भाजपा के साथ लुईस मरांडी का सीधा मुकाबला, जयश्री सोरेन ने जामा से दाखिल नहीं किया नामांकन
जामा पर अपनी दावेदारी ठोक रही थी जयश्री सोरेन
भाजपा के चुनाव चिह्न पर जयश्री सोरेन का चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा ने सीता सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे अपने पुराने कार्यकर्ता सुरेश मुर्मू को ही एक बार फिर से अखाड़े में उतारने का फैसला किया. जिसके बाद जयश्री सोरेन की नाराजगी की खबर सामने आ रही थी, जामा वही सीट है, जहां से सीता सोरेन वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज करती रही है
रांची: सीएम हेमंत की भतीजी और सीता सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन ने अपना नामांकन दाखिल नहीं करने का फैसला किया है, जिसके बाद अब जामा विधानसभा में लुईस मरांडी का भाजपा उम्मीदवार सुरेश मुर्मू के साथ सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है
आपको बता दें कि जयश्री सोरेन जामा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थी, नामांकन दाखिल करने के लिए मंगलवार को पर्चा भी खरीदा गया था, लेकिन अब जो खबर आ रही है कि भाजपा की ओर से जयश्री सोरेन को मना लिया गया है, दावा किया जा रहा है कि अब जयश्री सोरेन सुरेश मुर्मू के लिए प्रचार प्रसार करेगी.
जामा पर अपनी दावेदारी ठोक रही थी जयश्री सोरेन
आपको यह भी बता दें कि पहले भाजपा के चुनाव चिह्न पर जयश्री सोरेन का चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा ने सीता सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे अपने पुराने कार्यकर्ता सुरेश मुर्मू को ही एक बार फिर से अखाड़े में उतारने का फैसला किया. जिसके बाद जयश्री सोरेन की नाराजगी की खबर सामने आ रही थी, जामा वही सीट है, जहां से सीता सोरेन वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत दर्ज करती रही है. जयश्री सोरेन के पिता दुर्गा सोरेन को 1995 और 2000 में जीत मिली थी तो दादा शिबू सोरेन 1985 में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थें, और यही कारण है कि जामा को झामुमो का अभेद किला माना जाता है. दावा किया जाता है कि जयश्री सोरेन इस सीट पर किसी बाहरी चेहरे को एंट्री देने को तैयार नहीं थी, जयश्री सोरेन का मानना था कि जब भाजपा के दूसरे नेताओं के बेटे बेटियों और बहूओं को टिकट मिल सकता है तो फिर सोरेन परिवार की इस परंपरागत सीट से उन्हे उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया जा सकता है. जयश्री सोरेन की मां सीता सोरेन को भाजपा जामा के बदले जामताड़ा से उम्मीदवार बनाया है.