JSSC-CGL परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग करने वाले फर्जी छात्र- बाबूलाल मरांडी

सियासी दांव पेच में उलझ सकता है छात्रों का भविष्य

JSSC-CGL परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग करने वाले फर्जी छात्र- बाबूलाल मरांडी
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बाबूलाल मरांडी ने जिस तरीके से परीक्षा परिणाम को जारी करने वाले छात्रों को फर्जी बताया है, उससे साफ है कि विधानसभा चुनाव में इसे एक सियासी मोहरा बनाने की कोशिश शुरु हो चुकी है, लेकिन इससे वास्तविक छात्रों के सामने मुसीबत खड़ी हो सकती है, यदि परीक्षा परिणाम सियासी संग्राम की भेंट चढ़ गया तो छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है.

रांची: JSSC-CGL परीक्षा परिणाम को जारी करने की मांग करने वालों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फर्जी छात्र बताया है. बाबूलाल का दावा है कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले सभी सात लाख छात्रों की ओर से इसे रद्द करने की मांग की जा रही है. जिन लोगों के द्वारा भी परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग की जा रही है, दरअसल वह सभी फर्जी छात्र हैं. झामुमो कार्यकर्ता छात्र बनकर इसका परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं, अपने ही कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतार कर झामुमो कार्यकर्ता JSSC-CGL परीक्षा जारी करने की मांग करवा रहे हैं. इसमें वैसे लोग भी शामिल हैं, जिनके द्वारा पूरी जिंदगी में एक परीक्षा भी नहीं दी गयी है. पढ़ाई लिखाई से उनका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है,

सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर बाबूलाल ने किया बड़ा दावा

बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा है कि “झामुमो के कार्यकर्ता फर्जी छात्र बनकर JSSC-CGL परीक्षा परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं।लगभग 7 लाख अभ्यर्थियों ने JSSC-CGL की परीक्षा दी है। उनमें से हर कोई यही चाहता है कि पेपर लीक मामले की निष्पक्ष जांच हो।जिन छात्रों ने परीक्षा दी है, वो चाहते हैं कि JSSC-CGL की परीक्षा रद्द हो, और जिन्होंने कभी JSSC का फॉर्म तक नहीं भरा, कभी परीक्षा नहीं दी, वो चाहते हैं कि इसका रिजल्ट घोषित हो! झामुमो कार्यकर्ताओं और भाड़े के टट्टूओं के माध्यम से इन 7 लाख छात्रों को बदनाम करने का प्रायोजित षड्यंत्र रचने वाले हेमंत सोरेन ने नीचता की हद पार की है। झारखंड के युवा/बेरोजगार इस साजिश का करारा जवाब देंगे।“

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सियासी दांव पेच में उलझ सकता है छात्रों का भविष्य

बाबूलाल मरांडी ने जिस तरीके से परीक्षा परिणाम को जारी करने वाले छात्रों को फर्जी बताया है, उससे साफ है कि विधानसभा चुनाव में इसे एक सियासी मोहरा बनाने की कोशिश शुरु हो चुकी है, लेकिन इससे वास्तविक छात्रों के सामने मुसीबत खड़ी हो सकती है, यदि परीक्षा परिणाम सियासी संग्राम की भेंट चढ़ गया तो छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है.

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Edited By: Devendra Kumar

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