Jharkhand assembly Election 2024
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Read More... आदिवासी समाज के अस्तित्व के लिए एनआरसी जरुरी: बाबूलाल मरांडी
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By Devendra Kumar
1951 के जनगणना के अनुसार, झारखंड में जनजातीय समुदाय की आबादी 36% थी, जो 2011 की जनगणना में घटकर 26% हो गई है। वहीं मुसलमानों की आबादी 9% से बढ़कर लगभग 14.5% तक जा पहुँची है। इसी दरम्यान हिंदुओं की आबादी भी लगभग 7% घटकर 88% से 81% पर पहुँच गई है
Read More... हिमंता विश्व सरमा के बयान पर सियासत तेज! संजीव सरदार ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर उठाये सवाल
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By Devendra Kumar
झामुमो और कई दूसरे राजनीतिक दलों के द्वारा विभिन्न पर्व त्योहारों और झारखंड स्थापना दिवस को देखते हुए 15 नंवबर के बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया गया था. उस वक्त भी चुनाव आयोग के द्वारा इस बात का आश्वासन दिया गया थी, चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी करने के वक्त इसका ध्यान रखा जायेगा, लेकिन 15 नवंबर से ठीक एक माह पहले ही चुनाव की अधिसूचना जारी करने का फैसला कर लिया गया.
Read More... विधानसभा चुनाव 2024: पलामू की वह चार सीटें जहां लग सकता है भाजपा को झटका
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By Devendra Kumar
आलोक चौरसिया को एंटी इन्कमबैंसी का सामना करना पड़ना रहा है, ठीक यही हालत विश्रामपुर से लगातार वर्ष 2014 और 2019 में कमल खिलाने वाले राम चन्द्रवंशी की बतायी जा रही है. हालांकि यहां कांग्रेस के पास कोई मजबूत चेहरा नहीं है, वर्ष 2019 में राजेश मेहता ने बसपा के टिकट पर अखाड़े में उतर कर मजबूत चुनौती पेश की थी. यदि इस बार कांग्रेस अपने प्रत्याशी में बदलाव करती है, तो चन्द्रवंशी के सामने भी मुश्किल खड़ी हो सकती है,
Read More... टाइगर जयराम का एलान, डुमरी से मंत्री बेबी देवी के खिलाफ ठोकेंगे ताल
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By Devendra Kumar
हाल के दिनों में टाइगर जयराम महतो की टीम में एक बड़ी टूट हुई है, संजय मेहता जैसा खासमखास भी साथ छोड़ चुका है, व्यक्ति केन्द्रीत राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है. जानकारों का दावा है कि अभी तो महज छह सीटों के लिए प्रत्याशियों का एलान किया है, जैसे ही यह सूची और भी लम्बी होती है, एक बार फिर बगावत के स्वर बुलंद होने लगेंगे.
Read More... कमलेश सिंह की एंट्री का साइड इफेक्ट! 'कमल' छोड़ने की तैयारी में हुसैनाबाद में भाजपा कार्यकर्ता
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By Devendra Kumar
भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही आजसू की चाहत भी इस सीट से चुनावी अखाड़े में उतरने की थी. 2014 में बसपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचने वाले कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी फिलहाल आजसू के साथ है, शिवपूजन मेहता ने वर्ष 2019 में भी आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उस मुकाबले में शिवपूजन मेहता को कोई खास सफलता नहीं मिली थी. तब शिवपूजन मेहता क 15 हजार वोट के साथ चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा था, इस बार भी शिवपूजन मेहता अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है.
Read More... पीएम मोदी का हेमंत सरकार पर बड़ा हमला, राशन का पैसा डकारने का आरोप
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By Devendra Kumar
पीएम मोदी ने हेमंत सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए दावा किया कि हेमंत सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं में भी भ्रष्टाचार करने से पीछे नहीं हट रही है. जल जीवन मिशन में भी जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है. हालत तो यह है कि नेताओं नौकरों के आवास से भी करोड़ों की राशि बरामद हो रही है.
Read More... झारखंड के साथ भाजपा का रिश्ता खास, दौड़ा चला आता हूं- पीएम मोदी
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By Devendra Kumar
परिवर्तन महासभा से आरापों की बौछार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी आदिवासी समाज का दर्द नहीं समझा, कभी उसके सपनों को महत्व प्रदान नहीं किया. सारी योजनाएं एक परिवार के बेटे बेटियों के नाम पर चलायी जाती रही. हर सड़क, हर इमारत पर एक परिवार का नाम कर दिया गया. इस परिवारवादी सोच के कारण देश का नुकसान हुआ.
