जालौन कांड: नवविवाहिता को पिंजरे में कैद कर पति ने बनाया MMS, महिला आयोग में फूटा सच
जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से एक बेहद संगीन और दुर्भाग्यपूर्ण घटना का खुलासा हुआ है, जहां एक नवविवाहित महिला के साथ उसके पति द्वारा न केवल शारीरिक प्रताड़ना की गई, बल्कि उसे लोहे के पिंजरे में कैद किया गया। पीड़ित महिला के साहस और निर्भयता से यह मामला प्रकाश में आया जब वह महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान के समक्ष अपनी दर्दनाक कहानी साझा की।
पति द्वारा निर्मम अत्याचार

लोहे के पिंजरे में कैद की असाधारण घटना
अत्याचार की इस कहानी में सबसे भयानक मोड़ तब आया जब पीड़िता के पति ने उसे एक लोहे के पिंजरे में बंद कर दिया। यह घटना न केवल मानवीय गरिमा का घोर उल्लंघन थी, बल्कि यह एक ऐसा अपराध था जो किसी भी सभ्य समाज में अकल्पनीय है। हालांकि, किसी तरह की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने तुरंत कदम उठाया और महिला को इस नरकीय परिस्थिति से मुक्त कराया।
अमर्यादित वीडियो वायरल करने का जघन्य कृत्य
लेकिन पीड़िता के लिए यह मुक्ति संपूर्ण नहीं थी। पति की बर्बरता यहीं नहीं रुकी। जब महिला पिंजरे से बाहर निकल गई, तो उसके पति ने एक और घिनौना कदम उठाया। उसने पीड़िता का एक अश्लील वीडियो (एमएमएस) बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस कृत्य का उद्देश्य महिला को सामाजिक रूप से प्रताड़ित करना और समाज में उसे बर्बाद करना था। यह अमानवीय और विकृत सोच का परिचायक था।
महिला आयोग की तत्काल कार्रवाई
जब यह मामला महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान तक पहुंचा, तो वह गंभीर रूप से चिंतित हुईं। महिला आयोग की अध्यक्ष उरई के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जनसुनवाई कर रही थीं, जहां पीड़िता ने साहस के साथ अपनी शिकायत प्रस्तुत की। अध्यक्ष बबीता चौहान ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने मौजूद पुलिस अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि पीड़िता के विरुद्ध दर्ज किए गए सभी झूठे मुकदमों की तत्काल समीक्षा की जाए और उन्हें रद्द किया जाए।
अध्यक्ष ने पीड़िता के पति और उसके पूरे परिवार के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। साथ ही, पीड़िता को तुरंत सुरक्षा प्रदान करने और उसे सभी आवश्यक कानूनी सहायता मुहैया कराने के आदेश दिए गए। यह निर्णय महिला संरक्षण के प्रति प्रशासन की दृढ़ संकल्पना को दर्शाता है।
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