वोट चोरी के आरोपों पर कोर्ट जाएंगे राहुल गांधी? जानें उनका जवाब
राहुल गांधी का आरोप, विपक्षी वोटरों के नाम सुनियोजित ढंग से हटाए जा रहे
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने एक बार फिर मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें वोटर लिस्ट से विपक्षी मतदाताओं के नाम सुनियोजित ढंग से हटाने की बात कही गई है. यह मामला बिहार और अन्य राज्यों की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया से भी जुड़ा है, जिसके तहत चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को संशोधित कर रहा है.
राहुल गांधी के आरोप
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राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि विपक्षी वोटरों खासकर दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक के वोटरों को सोफ्टवेयर और फर्जी लॉगिन/नंबर के माध्यम से अलग-अलग राज्यों में निकाला जा रहा है. उनकी टीम ने कर्नाटक (खासतौर पर आलंद सीट) में हजारों वोटरों के नाम हटाने के ठोस सबूत पेश किए, जिसमें कई केस स्टडी सामने आए:
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आलंद (कर्नाटक) में एक बूथ लेवल अफसर ने पाया कि उसके परिवार के वोट लिस्ट से गायब हैं; जांच में पता चला कि उसके पड़ोसी के नाम से फर्जी लॉगिन करके नाम हटाए गए।
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हजारों वोट 'फर्जी' एप्लीकेशन, फर्जी नंबर से हटाए गए।
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वोटर लिस्ट में डुप्लिकेट, फर्जी, bulk (एक ही एड्रेस पर दर्जनों वोट), और गलत फोटो वाले मतदाता शामिल थे।
चुनाव आयोग और भाजपा की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को खारिज किया है और कहा है कि ऑनलाइन कोई वोट हटाया नहीं जा सकता तथा हर हटाए गए वोट पर संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का अधिकार होता है. आयोग ने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा ज्यादातर राज्यों में फॉर्मल शिकायत नहीं दी गई. भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि राहुल गांधी जनता में भ्रम फैला रहे हैं.
https://twitter.com/ECISVEEP/status/1968571868769829239
क्या राहुल गांधी अदालत जाएंगे?
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या वे आरोपों पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "सच्चाई पेश करना हमारा काम है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया और देश की संस्थाओं की रक्षा देश की अन्य संस्थाओं का काम है". उन्होंने कहा कि वे इस मामले को अन्य न्यायिक और संवैधानिक संस्थाओं के सामने रखेंगे, लेकिन कोर्ट में जाने का फैसला पूरी तरह उनके और उनकी टीम की रणनीति पर निर्भर करेगा।
चुनाव से पहले वोटर लिस्ट विवाद क्यों गर्माया?
बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों में विपक्ष और कांग्रेस के वोटरों के नाम हटाने की घटनाओं पर भारी विवाद है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इससे चुनावी नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से 10–15 साल के सभी इलेक्ट्रॉनिक डेटा और CCTV फुटेज सार्वजनिक करने की मांग उठाई है.
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