Jharkhand breaking
समाचार  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

“भाजपा से दलितों का मोह भंग” उमाकांत रजक और केदार हाजरा प्रमाण- सुप्रियो भट्टाचार्य

“भाजपा से दलितों का मोह भंग” उमाकांत रजक और केदार हाजरा प्रमाण- सुप्रियो भट्टाचार्य आजसू की 10 सीट मिलने पर तंज कसते हुए सुप्रियो ने कहा कि 2019 में आजसू गांव की सरकार बनाने चली थी, और इस बार 10 सीट पर सिमट गयें. इसमें बामुश्किल दो को जीत मिलेगी, फिर कैसे बनेगी गांव की सरकार, वहीं जदयू को निशाने पर लेते कहा कि जिसके कंधों  पर केन्द्र की सरकार चल रही है.  दो सीटों की भीख मांग रहा है. यही इनकी सियासी ताकत है.
Read More...
विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  झारखण्ड 

एनडीए का सीट शेयरिंग फाइनल: भाजपा-68, आजसू-10, जदयू-2 और लोजपा के हिस्से एक सीट

एनडीए का सीट शेयरिंग फाइनल: भाजपा-68, आजसू-10, जदयू-2 और लोजपा के हिस्से एक सीट सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में जयराम बनाम सुदेश महते का संग्राम भी देखने को मिलेगा. दरअसल आजसू के हिस्से सिल्ली, ईचागढ़, बोमिया, रामगढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर की सीट गयी है. जिसमें सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में सुदेश महतो के खिलाफ जयराम महतो अपनी नई नवेली पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के तहत ताल ठोकते नजर आयेंगे
Read More...
समाचार  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

हिमंता विश्व सरमा के बयान पर सियासत तेज! संजीव सरदार ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल

हिमंता विश्व सरमा के बयान पर सियासत तेज! संजीव सरदार ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल झामुमो और कई दूसरे राजनीतिक दलों के द्वारा विभिन्न पर्व त्योहारों और झारखंड स्थापना दिवस को देखते हुए 15 नंवबर के बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया गया था. उस वक्त भी चुनाव आयोग के द्वारा इस बात का आश्वासन दिया गया थी, चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी करने के वक्त इसका ध्यान रखा जायेगा, लेकिन 15 नवंबर से ठीक एक माह पहले ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का फैसला कर लिया गया.
Read More...
समाचार  राज्य  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पक्ष में कांग्रेस ने खोला मोर्चा! ईडी की छापेमारी पर खड़ा किया सवाल

मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पक्ष में कांग्रेस ने खोला मोर्चा! ईडी की छापेमारी पर खड़ा किया सवाल आपको इसका अंतर भी समझना चाहिए, गो गो दीदी योजना एक पार्टी की कार्यक्रम है, जबकि मंईयां सम्मान योजना सरकार की योजना है. जरा याद कीजिए कि जब मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत हुई थी, तब भाजपा ने इसकी कितनी खिल्ली उड़ायी थी, लेकिन आज उसी योजना के कारण वह मुकाबला शुरु होने के पहले ही मुकाबले से बाहर दिखलायी पड़ रही है
Read More...
समाचार  राज्य  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

भाजपा में शामिल नहीं होने का नतीजा है ईडी की छापेमारी: मंत्री मिथिलेश ठाकुर

भाजपा में शामिल नहीं होने का नतीजा है ईडी की छापेमारी: मंत्री मिथिलेश ठाकुर आज सुबह से ही मिथिलेश ठाकुर के पीएएस हरेंद्र सिंह, भाई विनय सिंह और आईएस मनीष रंजन से जुड़े करीबन 20 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की जा रही है. इसके साथ ही चाईबास स्थित मिथिलेश ठाकुर के आवास को भी खंगाला जा रहा है. ब
Read More...
समाचार  राज्य  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

दिउड़ी दिरी विवाद में जेल में बंद आन्दोनकारियों को जमानत, फूल-माले के साथ हुआ स्वागत

दिउड़ी दिरी विवाद में जेल में बंद आन्दोनकारियों को जमानत, फूल-माले के साथ हुआ स्वागत पिछले दिनों बंगाल, ओडिशा और झारखंड से आदिवासियों का जुटान हुआ था, जिसके बाद सीएम हेमंत का पुतला जलाने का निर्णय लिया गया था. और अब इस मामले में जेल में बंद आन्दोलनकारियों का फूल माले के साथ स्वागत किया जा रहा है
Read More...
समाचार  राज्य  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  दिल्ली  झारखण्ड 

