टाइगर जयराम के सिपहसलार रहे संजय मेहता ने झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति बनाने का किया एलान
मांडू या रामगढ़ से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
अभी चंद दिन पहले ही संजय मेहता ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा से यह कहते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया था कि वह भगवान बिरसा, सिद्धो कान्हू, चांद भैरव के सपनों का झारखंड बनाना चाहते हैं, इसके लिए फिलहाल उन्हे चिंतन मनन की जरुरत है. लेकिन एक पखवाड़ा भी नहीं बीता और नयी सियासी पार्टी के गठन का एलान कर दिया गया
रांची: कभी टाइगर जयराम के सिपहसलार रहे और लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से प्रत्याशी रहे संजय मेहता ने अपनी पार्टी बनाने का एलान किया है, संजय मेहता ने दावा किया है कि उनकी नवगठित पार्टी झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति का उद्देश्य झारखंड की समृद्धि औऱ विकास को सुनिश्चित करना है. कोई भी व्यक्ति इसकी सदस्यता निशुल्क ग्रहण कर सकता है. हमारी कोशिश विस्थापन, नियोजन औऱ स्थानीयता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर झारखंडियों की आवाज बनने की होगी. जयराम का साथ छोड़ने के सवाल पर संजय मेहता ने कहा कि भारी मन के साथ पार्टी छोड़ने का फैसला किया हूं, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा को खड़ा करने में अपना खून पसीना बहाया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद परिस्थितियां में बदलाव आने लगा. हमें पार्टी के कार्यक्रमों तक की जानकारी नहीं दी जाने लगी, बात इस कदर बिगड़ गयी कि हजारीबाग में जयराम महतो की सभा आयोजित हुई, लेकिन इसकी जानकारी भी देना उचित नहीं समझा गया.
मांडू या रामगढ़ से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
आपको याद दिला दें कि अभी चंद दिन पहले ही संजय मेहता ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा से यह कहते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया था कि वह भगवान बिरसा, सिद्धो कान्हू, चांद भैरव के सपनों का झारखंड बनाना चाहते हैं, इसके लिए फिलहाल उन्हे चिंतन मनन की जरुरत है. लेकिन एक पखवाड़ा भी नहीं बीता और नयी सियासी पार्टी के गठन का एलान कर दिया गया. बताया जाता है कि संजय मेहता की चाहत मांडू और रामगढ़ विधानसभा से चुनावी अखाड़े में उतरने की थी, लेकिन पार्टी की ओर से बरही विधानसभा से उतरने क दवाब बनाया जा रहा था, पार्टी के अंदर इस बात की भी चर्चा थी कि लोकसभा चुनाव के वक्त से ही संजय मेहता हजारीबाग से भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल के सम्पर्क में थें. जिसके कारण पार्टी अपने आप को संजय मेहता के साथ सहज नहीं पा रही थी.