Ranchi News: दुर्गा पूजा के अवसर पर जीडी गोयनका विद्यालय में कलारीपयट्टू मार्शल आर्ट कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम में विभिन्न युद्ध कलाओं का किया गया प्रदर्शन
समस्त मार्शल आर्ट की जननी कलारीपयट्टू भारत की एक प्राचीन युद्ध कला है, जिसकी उत्पत्ति 11वीं-12वीं शताब्दी के दौरान केरल में मानी जाती है.
रांची: शक्ति रूपिणी मां दुर्गा के पूजन के अवसर पर जीडी गोयनका विद्यालय के प्रांगण में आज स्पीक मैक के द्वारा कलारीपयट्टू मार्शल आर्ट में शक्ति प्रदर्शन किया गया. स्पीक मैके का उद्देश्य भारतीय संस्कृतिक विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में युवाओं में जागरूकता बढ़कर इसमें निहित मूल्यों को आत्मसात करना है. समस्त मार्शल आर्ट की जननी कलारीपयट्टू भारत की एक प्राचीन युद्ध कला है, जिसकी उत्पत्ति 11वीं-12वीं शताब्दी के दौरान केरल में मानी जाती है. कलारीपयट्टू के प्रदर्शन में विभिन्न युद्ध कलाओं, मल्लक्रीडा तथा अनेकों एनिमल पोस्चर्स के द्वारा युद्ध कला का प्रदर्शन गया गया. कलारीपयट्टू में हमले, पैरों से मारना, मल्लयुद्ध, पूर्व निर्धारित तरीके, हथियारों के जखीरें शामिल थे.
समस्त प्रदर्शनकर्ता पूर्ण रूप से प्रशिक्षित अनुशासित एकाग्र और स्फूर्तीयुक्त थे. उनकी प्रदर्शनी देखकर सभी अभिभावक,छात्रगण प्रसन्नचित्र हुए. इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि इन कलाओं को सीखने से छात्रों के अंदर एकाग्रता बढ़ती है और अपने प्रतिद्वंदी के साथ कैसा व्यवहार करना है इसका भी ज्ञान होता है. विद्यालय के वाइस चेयरमैन अमन सिंह ने प्रदर्शनकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कलारीपयट्टू का शिक्षण छात्रों के जीवन में ऊर्जा का संचार करता है और उन्हें अटैक के साथ-साथ डिफेंस भी सीखता है. छात्रों में आलस को खत्म करके शरीर लचीला और मजबूत भी बनता है. इस कला का ज्ञान छात्र जीवन में अत्यंत आवश्यक है.