हुसैनाबाद में ‘बंद घड़ी’ को चालू करने की कवायद, अजित पवार से जल्द हो सकती है मुलाकात
कमलेश सिंह की पहचान रही है घड़ी
कमलेश सिंह घड़ी का चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ते रहे हैं. हुसैनाबाद के मतदाताओं को घड़ी चुनाव चिह्न याद दिलाने की विशेष जरुरत भी नहीं है, शायद यही कारण है कि हुसैनाबाद की सियासत में एक बार फिर से बंद घड़ी की एंट्री होने जा रही है
रांची: एनसीपी की जिस घड़ी को दो दशक तक हाथ में बांधने के बाद मौजूदा विधायक कमलेश सिंह ने कमल की सवारी करने का फैसला किया, अब एक बार फिर से उस बंद घड़ी को चालू करने की कवायद शुरु हो चुकी है. इंतजार सिर्फ भाजपा की ओर से प्रत्याशी का एलान किया जा रहा है, जैसे ही भाजपा की ओर से कमलेश सिंह को प्रत्याशी घोषित करने का एलान किया जाता है. एनसीपी की यह बंद घड़ी एक दूसरे कलाई पर बंधी नजर आयेगी. मौजूदा समय में भाजपा का कार्यकर्ता और हुसैनाबाद में लम्बे समय से सक्रिय रहे, एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम सार्वजनिक नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि उनकी ओर से अजित पवार से सम्पर्क साधने की कोशिश की गयी थी, उस ओर से सकारात्मक जवाब आया है, जैसे ही भाजपा की ओर से प्रत्याशी का एलान कर दिया जाता है, वह एनसीपी की घड़ी पहनकर मैदान में होंगे. दावा है कि हुसैनबाद का जातीय और सामाजिक समीकरण उनके पक्ष में है. जिस अगड़ी जाति से वह खुद आते हैं, उसकी आबादी हुसैनाबाद में करीबन 50,000 हजार की है, इसके साथ ही 25,000 मुस्लिम और दूसरे सामाजिक वर्गों का समर्थन मिल सकता है.
इस सवाल के जवाब में कि अभी से ही अपनी उम्मीदवारी का एलान क्यों नहीं करते हैं, उनका दावा है कि भाजपा एक अजगर है, यदि अभी से उम्मीदवारी का एलान किया तो पूरा खेल बिगड़ सकता है. हालांकि प्रकारांतर से कैम्पेन की शुरुआत भी हो चुकी है, लेकिन, यह सब कुछ एक अलग अंदाज में किया जा रहा है.
कमलेश सिंह की पहचान रही है घड़ी
आपको बता दें कि पिछले कई वर्षों से कमलेश सिंह घड़ी का चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ते रहे हैं. हुसैनाबाद के मतदाताओं को घड़ी चुनाव चिह्न याद दिलाने की विशेष जरुरत भी नहीं है, शायद यही कारण है कि हुसैनाबाद की सियासत में एक बार फिर से बंद घड़ी की एंट्री होने जा रही है