विधानसभा चुनाव 2024
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Read More... चाईबासा: विस चुनाव को लेकर जिला कांग्रेस ने की अहम बैठक, सांगठनिक मजबूती पर हुई चर्चा
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By संतोष वर्मा
कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए यह भी कहा कि झारखंड में आने वाले समय में भी गठबंधन का ही सरकार बनेगी और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को राज्य के अंतिम कतार में खड़े व्यक्तियों तक पहुंचाने का काम करें
Read More... मासस-माले विलय: एक दर्जन सीटों पर लाल झंडा की दावेदारी! जानिये किन-किन सीटों पर फंस सकता है कांटा
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By Devendra Kumar
कुल मिलाकर यही तीन से चार सीट है, जो माले के हिस्से आ सकती है, लेकिन इसके साथ ही सीपीआई के रुख का भी ध्यान रखना होगा
Read More... पीएम मोदी के मंच से चंपाई सोरेन करें सरना धर्म कोड की मांग: झामुमो
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By Devendra Kumar
पूर्व सीएम चंपाई सोरन जब तक झामुमो के साथ रहें, सरना धर्म कोड की मांग पर काफी मुखर रहें. लेकिन पालाबदल के बाद सरना धर्म कोड पर चुप्पी साधते हुए बांग्लादेशी घुसपैठ पर काफी मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं. यही कारण है कि झामुमो पुराने बयानों की याद दिला रहा है, साथ ही जमशेदपुर में पीएम मोदी के मंच से सरना धर्म कोड की घोषणा करवाने की चुनौती पेश कर रहा है
Read More... हेमंत की बढ़ी दाढ़ी में हाथ से निकल गयी लोकसभा की तीन सीटें, अब बताया पक्का अपराधी
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By Devendra Kumar
उग्र हिन्दुत्व के चेहरे के रुप में हिमंता विस्व सरमा हर दिन एक नया मोर्चा खोल रहे हैं. अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं, इधर बाबूलाल पुराने ढर्रे की राजनीति में फंसे थें और यही कारण है कि सीएम चेहरे की रेस में भी पिछड़ते नजर आ रहे थें. हालांकि आज भी भाजपा में जिन चेहरों को सीएम पद का भावी दावेदार माना जा रहा, अर्जुन मुंडा से लेकर चंपाई सोरेन तक में उस आक्रमता का अभाव है, लेकिन चंपाई सोरेन जरुर अपने को बदलते दिख रहे हैं
Read More... जेल से पक्का अपराधी बन कर लौटे हैं हेमंत: बाबूलाल मरांडी
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By Devendra Kumar
हेमंत सोरेन किसी जन आंदोलन में नहीं, भ्रष्टाचार के मामले में जेल गये थें और पक्का अपराधी बनकर लौटे हैं. जेल से लौटते ही आदिवासी अस्मिता को तार-तार करने वाले कदम उठाए. सत्ता के बिना एक दिन भी चैन नहीं मिला, इस बेचैनी में चंपाई सोरेन से कुर्सी छीन ली गयी.
Read More... झामुमो को चाहिए बाबूलाल! भाजपा में फूट डालने की रणनीति या आसान चारे की खोज
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By Devendra Kumar
जहां तक सर्वे का सवाल तो, वह भी संदेहास्पद है, क्योंकि इस सर्वे में इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि उसका सैंपल साइज क्या है? कितने लोगों से राय ली गयी है, और जिन लोगों से राय ली गयी है, उनका सामाजिक आधार क्या है? वह आदिवासी-मूलवासी समाज से हैं या शहरी मतदाता, सर्वे में कुछ भी साफ नहीं है. लेकिन मूल सवाल यह है कि क्या बाबूलाल मरांडी को इतनी आसानी से खारिज किया जा सकता है
Read More... साक्षात्कार: झारखंड में 15 साल तक भाजपा के लिए विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित- कांग्रेस
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By Devendra Kumar
राजेश ठाकुर के नेतृत्व में हमने उम्दा प्रदर्शन किया. लोहरदगा और खूंटी की सीट भी हमने भाजपा से छीन ली, रही बात नेतृत्व परिवर्तन की, इस तरह के बदलाव संगठन में होते रहते हैं और आगे भी होते रहेंगे. विधानसभा चुनाव में हम राजेश ठाकुर के नेतृत्व में मैदान में उतरें या केशव महतो कमलेश नेतृत्व प्रदान करें, यह कोई मुद्दा नहीं है, इतना साफ है कि आने वाला 15 साल तक सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह काफिला आगे बढ़ता रहेगा, और भाजपा के लिए विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित है.
