फुस्स हुआ बांग्लादेशी घुसपैठिया का तीर! केन्द्र सरकार के शपथ पत्र में घुसपैठ से इंकार
दान पत्र के माध्यम से आदिवासी जमीन हस्तांतरण
रांची हजारीबाग, जमशेदपुर सहित सभी शहरों में दान पत्र के माध्यम से आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासी समुदाय का कॉलोनियां बस रही है, और इसमें एक बड़ी आबादी बिहार से आये लोगों की है, लेकिन भाजपा मुद्दा बांग्लादेशी घुसपैठ को बना रही थी.
रांची: झारखंड हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार के द्वारा समर्पित शपथ पत्र में बांग्लादेशी घुसैपठिया से इंकार के बाद झामुमो ने भाजपा पर बांग्लादेशी घुसपैठ के नाम पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है, केन्द्र सरकार के शपथ पत्र को शेयर करते हुए झामुमो ने अपने सोशल मीडिया साइट पर लिखा है कि “पूरी भाजपा झूठी है, बड़का झुट्ठा पार्टी है, भाजपा के असम हैंडलर से लेकर झारखंड के क़ुतुबमीनारी चचा से लेकर 1 करोड़ी महोदय हर रोज़ चिल्ला-चिल्ला कर बांग्लादेशी घुसपैठ- बांग्लादेशी घुसपैठ चिल्ला रहे थे, अब उनकी केंद्र सरकार मान रही है कि कहीं कोई परेशानी नहीं है. कोई मामला ही नहीं है.
दरअसल केन्द्र सरकार ने अपने शपथ पत्र में संताल में दान पत्र के माध्यम से आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों के हाथ में जाने की बात को तो स्वीकार किया, लेकिन इस मामले का बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ाव से इंकार कर दिया. शपथ पत्र में दावा किया गया है कि इसका कोई सीधा संबंध बांग्लादेशी घुसपैठिया से जुड़े होने का कोई साक्ष्य नहीं है. जैसे ही केन्द्र सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया, बांग्लादेशी घुसपैठ के सवाल अब तक बचाव की मुद्रा में खड़ी झामुमो आक्रामक हो गयी और यह सवाल दाग रही है कि यदि बांग्लादेशी घुसपैठ एक सच्चाई है तो फिर केन्द्र सरकार इस बात को कोर्ट में स्वीकार क्यों नहीं कर रही, और यदि इसका कोई साक्ष्य ही नहीं है, जैसे कि केन्द्र सरकार अपने शपथ पत्र में दावा कर रही है, तो फिर झूठा प्रचार क्यों किया गया. जिस दान पत्र की बात की जा रही है, वह सिर्फ संताल की समस्या नहीं है, अमूमन पूरे झारखंड में आदिवासी जमीन का हस्तांतरण गैर आदिवासियों के हाथ में इसी दान पत्र के माध्यम से हुआ है, इसका लाभ सभी गैर आदिवासी समूहों के द्वारा उठाया गया है. लेकिन जब से हेमंत सरकार सत्ता में आयी है, सीएनटी एसपीटी एक्ट को पूरी कड़ाई से लागू किया जा रहा है, जबकि इन जमीनों का हस्तांतरण पिछली सरकार में हुआ है.
पूरी भाजपा झूठी है - बड़का झुट्ठा पार्टी है।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) September 13, 2024
- भाजपा के असम हैंडलर से लेकर झारखंड के क़ुतुबमीनारी चचा से लेकर 1 करोड़ी महोदय हर रोज़ चिल्ला चिल्ला कर बांग्लादेशी घुसपैठ - बांग्लादेशी घुसपैठ चिल्ला रहे थे
- अब उनकी केंद्र सरकार मान रही है कि कहीं कोई परेशानी नहीं है। कोई मामला… https://t.co/H4BK3E0yTF
दान पत्र के माध्यम से आदिवासी जमीन हस्तांतरण
आपको बता दें कि रांची हजारीबाग, जमशेदपुर सहित सभी शहरों में इसी दान पत्र के माध्यम से आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासी समुदाय की कॉलनियां बस रही है, और इसमें एक बड़ी आबादी बिहार से आये लोगों की है, लेकिन भाजपा मुद्दा बांग्लादेशी घुसपैठ को बना रही थी. इस बार भी विधानसभा चुनाव में इसे एक बड़ा सियासी मुद्दा बनाने की तैयारी में थी, हेमंत विश्व सरमा से लेकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल हर दिन बांग्लादेशी घुसपैठ के सवाल पर बवाल काटते दिखलायी दे रहे थें, लेकिन केन्द्र सरकार के इस हलफनामे के बाद यह तीर भी फुस्स साबित होता दिख रहा है, हालांकि दान पत्र के माध्यम से आदिवासी जमीन का हस्तांतरण अभी भी एक बड़ा सियासी मुद्दा है, और इस मुद्दे पर भाजपा से ज्यादा आक्रमक विभिन्न आदिवासी संगठन है. अब देखना होगा कि केन्द्र सरकार के इस स्वीकारोक्ति के बाद दान पत्र के मामले में कौन सी राजनीति सामने आती है. आदिवासी संगठन बहुत पहले ही दान पत्र से हस्तांतरित सारी जमीनों को वापस करवाने की मांग करते रहे हैं, हालांकि उन जमीनों पर अब प्रवासी झारखंडियों की कॉलिनियां बस चुकी है, जो किसी भी सरकार के लिए खाली करवाना एक नामुमकिन टास्क है.