एनडीए का सीट शेयरिंग फाइनल: भाजपा-68, आजसू-10, जदयू-2 और लोजपा के हिस्से एक सीट
अब रोचक होने वाला है पश्चिमी जमशेदपुर का सियासी संघर्ष
सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में जयराम बनाम सुदेश महते का संग्राम भी देखने को मिलेगा. दरअसल आजसू के हिस्से सिल्ली, ईचागढ़, बोमिया, रामगढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर की सीट गयी है. जिसमें सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में सुदेश महतो के खिलाफ जयराम महतो अपनी नई नवेली पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के तहत ताल ठोकते नजर आयेंगे
रांची: राज्य में जारी सियासी संग्राम के बीच एनडीए का सीट शेयरिंग का फार्मूला सामने आ चुका है, आज राजधानी रांची स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में घटक दलों की मौजूदगी में इसकी तस्वीर साफ कर दी गयी. इसके अनुसार भाजपा-68, आजसू-10, जदयू-2 और लोजपा- 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी. आजसू के हिस्से सिल्ली, ईचागढ़, बोमिया, रामगढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर की सीट आयी है, जदयू को पच्छिमी जमशेदपुर और तमाड़ की सीट दी गयी है, जबकि लोजपा के हिस्से चतरा की सीट मिली है, हालांकि इस सूची में हम पार्टी के लिए कोई भी सीट नहीं है. जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से झारखंड एनडीए के तहत सीटों की मांग पर अड़े थें, उनका दावा था कि यदि हम को झारखंड एनडीए का हिस्सा नहीं बनाया जाता है तो हम भी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.
अब रोचक होने वाला है पश्चिमी जमशेदपुर का सियासी संघर्ष
यहां याद रहे कि पश्चिमी सीट जदयू के हिस्से आयी है, जिसके बाद सरयू राय का पूर्वी जमशेदपुर से बजाय अब पश्चिमी जमशेदपुर से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. हालांकि सरयू राय की चाहत पूर्वी जमशेदपुर सीट के अखाड़े में उतरने की थी. लेकिन अब जब पश्चिमी जमशेदपुर की सीट जदयू के हवाले की गई है, उसके बाद सरयू राय का एक बार फिर से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ना तय है.
पश्चिमी जमशेदपुर से पहले भी जीत दर्ज कर चुके हैं सरयू राय
आपको याद दिला दें कि सरयू राय 2005 और 2014 में जीत दर्ज कर चुके हैं, लेकिन वर्ष 2009 में उन्हे बन्ना गुप्ता के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के उन्होंने वर्ष 2019 में पूर्वी जमशेदपुर से रघुवर दास के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया. उस मुकाबले में सरयू राय की जीत भी मिली. इस बार सरयू राय की कोशिश एक बार फिर से पश्चिमी जमशेदपुर के सियासी अखाड़े में उतरने की थी. वह बार-बार यह दावा दोहरा रहे थें कि वह किसी भी कीमत पर पश्चिमी जमशेदपुर के अखाड़े से वापस नहीं हटेंगे और दावा किया जाता है कि इसी चाहत में जदयू का दामन थामा था, दावा यह भी किया जाता है कि उनकी पहली कोशिश भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे की थी, लेकिन रघुवर दास के हस्तक्षेप के कारण भाजपा में एंट्री नहीं मिली और उसके बाद जदयू के रास्ते एनडीए का हिस्सा बनना पड़ा. जहां तक पश्चिमी जमशेदपुर सीट की बात है, तो यहां भी उनके सामने बन्ना गुप्ता की मजबूत चुनौती मिलने वाली है.
इस सीट शेयरिंग के बाद रघुवर दास की वापसी को लेकर भी चर्चा तेज हो चुकी है. दावा किया जा रहा है कि रघुवर दास एक बार फिर से पूर्वी जमशेदपुर से मोर्चा संभाल सकते हैं, हालांकि फिलहाल वह ओडिसा के राज्यपाल है. इस हालत में देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में रघुवर दास कौन सा फैसला लेते हैं. एक खबर यह भी है कि रघुवर दास इस सीट से अपने किसी परिजन को चुनावी अखाड़े में उतारना चाहते हैं. पतोह पूर्णिमा ललित दास के बारे में चुनाव लडऩे की चर्चा तेज है, देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में पूर्वी जमशेदपुर की सियासत में कौन सा रंग सामने आता है. लेकिन इसके साथ ही इस बार पश्चिमी जमशेदपुर का सियासी संघर्ष भी रोचक होने वाला है.
तमाड़ से विकास मुंडा के खिलाफ राजा पीटर होंगे जदयू का चेहरा
इसके साथ ही जदयू के हिस्से तमाड़ की सीट भी आयी है. दावा किया जा रहा है कि तमाड़ में जदयू राजा पीटर को अपना उम्मीदवार बनाने जा रही है, तमाड़ जदयू की पुरानी सीट रही है, मौजूदा विधायक विकास कुमार मुंडा के पिता रमेश सिंह मुंडा भी जदयू और समता पार्टी के चुनाव चिह्न पर तमाड़ से जीत दर्ज कर चुके हैं, उनकी हत्या के बाद जदयू ने राजा पीटर को अपना चेहरा बनाया था, हालांकि राजा पीटर का नाम रमेश सिंह हत्या कांड में उछला था, इस मामले में उन्हे अभियुक्त भी बनाया गया था, लेकिन फिलहाल उस मामले में राजा पीटर को राहत मिल चुकी है, हालांकि मामला अभी चल रहा है, इस बीच राजा पीटर ने एक लम्बा अर्सा जेल में बिताया है. फिलहाल बाहर है.
सामने आयेगा सुदेश बनाम जयराम का सियासी संघर्ष
इसके साथ ही अब सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में जयराम बनाम सुदेश महते का संग्राम भी देखने को मिलेगा. दरअसल आजसू के हिस्से सिल्ली, ईचागढ़, बोमिया, रामगढ़, मांडू, जुगसलाई, डुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर की सीट गयी है. जिसमें सिल्ली, गोमिया, रामगढ़, मांडू, डुमरी में सुदेश महतो के खिलाफ जयराम महतो अपनी नई नवेली पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के तहत ताल ठोकते नजर आयेंगे. एक खबर यह भी है कि आजसू की नजर अभी भी टूंडी विधानसभा पर लगी हुई है. तरीके जयराम महतो ने जिस तरीके से छात्र नेता देवेन्द्रनाथ महतो को सिल्ली के अखाड़े में उतार दिया है, उसके बाद आजसू सुप्रिमो सुदेश महतो की सामने मुश्किल खड़ी हो गयी है, माना जाता है कि इस बार सिल्ली में त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है, पूर्व विधायक अमित महतो भी सिल्ली के अखाड़े में उतरने का एलान कर चुके हैं, हालांकि अभी यह बात स्पष्ट नहीं है कि वह झामुमो के चुनाव चिह्न पर अखाड़े में उतरेंगे या फिर अपनी पार्टी के बनैर तले मोर्चा संभालेंगे.
सिल्ली के त्रिकोणीय मुकाबले में संकट में सुदेश
आपको बता दें कि 1932 के खतियान के सवाल पर अमित महतो ने झामुमो का साथ छोड़ते हुए अपनी राजनीति पार्टी का गठन किया था. लेकिन अब जब हेमंत सरकार 1932 के खतियान पर स्टैंड लेते हुए उस आशय का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर राज्यपाल को भेज दिया है, और मामला अटका हुआ है, इस हालत में अमित महतो का झामुमो में वापसी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता,