राज्यपाल के ओएसडी विभावि पहुंच कर एलएलएम प्रवेश परीक्षा की शिकायत पर जांच की
अधिकारियों ने मजबूती से विश्वविद्यालय के पक्ष को रखा

परीक्षा के संचालन में धांधली का आरोप लगाकर कुलाधिपति के कार्यालय में शिकायत पत्र समर्पित किया गया था। इसी शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए कुलाधिपति के विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) ने सोमवार को विश्वविद्यालय का दौरा किया। विश्वविद्यालय पहुंचकर एमसी नारायण ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार, परीक्षा के नोडल पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार, छात्रकल्याण संकायअध्यक्ष डॉ विकास कुमार, केंद्र अधीक्षक डॉ गंगानन्द सिंह एवं कार्यवाहक कुलसचिव से उक्त विषय पर विस्तार से विमर्श किया। कई प्रकार के प्रश्न भी पूछे गए। अधिकारियों ने उनको उक्त परीक्षा से संबंधित सारे कागजात एवं मांगे गए दस्तावेज दिखाएं।
हजारीबाग: झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति के विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) एम सी नारायण का सोमवार को विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में आगमन हुआ। हाल में आयोजित एलएलएम की प्रवेश परीक्षा से संबंधित शिकायत पर जांच करने के उद्देश्य से वह विश्वविद्यालय आए।

विश्वविद्यालय पहुंचकर एमसी नारायण ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार, परीक्षा के नोडल पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार, छात्रकल्याण संकायअध्यक्ष डॉ विकास कुमार, केंद्र अधीक्षक डॉ गंगानन्द सिंह एवं कार्यवाहक कुलसचिव से उक्त विषय पर विस्तार से विमर्श किया। कई प्रकार के प्रश्न भी पूछे गए। अधिकारियों ने उनको उक्त परीक्षा से संबंधित सारे कागजात एवं मांगे गए दस्तावेज दिखाएं।
शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया था की परीक्षा के समय बाहरी लोगों का निर्बाध आना-जाना लगा हुआ था तथा विद्यार्थियों से चोरी करवाई जा रही थी।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उनको बताया कि परीक्षा के दौरान पूरी सतर्कता बढ़ती गई थी तथा किसी प्रकार का कोई भी कदाचार नहीं हुआ। बताया कि सभी आरोप निराधार है। यह भी बताया कि परीक्षा के दौरान किसी भी अनअधिकृत व्यक्ति को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया था। भवन में सभी कक्षाएं उक्त दिन स्थगित कर दी गई थी। परीक्षा के समय परीक्षा केंद्र का मुख्य द्वार को लॉक रखा गया था।
अधिकारियों ने राजभवन के श्री नारायण को बताया कि हजारीबाग सिविल कोर्ट से जुडिशल मजिस्ट्रेट महोदय ने भी परीक्षा के समय औचक निरीक्षण किया था। वह काफी समय तक परीक्षा केंद्र में मौजूद भी रहे। इसके अलावे जिला प्रशासन द्वारा पदस्थापित स्टेटिक मजिस्ट्रेट पूरे समय तक मौजूद रहे एवं बार-बार परीक्षा कक्षाओं का निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि किसी भी प्रवेश परीक्षा के परीक्षार्थी ने कदाचार से संबंधित किसी प्रकार की कोई शिकायत समर्पित नहीं की है।
ज्ञात हो कि यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज स्ववित्तपोषित संस्थान है एवं सत्र 2022-24 में कुल 50 में से 24 स्थान पर नामांकन नहीं लेने से एवं सत्र 23-25 में एक भी नामांकन नहीं लेने के कारण महाविद्यालय को लगभग डेढ़ करोड़ रूपया का नुकसान हुआ है। इस सत्र में नामांकन नहीं लेने पर एक करोड रुपए का और नुकसान होता जिसका महाविद्यालय पर बहुत बुरा असर पड़ता।
राजभवन के अधिकारी ने भविष्य में सीसीटीवी कैमरा द्वारा परीक्षा संचालित करने पर विचार करने का सुझाव दिया।