Ranchi news: डॉ अंबेडकर की 134 वीं जयंती के मौके पर स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में विशेष व्याख्यान का आयोजन
डॉ अंबेडकर आज भी अपने विचारों और दर्शन के कारण प्रासंगिक: कुलपति
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कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने संविधान निर्माता डॉ बी आर अंबेडकर के व्यक्तित्व के विविध स्वरूपों को उपस्थित विद्यार्थियों के समक्ष रखा
रांची: दिनांक 14 अप्रैल को डॉ बी आर अंबेडकर की 134 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आज दिनांक 15 अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के इतिहास विभाग में डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती के अवसर पर उन्हें स्मरण करते हुए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि उनके प्रयास से ही कार्य के घंटों में कमी कर प्रति सप्ताह 48 घंटे कार्य करने का प्रावधान किया गया। उन्होंने मातृत्व लाभ के साथ बिना लैंगिक पक्षपात के , समान काम के लिए समान वेतन, के सिद्धांत को स्थापित करने में भी मदद की। डॉ शांडिल्य ने कहा कि यह तो सभी जानते है कि कानून के क्षेत्र में डॉ बीआर आंबेडकर की विशेषज्ञता और विभिन्न देशों के संविधान के ज्ञान भारतीय संविधान के निर्माण में बहुत मददगार साबित हुए।
वह संविधान सभा की प्रारुप समिति के अध्यक्ष बनें और भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने संबोधन का अंत करते हुए कहा कि आज भी डॉ अंबेडकर के विचारों के कारण वह हमारे लिए प्रासंगिक है। इसके पूर्व कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य और उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों ने डॉ बीआर अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें स्मरण किया। इस अवसर पर इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार सिंह, शिक्षिका हनी कुमारी, शुभ्रा लकड़ा सहित 250 विद्यार्थियों की मौजूदगी रही।