Read More... रघुवर के पेच में सरयू राय! निर्दलीय ठोका ताल तो बिगड़ सकता है पूर्वी जमेशदपुर का खेल
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By Devendra Kumar
इस बार पूर्वी जमशेदपुर से कांग्रेस पूर्व सांसद अजय कुमार को मैदान में उतराने पर विचार कर रही है. यानि रघुवर दास के इंट्री के बाद मुकाबला त्रिकोणीय शक्ल इख्तियार कर सकता है. उस हालत में कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटरों के साथ ही पिछड़ी जातियों और साधने की चुनौती होगी, वैश्य जाति जिसे पहले भाजपा का कोर वोटर माना जाता है, जो बदले हालात में रघुवर दास के खड़ा हो सकती है, लेकिन हार-जीत का दामोदार दूसरी पिछड़ी जातियों के चुनावी रुख पर निर्भर होगा.
Read More... कैसे होगा कमलेश सिंह का बेड़ा पार! हुसैनाबाद में दलबदलुओं का जमानत जब्त होने का पुराना इतिहास
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By Devendra Kumar
भाजपा के अंदर यह सवाल उठ रहा था कि अगर गठबंधन में भाजपा एनसीपी प्रत्याशी कमलेश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाती है तो फिर इस बात की क्या गारंटी है कि पाला बदलने में माहिर एनसीपी विधायक कमलेश सिंह भाजपा के साथ ही रहेंगे. भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर पूर्व के राजनीतिक घटनाक्रम को देखा जाये तो 2005 एनसीपी यूपीए घटक का हिस्सा होते हुए झामुमो के शिबू सोरेन को समर्थन देने के तुरंत बाद वापस भी ले लिया था और शिबू सोरेन की सरकार गिर गयी थी. फिर एनसीपी ने भाजपा के अर्जुन मुंडा को समर्थन दिया और फिर अर्जुन मुंडा की सरकार को अपदस्थ कर निर्दलीय मधु कोड़ा सरकार को समर्थन दे दिया था. वर्ष 2019 में एकबार फिर एनसीपी विधायक ने हेमंत सोरेन सरकार को चार साल समर्थन दिया और पांचवे साल समर्थन वापस लेकर एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर दी.
Read More... क्रांति के पहले 'बगावत'! जयराम को जय राम! बिखरने लगा टाइगर का कुनबा
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By Devendra Kumar
हुत आश्चर्य नहीं हो कि देवेन्द्रनाथ महतो भी संजय मेहता का राह चलता नजर आयें. संजय मेहता के सामने अब मांडू, बड़कागांव और हजारीबाग सदर का विकल्प खुला है, अब यह उनका फैसला होगा. हालांकि इस फैसले का चुनावी अखाड़े में क्या हश्र होगा, यह भी देखने वाली बात होगी. जमीनी ताकत की अंतिम परीक्षा तो जंगे-ए -मैदान में ही होती है.
Read More... इन 12 सीटों पर नीतीश की नजर! बिहार में सियासी पलटी से झारखंड में भी बिगड़ सकता है खेल
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By Devendra Kumar
सबसे हॉट केक पूर्वी जमशेदपुर की सीट से रघुवर दास मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं, रघुवर दास के सियासी पैतरे में यह सीट भी फंसती नजर आ रही है, इस हालत में किसी भी सूरत में जदयू के हिस्से दो या तीन सीट से ज्यादा जाता हुआ दिखलायी नहीं पड़ता
Read More... रांची के अखाड़े में महुआ माजी! पलटेगी बाजी या जारी रहेगा सीपी सिंह का कारवां
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By Devendra Kumar
इसके पहले भी महुआ माजी वर्ष 2014 और 2019 में सीपी सिंह को चुनौती दे चुकी है, 2014 में सीपी सिंह को 95,760 के साथ जीत मिली थी, तो महुआ माजी महज 36,897 वोट पर अटक गयी थी, लेकिन वर्ष 2019 में परिस्थितियों में बड़ा बदलाव देखने को मिला. भले ही सीपी सिंह 79,646 के साथ अपना छका लगाने में सफल रहें, लेकिन यह छक्का बाउंड्री लाइन पर कैच होते-होते बचा था. 36,897 से अपने कारवां को आगे बढ़ाते हुए महुआ माजी 73,742 तक पहुंचाने में सफल रही थी
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