Giridih News: सशस्त्र सीमा बल के 35वें बटालियन ने लगाया "मोटा अनाज" का मेला
कार्यक्रम का उद्देश्य था मोटा अनाज के इस्तेमाल को बढ़ावा देना
कार्यक्रम में कहा गया कि दूसरे देशों के लोग हमारे देश का मोटा अनाज मंगवाकर उसे अपने दैनिक जीवन के खान पान में अपनाकर निरोग और पुष्ट हो रहें है. जबकि हमारे देश के लोग दूसरे देशों का "पिज़ा, मोमोज, पास्ता, चाउमीन यादि खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल कर अपने स्वास्थ्य को खराब कर रहे है.
गिरिडीह: शहर के न्यू पुलिस लाईन में सशस्त्र सीमा बल 35वीं बटालियन की ओर से "मोटा अनाज" का मेला लगाया गया. कार्यक्रम का एक मात्र उद्देश्य मोटा अनाज अर्थात माडूवा, ज्वार, बाजार, मक्का, कोदो, गोंदली आदि अनाज को इस्तेमाल के लिए बढ़ावा देना. मौके पर कहा गया कि इस अनाज को गरीबों का अनाज के रूप में भी जाना जाता है, लेकिन अब यह हमारी थाली से दूर होता जा रहा है. आज देश में कुपोषण का एक बड़ा कारण यह भी है. कहा कि दूसरे देशों के लोग हमारे देश का मोटा अनाज मंगवाकर उसे अपने दैनिक जीवन के खान पान में अपनाकर निरोग और पुष्ट हो रहें है. जबकि हमारे देश के लोग दूसरे देशों का "पिज़ा, मोमोज, पास्ता, चाउमीन यादि खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल कर अपने स्वास्थ्य को खराब कर रहे है. उन खाद्य सामग्रियों को धड़ल्ले से अपने घर परिवार में उपयोग कर अपनी शान समझ रहे है.
कहा गया कि लोग बाजार से अपने बच्चों के लिए बॉर्नविटा, कंप्लेंट जैसी चीजों को अपना रहें है जो बच्चों के सेहत के लिए उचित नहीं है. जिस अनाज को हम गरीबों का अनाज के रूप में जानते है, वह अब देश विदेश के अरबपतियों का भोजन बन गया हैl हम अपने घर में उपजाया हुआ धान बेच कर रेडिमेट चावल खरीद रहें है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. कहा कि कभी भी फुर्सत मिले तो मोटा अनाज के बारे में मोबाइल पर जानकारी हासिल करें. जितना पैसा में हम अपने घर परिवार के लिए बाजार से खाद्य पदार्थ खरीदने में खर्च कर रहे है, उससे कम मूल्य पर अपने ही गांव में सर्वोतम पौष्टिक आहार के रूप में मोटा अनाज मडूवा, कोदो, बाजरा, गोदाली, मक्का आदि मिल जाएगा. कार्यक्रम में गिरिडीह सीसीएल के डॉ परिमल कुमार सिन्हा, कमान अधिकारी किशलय उपाध्याय, सहायक कमांडेंट कृष्णा अवतार गर्ग समेत बटालियन के जवान उपस्थित थे. इस दौरान जवानों द्वारा तैयार किए गए मोटे अनाज का लजीज पकवान भी अतिथियों को परोसा गया.