हिमंता विश्व सरमा के बयान पर सियासत तेज! संजीव सरदार ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
एक्स हैंडल पर संजीव सरदार ने साधा निशाना
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झामुमो और कई दूसरे राजनीतिक दलों के द्वारा विभिन्न पर्व त्योहारों और झारखंड स्थापना दिवस को देखते हुए 15 नंवबर के बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया गया था. उस वक्त भी चुनाव आयोग के द्वारा इस बात का आश्वासन दिया गया थी, चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी करने के वक्त इसका ध्यान रखा जायेगा, लेकिन 15 नवंबर से ठीक एक माह पहले ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का फैसला कर लिया गया.
रांची: असम सीएम और झारखंड में भाजपा के चुनाव प्रभारी हिमंता विस्व सरमा के एक बयान के बाद झारखंड में एक नये विवाद की शुरुआत होती दिख रही है. पोटका विधायक संजीव सरदार ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि आखिर यह कैसे संभव है कि चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचना जारी करने के पहले ही इसकी खबर हिमंता विस्व सरमा को लग जाय. क्या यह महज संयोग है कि एक तरफ हिमंता 15 नवम्बर को चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने का दावा करते हैं, और ठीक उसी दिन चुनाव आयोग की ओर से भी अधिसूचना जारी करने की खबर आती है. आखिर हिमंता विश्व सरमा को इसकी खबर कैसे लगी.
अपने एक्स हैंडल पर संजीव सरदार ने साधा निशाना
देश के विभिन्न प्रदेशों में चुनाव के समय या चुनाव आयोग से जुड़ी खबरे निकल करके बाहर आती है वह दर्शाता है कि भाजपा की कठपुतली बनकर काम कर रही है, जबकि के.चु.आ को निष्पक्ष हो काम करना चाहिए है।
असम के मुख्यमंत्री झारखंड आ कर चुनाव की तारीख पर बयान देते है कि 15 अक्टूबर को घोषणा… — Sanjib Sardar- MLA, Potka (@SanjibSardar46) October 15, 2024
संजीव सरदार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि देश के विभिन्न प्रदेशों में चुनाव के समय या चुनाव आयोग से जुड़ी खबरे निकल करके बाहर आती है वह दर्शाता है कि “भाजपा की कठपुतली बनकर काम कर रही है, जबकि के.चु.आ को निष्पक्ष हो काम करना चाहिए है। असम के मुख्यमंत्री झारखंड आ कर चुनाव की तारीख पर बयान देते है कि 15 अक्टूबर को घोषणा होगी और ठीक चुनाव आयोग भी इसी दिन चुनाव की घोषणा करने का एलान करता है। तो क्या आयोग भाजपा की कठपुतली नहीं बन गया है, क्या इससे उनके निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते है।“
15 नवंबर के बाद अधिसूचना जारी करने का किया गया था अनुरोध
दरअसल झामुमो और कई दूसरे राजनीतिक दलों के द्वारा विभिन्न पर्व त्योहारों और झारखंड स्थापना दिवस को देखते हुए 15 नंवबर के बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया गया था. उस वक्त भी चुनाव आयोग के द्वारा इस बात का आश्वासन दिया गया थी, चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी करने के वक्त इसका ध्यान रखा जायेगा, लेकिन 15 नवंबर से ठीक एक माह पहले ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का फैसला कर लिया गया. चुनाव आयोग के इस फैसले पर झामुमो की ओर से तंज कसते हुए कहा गया है कि बॉस ने सब सेट कर दिया है. बीजेपी के चुनाव प्रभारी के दावे के अनुसार ही चुनावों की घोषणा हो रही है.