Read More... राधास्वामी संगठन से जुड़े हैं 10 लाख लोग, चुनाव में साथ मिलने का पूरा भरोसा: अनीशा सिन्हा
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By Samridh Jharkhand
जागरूक जनता पार्टी की ओर से अपनी उम्मीदवारी की बात कहने वाली अनीशा इस बात को लेकर आश्वास्त हैं कि बीते 15 सालों में गिरिडीह की जनता ने उन्हें जो प्यार, सम्मान और अपनापन के जरिए जो समर्थन दिखाया है, वह आने वाले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा और चुनाव में जीत दर्ज कर अपने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने की सार्थक पहल करेंगी
Read More... विधानसभा चुनाव 2024 साक्षात्कार राजनीति रांची चाईबासा लोहरदगा सरायकेला-खरसावाँ जामताड़ा खूंटी पाकुड़ साहिबगंज लातेहार सिमडेगा झारखण्ड
साक्षात्कार: पिछले दो दशक से राइट टू फूड पर काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज से खास बातचीत
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By Devendra Kumar
जमीन पर बदलाव तो दिख रहा है, पिछले पांच वर्षों में भूख से मौत की कोई खबर सामने नहीं आयी, इसका सबसे बड़ा कारण सभी जरुरतमंदों के हाथ में राशन कार्ड का होना है. जिस तरीके से हेमंत सरकार में करीबन 52 लाख पीएच, 9 लाख अंत्योदय और 5 लाख ग्रीन राशन कार्ड बनाया गया, उसका असर जमीन पर भी देखने को मिला. कमसे कम इस मोर्चे पर तो सरकार सफल दिख रही है
Read More... क्रांति के पहले 'बगावत'! जयराम को जय राम! बिखरने लगा टाइगर का कुनबा
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By Devendra Kumar
हुत आश्चर्य नहीं हो कि देवेन्द्रनाथ महतो भी संजय मेहता का राह चलता नजर आयें. संजय मेहता के सामने अब मांडू, बड़कागांव और हजारीबाग सदर का विकल्प खुला है, अब यह उनका फैसला होगा. हालांकि इस फैसले का चुनावी अखाड़े में क्या हश्र होगा, यह भी देखने वाली बात होगी. जमीनी ताकत की अंतिम परीक्षा तो जंगे-ए -मैदान में ही होती है.
Read More... उत्पाद सिपाही दौड़ में जान गंवाने वाले युवाओं के परिजनों को भाजपा सरकार बनते ही मिलेगी सरकारी नौकरी: हिमंत बिस्वा सरमा
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By Samridh Jharkhand
कोरोणा टीकाकरण का बहाना बनाकर राज्य सरकार अपनी जिम्मेवारी से बचना चाह रही। टीकाकरण पूरी दुनिया में हुआ। खुद मुख्यमंत्री ने टीका लिया है। पूरे देश में सिपाही ,सेना की बहाली हुई लेकिन कहीं ऐसी दुखद घटना नहीं घटी।
Read More... निशाने पर बाबूलाल या बाबूलाल का निशाना: झारखंड चुनाव में भाजपा की सत्ता वापसी पर मरांडी होंगे सीएम की कुर्सी के दावेदार
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By Shailendra Sinha
अगला विधानसभा चुनाव बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में झारखंड भाजपा का अंतिम चुनाव हो सकता है। यदि आदिवासी बहुल सीटें बीजेपी के हाथ से निकलती और दूसरी तरफ कोल्हान टाइगर का अपने क्षेत्र में प्रदर्शन बेहतर रहा तो किस्सा कुर्सी का बाबूलाल के हाथों से निकल चंपाई दा के हिस्से में जा सकता है
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