केवल भाजपा ही बचा सकती आदिवासियों का अस्तित्व, बांग्लादेशियों से बचाने छेड़ा जाएगा आंदोलन: चम्पाई सोरेन
कांग्रेस ने कभी अलग राज्य देने का कार्य नहीं किया
कांग्रेस हमेशा आदिवासियों की विरोधी रही है. यहां के आदिवासी अलग झारखंड राज्य व जल, जंगल, जमीन पर अधिकार की लडा़ई लड़ रहे थे. लेकिन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने कभी अलग राज्य देने का कार्य नहीं किया.
चाईबासा: पिछले वर्ष झामुमो के साथ आए थे इस बार भगवा रंग में पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन एवं मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई आदि भाजपा नेताओं ने गुवा गोलीकांड के शहीदों को रविवार को श्रद्धांजलि देने पहूंचे थे। इस दौरान पूर्व चंपाई सोरेन का जगन्नाथपुर से गुवा तक स्वागत जगह जगह जमकर किया गया। इसके बाद शहीदों को श्रद्दांजलि अर्पित की।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करने के क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने कहा कि कोल्हान की धरती पर जितने भी गोलीकांड हुए हैं वे सभी कांग्रेस सरकार में हुए. कांग्रेस हमेशा आदिवासियों की विरोधी रही है. गुवा अस्पताल में इलाज कराने गये आंदोलनकारियों को भी गोलियों से भून बर्बरता की सारी हदें कांग्रेस ने पार की. यहां के आदिवासी अलग झारखंड राज्य व जल, जंगल, जमीन पर अधिकार की लडा़ई लड़ रहे थे. लेकिन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने कभी अलग राज्य देने का कार्य नहीं किया.
उन्होने कहा की झारखंड के आदिवासियों का दर्द को भाजपा ने समझा एवं झारखंड अलग राज्य दिया. उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों का अस्तित्व बंगलादेशी खत्म करने का कार्य कर रहे हैं. संथाल की धरती से आदिवासियों व उनके अस्तित्व को बचाने का आंदोलन चलाकर बंग्लादेशियों के साजिश को नाकाम किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ही झारखंड का सर्वांगीण विकास, बंग्लादेशियों से आदिवासियों की रक्षा कर सकती है. एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि झामुमो को खड़ा हमने शिबू सोरेन के साथ कदम से कदम मिलाकर किया है. जहां तक झारखंड में कुछ बड़ा खेला करने की बात है तो जिस घर को बनाने में हम परिश्रम बहायें, एक-एक ईट को जोडे़, उस घर का एक भी ईट हम नहीं निकालेंगे.
शहीदों का सपना आज भी अधूरा
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि गुवा गोलीकांड के शहीदों का सपना आज भी पूरा नहीं हुआ है. जिन मांगों को लेकर यहां के आदिवासी शहीद हुये वह आज भी पूरा नहीं हुआ. वनों में रहने वाले लोगों को वनाधिकार पट्टा नहीं मिला, खदान नहीं खुलने से बेरोजगारी व पलायन जारी है. बेरोजगारों को न नौकरी मिला, न बेरोजगारी भत्ता मिला. यह सरकार जन विरोधी है जिसे अबकी बार जनता उखाड़ फेंकेगी.