Jharkhand Politics
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Read More... सीएम हेमंत के विधानसभा क्षेत्र का गांव बड़ा पत्थरचट्टी, भारी बरसात में पानी की जंग
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By Devendra Kumar
करीबन दो दशक से राइट टू फूड और दूसरे सामाजिक आन्दोलनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेंरेज ने पहाड़िया जनजाति के इस संघर्ष और त्रासदी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर साक्षा करते हुए लिखा है कि “खाली वर्त्तनों का यह जखीरा किसी मरुस्थलीय प्रदेश का नहीं, अपितु हमारे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा चुनाव क्षेत्र बरहेट के ग्राम बड़ा पत्थरचट्टी का है. यहाँ 300 की आबादी बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. दर्जनों आवेदन के बाद भी प्रशासन कानों में तेल डाल रखा है. आजादी के 77 साल और अलग राज्य के 24 वर्ष बाद भी आदिवासी (आदिम जनजाति) गाँवों की बदहाली के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है.
Read More... हेमंत की बढ़ी दाढ़ी में हाथ से निकल गयी लोकसभा की तीन सीटें, अब बताया पक्का अपराधी
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By Devendra Kumar
उग्र हिन्दुत्व के चेहरे के रुप में हिमंता विस्व सरमा हर दिन एक नया मोर्चा खोल रहे हैं. अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं, इधर बाबूलाल पुराने ढर्रे की राजनीति में फंसे थें और यही कारण है कि सीएम चेहरे की रेस में भी पिछड़ते नजर आ रहे थें. हालांकि आज भी भाजपा में जिन चेहरों को सीएम पद का भावी दावेदार माना जा रहा, अर्जुन मुंडा से लेकर चंपाई सोरेन तक में उस आक्रमता का अभाव है, लेकिन चंपाई सोरेन जरुर अपने को बदलते दिख रहे हैं
Read More... जेल से पक्का अपराधी बन कर लौटे हैं हेमंत: बाबूलाल मरांडी
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By Devendra Kumar
हेमंत सोरेन किसी जन आंदोलन में नहीं, भ्रष्टाचार के मामले में जेल गये थें और पक्का अपराधी बनकर लौटे हैं. जेल से लौटते ही आदिवासी अस्मिता को तार-तार करने वाले कदम उठाए. सत्ता के बिना एक दिन भी चैन नहीं मिला, इस बेचैनी में चंपाई सोरेन से कुर्सी छीन ली गयी.
Read More... झामुमो को चाहिए बाबूलाल! भाजपा में फूट डालने की रणनीति या आसान चारे की खोज
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By Devendra Kumar
जहां तक सर्वे का सवाल तो, वह भी संदेहास्पद है, क्योंकि इस सर्वे में इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि उसका सैंपल साइज क्या है? कितने लोगों से राय ली गयी है, और जिन लोगों से राय ली गयी है, उनका सामाजिक आधार क्या है? वह आदिवासी-मूलवासी समाज से हैं या शहरी मतदाता, सर्वे में कुछ भी साफ नहीं है. लेकिन मूल सवाल यह है कि क्या बाबूलाल मरांडी को इतनी आसानी से खारिज किया जा सकता है
Read More... विधानसभा चुनाव 2024 साक्षात्कार राजनीति रांची चाईबासा लोहरदगा सरायकेला-खरसावाँ जामताड़ा खूंटी पाकुड़ साहिबगंज लातेहार सिमडेगा झारखण्ड
साक्षात्कार: पिछले दो दशक से राइट टू फूड पर काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज से खास बातचीत
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By Devendra Kumar
जमीन पर बदलाव तो दिख रहा है, पिछले पांच वर्षों में भूख से मौत की कोई खबर सामने नहीं आयी, इसका सबसे बड़ा कारण सभी जरुरतमंदों के हाथ में राशन कार्ड का होना है. जिस तरीके से हेमंत सरकार में करीबन 52 लाख पीएच, 9 लाख अंत्योदय और 5 लाख ग्रीन राशन कार्ड बनाया गया, उसका असर जमीन पर भी देखने को मिला. कमसे कम इस मोर्चे पर तो सरकार सफल दिख रही है
Read More... क्रांति के पहले 'बगावत'! जयराम को जय राम! बिखरने लगा टाइगर का कुनबा
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By Devendra Kumar
हुत आश्चर्य नहीं हो कि देवेन्द्रनाथ महतो भी संजय मेहता का राह चलता नजर आयें. संजय मेहता के सामने अब मांडू, बड़कागांव और हजारीबाग सदर का विकल्प खुला है, अब यह उनका फैसला होगा. हालांकि इस फैसले का चुनावी अखाड़े में क्या हश्र होगा, यह भी देखने वाली बात होगी. जमीनी ताकत की अंतिम परीक्षा तो जंगे-ए -मैदान में ही होती है.
