IAF Tejas 2025 Crash: नेटवर्क-केंद्रित युद्ध के दौर में तेजस की ताकत और भविष्य की रूपरेखा
क्या तेजस एक्सपोर्ट को हादसे से झटका लगेगा? विशेषज्ञों की राय
नई दिल्ली: 21 नवंबर 2025 को दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायु सेना का तेजस Mk-1 विमान करतब दिखाते समय अचानक गिरकर क्रैश हो गया, जिस में पायलट नमंश स्याल की मौत हो गई। हादसे के बाद कुछ विश्लेषकों ने अंदेशा जताया कि इससे तेजस के लिए विदेशी खरीदार ढूंढना मुश्किल हो जाएगा, खासकर जब भारत कई देशों के साथ निर्यात वार्ताओं में जुटा हुआ है। लेकिन ब्राजील सहित कई अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना किसी भी जटिल सैन्य प्लेटफॉर्म की ऑपरेशनल रिस्क का हिस्सा है और इससे कार्यक्रम की तकनीकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठते।
विशेषज्ञ पैट्रिशिया मारिंस की राय

तेजस की तकनीकी खासियतें
रिपोर्ट में बताया गया है कि तेजस Mk-1 एक हल्का, मल्टीरोल, डेल्टा‑विंग डिजाइन वाला फाइटर जेट है, जिसमें बड़े पैमाने पर कंपोजिट मटेरियल का इस्तेमाल होने की वजह से उसका रडार क्रॉस‑सेक्शन कम रहता है और उसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है। आगे चलकर इसमें गैलियम नाइट्राइड (GaN) तकनीक पर आधारित उन्नत AESA रडार लगाया जाएगा, जिससे इसकी रेंज, टारगेट ट्रैकिंग और जैमिंग प्रतिरोध क्षमता बढ़ेगी तथा एक्सपोर्ट पोटेंशियल और मजबूत होगा। मारिंस के अनुसार बेहतर रडार और कम ऑब्ज़र्वेबिलिटी के संयोजन से तेजस आने वाले वर्षों में कई देशों के लिए किफायती लेकिन हाई‑टेक विकल्प के रूप में उभर सकता है।
भारतीय वायुसेना में तैनाती और भविष्य की योजनाएं
तेजस Mk‑1 को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डिज़ाइन किया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इसका उत्पादन करती है, जबकि भारतीय वायुसेना वर्तमान में दो स्क्वाड्रन में लगभग 40 तेजस Mk‑1 विमानों का संचालन कर रही है। लेख में कहा गया है कि अगले चरण में तेजस Mk‑1A बेड़े की एंट्री होगी, जिसमें स्वदेशी उत्तम AESA रडार, डिजिटल फ्लाई‑बाय‑वायर कंट्रोल सिस्टम और बेहतर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट जैसे कई अपग्रेड शामिल होंगे और इसकी डिलीवरी 2027 से शुरू होने की उम्मीद है। वहीं, अधिक शक्तिशाली GE F414 इंजन और ज्यादा हथियार क्षमता वाले तेजस Mk‑2 (मीडियम वेट फाइटर) पर काम जारी है, जिसे 2030 के आसपास सेवा में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
सुरक्षा रिकॉर्ड, हादसे और HAL का रुख
दुबई एयर शो की घटना तेजस से जुड़ा दूसरा बड़ा हादसा है; इससे पहले 2024 में जैसलमेर में एक तेजस का इंजन सीज़ होने की जानकारी दी गई थी, हालांकि कार्यक्रम का समग्र सुरक्षा रिकॉर्ड अभी भी अनुकूल माना जा रहा है। HAL के चेयरमैन डी. के. सुनील ने जोर देकर कहा है कि तेजस दुनिया के सबसे सुरक्षित लड़ाकू विमानों में से एक है और इसका ऑपरेशनल रिकॉर्ड भारत की तकनीकी क्षमता तथा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। विशेषज्ञों का आकलन है कि गहन तकनीकी जांच और समय पर सुधार के साथ यह हादसा भी तेजस प्रोग्राम को और मज़बूत बनाने की दिशा में एक सबक की तरह इस्तेमाल किया जाएगा, न कि इसकी प्रगति रोकने का आधार बनेगा।
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