आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का 6 माह का वेतन बकाया: चिकित्सा संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मानदेय बकाया पर चिकित्सा संघ भड़का
दुमका में स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 4–6 महीने से मानदेय न मिलने पर चिकित्सा संघ ने कड़ा विरोध जताया। बैठक में ठेकेदार के विवादित बयान के बाद आक्रोश बढ़ा और 15 दिसंबर से धरना देने की घोषणा की गई।
दुमका: रविवार को पुराना सदर अस्पताल दुमका में चिकित्सा संघ की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 4 से 6 माह से मानदेय नहीं मिलने पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। अल्प वेतन पाने वाले इन कर्मचारियों के सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है और पीएफ कटौती को लेकर भी असंतोष बढ़ता जा रहा है।
4 से 6 माह का मानदेय बकाया, कर्मचारी आर्थिक संकट में

ठेकेदार का विवादित बयान: “वेतन नहीं मिलेगा, जो करना है कर लीजिए”
संघ के अनुसार बिरसा कंपनी के ठेकेदार एन. के. सिंह ने कर्मचारियों की परेशानी को अनदेखा करते हुए विवादित प्रतिक्रिया दी—
“वतन अभी नहीं मिलेगा, जो करना है कर लीजिए।”
इसने कर्मचारियों और चिकित्सा संघ दोनों में आक्रोश और बढ़ा दिया।
9 दिसंबर को सिविल सर्जन से वार्ता, 15 दिसंबर से धरने की चेतावनी
चिकित्सा संघ ने घोषणा की कि 09 दिसंबर 2025 को सिविल सर्जन दुमका से वार्ता की जाएगी। यदि वार्ता असफल रहती है, तो 15 दिसंबर 2025 से सभी कर्मचारी बाध्य होकर धरने पर बैठेंगे।
समान काम का समान वेतन और अवकाश की मांग तेज
जिला महासंघ के सचिव राजीव नयन तिवारी ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को
समान कार्य का समान वेतन दिए जाने की मांग रखी। साथ ही कर्मचारियों ने साप्ताहिक अवकाश, मातृत्व अवकाश और विशेष अवकाश की मांगें भी रखीं।
बैठक में महासंघ के अध्यक्ष प्राण मोहन मुर्मू, चिकित्सा संघ के अध्यक्ष तपन कुमार ठाकुर, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, मनोज कुमार, मनमोहन कुमार, अजितेश राय, मीनू मरांडी, काजल रेखा पाल, स्टैंडशीला मुर्मू, ज्योति पुष्पा सोरेन, पारसीला मुर्मू, सुजाता कुमारी, मोनिका मरांडी, गौरव कुमार, सुनील सोरेन सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