Read More... झारखंड में चुनावी गिद्धों का दौरा तेज! असमिया -छत्तीसगढ़िया के बाद अब बड़े गिद्ध की एंट्री- सीएम हेमंत
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By Devendra Kumar
ये वही चुनावी गिद्ध हैं, जो आज पिछड़ो के लिए 27 फीसदी आरक्षण की बात करते हैं, लेकिन जब हम कानून बनाकर भेजते हैं तो इसे रद्दी की टोकरी में फेंकते है. हालत तो यह है कि अब मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना भी हजम नहीं हो रहा, इसके खिलाफ भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है. कहा जाता है कि वोट के लिए पैसा बांटा जा रहा है, इनके पास किसानों, महिलाओं, आदिवासी मूलवासियों के लिए पैसा नहीं है, लेकिन अपने अरबपति दोस्तों के लिए पूरा खजाना है.
Read More... क्या है गुवा गोलीकांड, जिसको लेकर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
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By Devendra Kumar
तब देश में कांग्रेस की ही सरकार थी, गोवा गोलीकांड के सहारे कांग्रेस को आदिवासी समाज का सबसे बड़ा दुश्मन बताने के पीछे यही तर्क और आदिवासी समाज का यही पुराना दर्द है. लेकिन फिर से वही सवाल यदि चंपाई सोरेन को कांग्रेस का चेहरा इतना ही नागवार गुजरता है, तो फिर पांच महीनों तक कांग्रेसी विधायकों के कंधें की सवारी कर सत्ता का रसास्वादन क्यों किया? और अब जब सत्ता हाथ से निकल गयी तब गुवा गोलीकांड की याद क्यों आयी?
Read More... जमशेदपुर की सियासत में भाजपा कांग्रेस एक! सरयू की धारा रोकने के लिए रघुवर-बन्ना का मजबूत गठजोड़
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By Devendra Kumar
मामला भले ही रांची में दर्ज किया गया हो, लेकिन सियासत जमशेदपुर में गर्म है, सियासी जानकारों का दावा है कि इस प्राथमिकी का संबंध पूर्वी जमशेदपुर के सियासी जंग से हैं. रघुवर दास को अपर हैंड देने के लिए एक बार फिर बन्ना गुप्ता ने मोर्चा खोल दिया है, चुनावी समर में जाने के पहले प्राथमिकी दर्ज करवाना इसी सियासत का हिस्सा है. ताकि सरयू राय के खिलाफ ताल ठोकते वक्त रघुवर दास निहत्था नहीं रहें, जंगे मैदान में जब सरयू राय भ्रष्टाचार का तीर चलायें तो रघुवर दास के पास भी उसका जवाबी तीर हो
Read More... भाजपा हलकान! चुनावी मोड में हेमंत सरकार! ताबड़तोड़ फैसले और उपहारों की बौछार
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By Devendra Kumar
निश्चित रुप से इन योजनाओं का चुनाव परिणाम पर असर देखने को मिल सकता है. भाजपा की परेशानी भी अपनी जगह जायज है, लेकिन सियासत में हर सियासी दल को अपना एजेंडा सेट करने का भी पूरा अधिकार है, यदि आज भाजपा सत्ता में होती तो वह भी इसी तरह घोषणाओं की बौछार कर रही होती.
Read More... झारखण्ड जदयू: नयी प्रदेश कार्यसमिति गठित, जानिये किन-किन चेहरों को मिली जगह
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By Devendra Kumar
हाजी हसीब ख़ान, केबी सहाय, शैलेंद्र महतो, आशा शर्मा, ब्रह्मदेव प्रसाद, उचित महतो, योगेश शर्मा, अक्षय सिंह एवं धनंजय सिन्हा को आमंत्रित सदस्य में मनोनीत किया है.
Read More... दशरथ गागराई और संजीव सरदार का डोलता मन! झामुमो के लिए कितना बड़ा झटका!
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By Devendra Kumar
खरसांवा का जो किला अर्जुन मुंडा के बगावत के बाद झामुमो के हाथ से निकल चुका था, दशरथ गागराई ने अपने चेहरे के बूते उस पर एक बार फिर से झामुमो का झंडा बुलंद कर दिया और सबसे बड़ी बात यह रही है कि तीन-तीन बार के सीएम रहें अर्जुन मुंडा जैसे कद्दावर चेहरे को 12 हजार के एक बड़े अंतर से पराजित करने में सफलता हासिल की, दरशथ गागराई को 'हो' जनजाति का एक बड़ा चेहरा माना जाता है.
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