मजाक या बड़ा इशारा! बिजेन्द्र यादव के बयान से बिहार की सियासत गर्म
जदयू पोस्टर से गायब हो रहे हैं बिजेन्द्र यादव
सियासी जानकारों का मानना है कि यह बयान जदयू के अंदर चल रही गतिविधियों का संकेत देता है. यह बिजेन्द्र यादव का दर्द था, जो एक मजाक की शक्ल में ही सही, लेकिन बाहर आया है. जब से संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है, बिजेन्द्र यादव कुछ बुझे-बुझे नजर आ रहे हैं. जदयू को पोस्टरों से उनकी तस्वीर भी गायब हो रही है.
रांची: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और संकट मोचक माने जाने वाले उर्जा मंत्री बिजेन्द्र यादव के एक बयान ने सूबे बिहार की सियासत में कयासों का बाजार गर्म कर दिया है. जदयू की बैठक में शामिल होने पहुंचे बिजेन्द्र यादव ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि वह तो जदयू का हिस्सा ही नहीं है, जदयू के साथ उनका रिश्ता खत्म हो चुका है, बावजूद इसके पता नहीं क्यों उन्हे इस बैठक में आमंत्रित किया गया है, जैसे ही यह बयान सामने आया, सियासी गलियारों की गतिविधियां तेज हो गयी. तरह तरह के कयास लगाये जाने लगे. हालांकि बाद में बैठक से बाहर निकलते ही बिजेन्द्र यादव ने यह कह कर मामला का टालने की कोशिश की, यह उनका एक मजाक था. इस बयान को इसी नोट के साथ समाप्त किया जाए.
जदयू पोस्टर से गायब हो रहे हैं बिजेन्द्र यादव
सियासी जानकारों का मानना है कि यह बयान जदयू के अंदर चल रही गतिविधियों का संकेत देता है. यह बिजेन्द्र यादव का दर्द था, जो एक मजाक की शक्ल में ही सही, लेकिन बाहर आया है. जब से संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है, बिजेन्द्र यादव कुछ बुझे-बुझे नजर आ रहे हैं. जदयू को पोस्टरों से उनकी तस्वीर भी गायब हो रही है. यही वजह है कि बिजेन्द्र यादव को यह बात कहनी पड़ी, हालांकि जब बैठक के अंदर जदयू के अंदर होते इस बदलाव पर चर्चा हुई तो बाद में वह अपने बयान से पलटते नजर आयें, बाबजूद इसके क्या बिजेन्द्र यादव की नाराजगी दूर हो गयी है, या फिर फिलहाल इस मुद्दे को विराम दे दिया गया है, आने वाले दिनों में इस पर चर्चा होती रहेगी.