडीह जिले के सरिया में एफसीआई के गोदाम संचालन का ठेका लंबे समय से रामजी पांडे के पास था। आरोप है कि उन्होंने गोदाम से 16 हजार टन से भी ज्यादा अनाज की फर्जी कागजात के आधार पर निकासी की और उसकी कालाबाजारी की है।
इससे निगम को करोड़ों रुपए की चपत लगी है। सीबीआई की टीम ने गिरिडीह के शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर पहुंचकर तलाशी शुरू की है। एक अन्य गोदाम संचालक संजय शर्मा द्वारा भी इसी तरह की गड़बड़ी किए जाने की आशंका है। उनके आवास पर भी छापेमारी चल रही है।
अनाज की हेराफेरी और कालाबाजारी का यह मामला एफसीआई की एक टीम द्वारा गोदामों के निरीक्षण के दौरान पकड़ में आया था। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि जनवितरण प्रणाली के तहत वितरण के लिए रखा गया हजारों टन अनाज फर्जी कागजात के आधार पर निकाला गया।
सीबीआई को क्या सूचना मिली थी
सीबीआई की टीम ने सुबह गिरीडीह में एफसीआई के संचालक रामजी पांडे के शास्त्री नगर स्थित आवास पर रेड मार दिया. केंद्रीय जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि जिले में गरीबों को मिलने वाले वाले अनाज में भारी अनियमितता हो रही है. इस काम को ट्रांसपोर्टों के मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है. मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गोदाम के साथ साथ अन्य कई जगहों पर छापा मार दिया. इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की जारी है.
इसके बाद एफसीआई ने इसकी जांच सीबीआई से कराने का निवेदन किया था। शुरुआती जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई थी कि एफसीआई के गोदामों से निकाला गया अनाज बंगाल के राइस मिलों में पहुंचाया गया और फिर पॉलिश कर उसे बाजार में बेच दिया गया। इसमें जेएसएफसी (झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन) के कुछ अफसरों की भी मिलीभगत की आशंका है। एफसीआई ने सरिया में दस हजार टन क्षमता का गोदाम शास्त्रीनगर, गिरिडीह में रहने वाले रामजी पांडे से किराये पर लिया था। इसके संचालन की जिम्मेदारी भी उन्हें ही दी गई थी।