चाईबासा: झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने काला बिल्ला लगाकर कार्य करने को लेकर उपायुक्त को सौंपा पत्र

दो दिन काला बिल्ला लगाकर करेंगे संघ के पदाधिकारी करेंगे कार्य

चाईबासा: झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने काला बिल्ला लगाकर कार्य करने को लेकर उपायुक्त को सौंपा पत्र
उपायुक्त को पत्र सौंपते झासा के पदाधिकारी

चाईबासा: झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी के निर्णय के आलोक में 12 और 13 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर कार्य करने के संबंध में उपायुक्त को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगाकर कार्य करने को लेकर मांग पत्र सौंपा। झारखंड प्रशासनिक सेवा के लम्बित मुद्दों के संबंध में राज्य सरकार के द्वारा उदासीन रवैया अपनाए जाने को लेकर यह निर्णय लिया गया है। इसके आलोक में जिले में पदस्थापित झारखंड प्रशासनिक सेवा के सभी पदाधिकारी आज और कल बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं। जिला ईकाई के सदस्यों ने मुख्य सचिव के नाम उपायुक्त को मांग पत्र भी सौंपा है।

इसमें कहा गया है कि संघ ने अपनी सेवा के लंबित मुद्दों को समय-समय पर भवदीय एवं राज्य सरकार के विभिन्न पदाधिकारियों के समक्ष रखा है। परंतु बहुत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि अब तक कुछ मांगों को छोड़कर हमारी प्रमुख मांगों पर आश्वासन के अलावा कुछ प्राप्त नहीं हुआ है। सरकार के इस उदासीन रवैया से संघ के पदाधिकारी अत्यंत हतोत्साहित हैं एवं उनमें सरकार के प्रति आक्रोश है। यह ज्ञात हो रहा है कि झारखंड प्रशासनिक सेवा की सेवा पुनर्गठन के नाम पर बिहार प्रशासनिक सेवा का हूबहू मॉडल हम पर थोपा जा रहा है। संघ झारखंड प्रशासनिक सेवा का पुनर्गठन चाहती है परंतु यह बिहार मॉडल पर आधारित नहीं होना चाहिए।

इसके अलावा सेवा संरचना का सुधार कर उसे बेहतर बनाने के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा गैर राज्य असैनिक सेवा के पदाधिकारी को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति देने की अहर्त्ता को क्षांत किया गया है। संघ इसका पुरजोर विरोध करता है तथा कैबिनेट के निर्णय को निरस्त करने की माँग करती है। इन सेवाओं के पदाधिकारी अब मात्र 17 वर्ष में भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नत हो पाएंगे जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को यह स्थान पाने में 25 वर्षों से भी अधिक का समय लग जाता है। इन परिस्थितियों से सेवा के पदाधिकारी जो दिन रात खून पसीना एक कर सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतरते हैं, वे स्वयं को अत्यधिक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

 

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दिनांक 10 सितंबर 2024 को अनुमंडल पदाधिकारी से अपर समाहर्त्ता एवं समकक्ष स्तर पर प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक होने वाली थी। अकारण ही यह बैठक अचानक स्थगित कर दी गई। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संघ के पदाधिकारी को अपनी छोटी-छोटी बातों के लिए भी एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। यदि ससमय प्रोन्नति भी नहीं हो तो ऐसी स्थिति में सभी पदाधिकारियों का मनोबल बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।जबकी संघ के द्वारा इसके अलावा पूर्व से लंबित मांगे निम्नलिखित है :-

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1. झारखण्ड प्रशासनिक सेवा को प्रीमियर सेवा घोषित करते हुए सम्पूर्ण कैडर संरचना को पुनर्गठित किया जाए। अनुमण्डल पदाधिकारी/ अवर सचिव से अन्यून स्तर के सभी चिन्हित पदों का पुनरीक्षण किया जाए एवं प्रशासनिक सेवा हेतु सभी स्तरों पर पदों को कर्णांकित किया जाए।

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2. विभागाध्यक्ष तथा उपायुक्त के पदों को झारखण्ड प्रशासनिक सेवा हेतु कर्णांकित किया जाए।
[12/09, 12:36] बस केवल काम की बात करें: 3. अपर सचिव के लिए L 13A (लेवल-13A) और विशेष सचिव के लिए L-14 (लेवल-14) वेतनमान की स्वीकृति दी जाए।

4. झारखण्ड प्रशासनिक सेवा संघ के कार्यालय हेतु राँची में तीन एकड़ भूमि एक रूपये टोकन पर उपलब्ध कराई जाए।

5. वर्ष में दो बार नियमित रूप से विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक की जाए ताकि प्रोन्नति हेतु योग्य पदाधिकारियों को समय पर प्रोन्नति दी जा सके।

6. प्रोन्नत पदाधिकारियों को नए पदों पर पदस्थापित करने के बजाए पदों को उत्क्रमित करने की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए तथा ऐसे

पदाधिकारियों को अविलम्ब प्रोन्नत पदों पर पदस्थापित किया जाए। 7. पदाधिकारियों को पदास्थापन हेतु प्रतीक्षारत रखने की परिपाटी को समाप्त किया जाए एवं इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा निर्गत निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किया जाए।

8. क्षेत्र में काम करने वाले पदाधिकारियों पर कार्य का बहुत दबाव है एवं संसाधनों की कमी है। इसका समुचित आकलन करते हुए क्षेत्र में कार्य करने वाले पदाधिकारियों के कार्य करने की स्थिति में अविलंब सुधार होना चाहिए।

9. Revenue Authorities Protection Act को अधिसूचित किया जाए।

10. केन्द्र सरकार के नियमों के आलोक में LTC की व्यवस्था की जाए।

11. जिन पदाधिकारियों को MACP का लाभ दिया जाना लंबित है उन्हें यह लाभ अविलम्ब दिया जाए।

12. उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु सवैतनिक अवकाश की स्वीकृति प्रदान की जाए।

13. केन्द्र सरकार द्वारा अपने कर्मियों / पदाधिकारियों को दिये जाने वाले Child Education Allowance की तर्ज पर झारखण्ड सरकार के कर्मियों / पदाधिकारियों को भी यह सुविधा दी जाय।

इन मांगों पर पिछले वर्ष भी आश्वासन मिला था परंतु एक साल बीत जाने के बाद भी हमारी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी इन घटनाओं से आहत है तथा उनमें व्याप्क रोष व्याप्त है।संघ के पदाधिकारी दिनांक 12 एवं 13 सितम्बर 2024 को सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे एवं तब तक हमारी माँगो के प्रति कोई ठोस प्रगति नहीं होने पर संघ के पदाधिकारी चरणबद्ध आदोलन के लिए बाध्य हो जाएँगे।

Edited By: Shailendra Sinha

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