"सिर पर भगवा और पैर के नीचे सरना गमछा” टाइगर जयराम का पुतला दहन
टाइगर जयराम की सफाई
टाइगर जयराम ने अपनी सफाई देते हुए दावा किया है, यह सब कुछ अनजाने में हो गया, किसी ने हमारी गाड़ी में यह गमछा रख दिया था और अनजाने में पैर पड़ गया, हमारा आदिवासी समाज को आहत करने का कोई इरादा नहीं था. बावजूद इसके यदि किसी की भावन आहत हुई है, तो इसके लिए खेद व्यक्तकरता हूं.
रांची: सरना गमछा पर खड़ा होकर टाइगर जयराम का भाषण देने की एक तस्वीर सामने आने के बाद आदिवासी समुदाय में आक्रोश पसरता दिखने लगा है. सरना धर्म समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की ने एक प्रेस वार्ता जारी कर इस घटना के खिलाफ आदिवासी समुदाय की ओर से कड़ी आपत्ति प्रकट की है. दावा किया जा रहा है कि टाइगर जयराम जिस समय यह भाषण दे रहे थें, उस वक्त उनके सर पर भगवा और पैरों के नीचे सरना गमछा था. अजय तिर्की ने दावा किया है कि इस कृत्य से टाइगर जयराम का आदिवासी विरोधी मानसिकता समझी जा सकती है. यह आदिवासी समुदाय को आहत करने का एक कुत्सित प्रयास है, इसके पीछे एक सोची समझी राजनीति है. इस बीच राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा की ओर से सहजानंद चौक पर जयराम महतो का पुतला भी फूंका है. आदिवासी संगठनों का दावा है कि सरना गमछा कोई आम कपड़ा नहीं है, यह आदिवासी समाज के मान- सम्मान का प्रतीक है. यही कारण है कि जब जब पीएम मोदी झारखंड के दौरे पर आते हैं, उन्हे सम्मान के साथ यह गमछा ओढ़ाया जाता है. आदिवासी समुदाय किसी भी कीमत इसे बर्दास्त नहीं करेगा.
टाइगर जयराम ने मांगी माफी
हालांकि इस मामले में टाइगर जयराम ने अपनी सफाई देते हुए दावा किया है, यह सब कुछ अनजाने में हो गया, किसी ने हमारी गाड़ी में यह गमछा रख दिया था और अनजाने में पैर पड़ गया, हमारा आदिवासी समाज को आहत करने का कोई इरादा नहीं था. बावजूद इसके यदि किसी की भावन आहत हुई है, तो इसके लिए खेद व्यक्तकरता हूं. यहां बता दें कि झारखंड में चुनावी संग्राम धीरे धीरे अपने शबाव की ओर बढ़ रहा है. टाइगर जयराम ने भी डुमरी से इस सियासी संग्राम में उतरने का एलान कर दिया है, डुमरी मेंएक बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय की आबादी है. यदि यह मामला जोर पकड़ा तो जयराम महतो डुमरी में इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.