हरियाणा हाथ में आते ही भाजपा के पोस्टर से बाबूलाल गायब! पंच प्रण के साथ सामने आये पीएम मोदी
चर्चित लेखक और शोधकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने साधा निशाना
चर्चित लेखक, शोधकर्ता और आदिवासी-मूलवासी समाज की ओर से पक्ष रखते रहे ग्लैडसन डुंगडुंग ने पंच प्रण के इस पोस्टर को जारी करते हुए लिखा है कि “इस विज्ञापन को देखकर कौन सबसे ज्यादा दुःखी होगा? कुतूबमीनार से कूदने के बाद भी सुरक्षित बचने वाले बाबा। बाबूलाल मरांडी जी अब जल्द से जल्द भाजपा से सन्यास लेकर किसी पहाड़ के गुफा में चले जायें, क्योंकि आपका मेहनत बेकार होने वाला है”
रांची: हरियाणा में भाजपा को मिली अप्रत्याशित असफलता का असर झारखंड में भी दिखने लगा है, अब तक बाबूलाल के उपर भाजपा के पोस्टर से चंपाई सोरेन और अर्जुन मुंडा को गायब करने का आरोप लगता रहा था, लेकिन अब खुद बाबूलाल का पर कतरने की कवायद शुरु होती नजर आ रही है, दरअसल जिस पंच प्रण को लेकर भाजपा विधानसभा चुनाव के अखाड़े में कूदने जा रही है, जिस पंच प्रण को जारी करते वक्त बाबूलाल केन्द्रीय भूमिका में नजर आ रहे थें, हरियाणा का चुनाव परिणाम सामने आने के बाद अब खुद बाबूलाल उसके पोस्टर से गायब होते दिख रहे हैं. पंच प्रण के नये पोस्टर में पीएम मोदी और जेपी नड्डा की तस्वीर है, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल गायब हैं. जिसके बाद यह सवाल खड़ा होने लगा है कि हरियाणा में मिली चुनावी सफलता के बाद क्या अब झारखंड की कमान पूरी तरह पीएम मोदी और जेपी नड्डा के हाथों में जाने वाला है? यानि आगे का पूरा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जायेगा? और क्या इस हालत में यदि जीत मिलती है तो बाबूलाल मरांडी जिस सीएम कुर्सी की चाहत में 14 वर्षों के बाद भगवा पट्टा पहने हैं, वह मुराद पूरी होने वाली है? क्योंकि यदि अभी से ही पोस्टरों से किनारा कर दिये गया तो सीएम की कुर्सी पर अपनी दावेदारी पेश मुश्किल साबित होगा.
बाबूलाल मरांडी के लिए दूसरी बूरी खबर
बाबूलाल मरांडी के लिए दूसरी बूरी खबर यह है कि जिस रघुवर दास को झारखंड की सियासत से किनारा करते हुए ओडिशा का राजभवन भेजा गया था, एक बार फिर से सियासी अखाड़े में वापसी की चर्चा है और यदि ऐसा होता है तो बार फिर से सीएम की कुर्सी रघुवर दास के पास जा सकती है, वैसे भी रघुवर दास को पीएम मोदी का बेहद खास और पहली पसंद माना जाता है. तो क्या चंपाई सोरेन के साथ ही बाबूलाल के लिए भी भाजपा में बूरे दिन की शुरुआत हो चुकी है.
चर्चित लेखक और शोधकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने साधा निशाना
इस विज्ञापन को देखकर कौन सबसे ज्यादा दुःखी होगा? कुतूबमीनार से कूदने के बाद भी सुरक्षित बचने वाले बाबा। बाबूलाल मरांडी जी अब जल्द से जल्द भाजपा से सन्यास लेकर किसी पहाड़ के गुफा में चले जायें क्योंकि आपका मेहनत बेकार होने वाला है। @HemantSorenJMM @JmmJharkhand @babulalmarandi pic.twitter.com/gFxqGcvxNM
— Gladson Dungdung (@GladsonDungdung) October 10, 2024
चर्चित लेखक, शोधकर्ता और आदिवासी-मूलवासी समाज की ओर से पक्ष रखते रहे ग्लैडसन डुंगडुंग ने पंच प्रण के इस पोस्टर को जारी करते हुए लिखा है कि “इस विज्ञापन को देखकर कौन सबसे ज्यादा दुःखी होगा? कुतूबमीनार से कूदने के बाद भी सुरक्षित बचने वाले बाबा। बाबूलाल मरांडी जी अब जल्द से जल्द भाजपा से सन्यास लेकर किसी पहाड़ के गुफा में चले जायें, क्योंकि आपका मेहनत बेकार होने वाला है” साफ है कि आदिवासी-मूलवासी समाज का भाजपा की अन्दरुनी राजनीति पर नजर बनी हुई है और वह इस बात की टोह भी ले रहा है कि झारखंड भाजपा के अंदर आदिवासी नेताओं की भूमिका क्या रहने वाली है, खास कर जिस तरीके से वर्ष 2014 में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़कर गैर आदिवासी सीएम का तोहफा दिया गया, उसके बाद आदिवासी समाज बेहद चौकस है. वह कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता. इस बीच बाबूलाल का पोस्टर से गायब होना उसके बीच एक सवाल खड़ा कर गया है.