हरियाणा की ओर से देशवासियों के लिए जलेबियां, अब झारखंड और महाराष्ट्र की बारी: अमर बाउरी

हरियाणा की ओर से देशवासियों के लिए जलेबियां, अब झारखंड और महाराष्ट्र की बारी: अमर बाउरी यदि लोकसभा चुनाव परिणामों से इंडिया गठबंधन ने सबक नहीं सीखा, सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश नहीं की. कांग्रेस सीटों की संख्या पर अड़ी रही तो झारखंड में भी कमल खिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.   
Read More...
समाचार  विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

बड़ी कठिन है डगर पनघट की, पूर्वी जमशेदपुर में सरयू राय के खिलाफ भाजपा की घेराबंदी!

बड़ी कठिन है डगर पनघट की, पूर्वी जमशेदपुर में सरयू राय के खिलाफ भाजपा की घेराबंदी! इस बार पूर्वी जमशेदपुर से कांग्रेस पूर्व सांसद अजय कुमार को मैदान में उतराने पर विचार कर रही है. यानि रघुवर दास के इंट्री के साथ ही मुकाबला त्रिकोणीय शक्ल अख्तियार कर सकता है. उस हालत में कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटरों के साथ ही पिछड़ी जातियों और साधने की चुनौती होगी, वैश्य जाति जिसे पहले भाजपा का कोर वोटर माना जाता है, बदले हालात में रघुवर दास के खड़ा नजर आयेगा, लेकिन हार-जीत का दामोदार दूसरी पिछड़ी जातियों के चुनावी रुख पर निर्भर होगा. पूर्वी जमशेदपुर में कुर्मी जाति के साथ ही दलित और आदिवासी मतदाताओं की भी एक ठीक-ठाक आबादी है, और यदि यह आबादी कांग्रेस के साथ खड़ी हो गयी, तो फिर सरयू राय की हालत क्या होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है
Read More...
विधानसभा चुनाव 2024  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

हेमंत की बढ़ी दाढ़ी में हाथ से निकल गयी लोकसभा की तीन सीटें, अब बताया पक्का अपराधी

हेमंत की बढ़ी दाढ़ी में हाथ से निकल गयी लोकसभा की तीन सीटें, अब बताया पक्का अपराधी उग्र हिन्दुत्व के चेहरे के रुप में हिमंता विस्व सरमा हर दिन एक नया मोर्चा खोल रहे हैं. अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं, इधर बाबूलाल पुराने ढर्रे की राजनीति में फंसे थें और यही कारण है कि सीएम चेहरे की रेस में भी पिछड़ते नजर आ रहे थें. हालांकि आज भी भाजपा में जिन चेहरों को सीएम पद का भावी दावेदार माना जा रहा, अर्जुन मुंडा से लेकर चंपाई सोरेन तक में उस आक्रमता का अभाव  है, लेकिन चंपाई सोरेन जरुर अपने को बदलते दिख रहे हैं
Read More...
विधानसभा चुनाव 2024  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

जेल से पक्का अपराधी बन कर लौटे हैं हेमंत: बाबूलाल मरांडी

जेल से पक्का अपराधी बन कर लौटे हैं हेमंत: बाबूलाल मरांडी हेमंत सोरेन किसी जन आंदोलन में नहीं, भ्रष्टाचार के मामले में जेल गये थें और पक्का अपराधी बनकर लौटे हैं. जेल से लौटते ही आदिवासी अस्मिता को तार-तार करने वाले कदम उठाए. सत्ता के बिना एक दिन भी चैन नहीं मिला, इस बेचैनी में चंपाई सोरेन से कुर्सी छीन ली गयी.
Read More...
विधानसभा चुनाव 2024  बड़ी खबर  राजनीति  रांची  झारखण्ड 

झामुमो को चाहिए बाबूलाल! भाजपा में फूट डालने की रणनीति या आसान चारे की खोज

झामुमो को चाहिए बाबूलाल! भाजपा में फूट डालने की रणनीति या आसान चारे की खोज जहां तक सर्वे का सवाल तो, वह भी संदेहास्पद है, क्योंकि इस सर्वे में इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि उसका सैंपल साइज क्या है? कितने लोगों से राय ली गयी है, और जिन लोगों से राय ली गयी है, उनका सामाजिक आधार क्या है? वह आदिवासी-मूलवासी समाज से हैं या शहरी मतदाता, सर्वे में कुछ भी साफ नहीं है. लेकिन मूल सवाल यह है कि क्या बाबूलाल मरांडी को इतनी आसानी से खारिज किया जा सकता है
Read More...

Advertisement