नेपाल से आए संताल आदिवासी प्रतिनिधिमंडल का पाथरा आश्रम में पारंपरिक स्वागत, सांस्कृतिक एकता का संदेश
झापा जिला नेपाल से आए 11 सदस्यीय संताल प्रतिनिधिमंडल ने संताल परगना की सांस्कृतिक विरासत से किया साक्षात्कार
नेपाल के झापा जिले से आए संताल आदिवासियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पाथरा आश्रम पहुंचकर संताल परगना की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव स्थापित किया। यह भ्रमण सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में अहम पहल माना जा रहा है।
दुमका : नेपाल के झापा जिला अंतर्गत भद्रपुर नगरपालिका के वार्ड संख्या 3 से आए संताल आदिवासियों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल झारखंड भ्रमण के क्रम में आज भारत सेवाश्रम संघ, स्वामी प्रणवानंद विद्या मंदिर, पाथरा पहुंचा। इस अवसर पर संघ के सचिव की अगवानी में दल का भव्य एवं पारंपरिक स्वागत किया गया सभी आगंतुकों का स्वागत संताल परंपरा के अनुसार तुमदक, टमाक की धुनों के साथ किया गया। पुरुष पारंपरिक पंछी पोशाक में तथा महिलाएं पारंपरिक साड़ी में सुसज्जित थीं।

इस 11 सदस्यीय दल का नेतृत्व श्री हेम कार्की, अध्यक्ष वार्ड संख्या 3, भद्रपुर नगरपालिका, जिला झापा (नेपाल) ने किया। उन्होंने बताया कि नेपाल में रह रहे संताल आदिवासियों की भाषा, संस्कृति और परंपराएं धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं। इन्हीं मूल्यों के पुनर्स्थापन के उद्देश्य से उन्होंने संतालों के मूल स्थान संताल परगना (दुमका) का भ्रमण करने का निर्णय लिया। मान्यता है कि संताल आदिवासियों का मूल स्थान दुमका जिला है।दल के सबसे बुजुर्ग सदस्य माझी बाबा लाल हांसदा (81 वर्ष) ने बताया कि वे भारत कई बार आए हैं, लेकिन अपने मूल स्थान संताल परगना, दुमका में यह उनका पहला आगमन है।
अपनी इतिहास और संस्कृति की खोज उन्हें यहां खींच लाई। उनकी बातों को सुनकर स्वामीजी एवं प्रधानाचार्य भावुक और अभिभूत नजर आए। भ्रमण के दौरान वार्ड अध्यक्ष श्री हेम कार्की ने विद्यालय के बच्चों से संवाद किया और आश्रम के शांत, सांस्कृतिक वातावरण की सराहना की। कार्यक्रम के उपरांत प्रतिनिधिमंडल ने ऐतिहासिक संताल काटा पोखर का परिभ्रमण किया तथा 1855-56 के संताल हूल (क्रांति) से संबंधित ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त की।
प्रतिनिधिमंडल में रविलाल हांसदा, सोम बास्की, लुखीराम हेमब्रम, लुखीराम मार्डी, बेटका मुर्मू, सरकार हांसदा, ताला किस्कू, मंगल मुर्मू, सोम बेसरा, सिमोन बेसरा शामिल थे। साथ ही समीर, याम, आशीष, विजय गोस्वामी, दुमका माझीथान से अनिल हेमब्रम, सुनील मरांडी उपस्थित रहे। विद्यालय की ओर से शिक्षक-शिक्षिकाओं में जयदेव दे, रणजीत राउत, बोध बोदरा, गोविंद यादव, पार्थ राउत, प्रशांत कुमार मुर्मू, प्रणव कुमार भकत, प्रमिला टुडू, स्वर्णलता मरांडी, सेमल मुर्मू सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। यह भ्रमण संताल समाज की सांस्कृतिक एकता और विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
Susmita Rani is a journalist and content writer associated with Samridh Jharkhand. She regularly writes and reports on grassroots news from Jharkhand, covering social issues, agriculture, administration, public concerns, and daily horoscopes. Her writing focuses on factual accuracy, clarity, and public interest.
