हेमंत का अजूबा चाल, भाजपा बेहाल! प्रत्याशियों का एलान के पहले जंग-ए-मैदान में कूदे पहलवान
भाजपा में जारी पतछड़ के बीच झामुमो का खेला
एक चाल ही है, वह एक तरफ भाजपा से नाराज कद्दावर चेहरों के लिए झामुमो का का दरवाजा खुला रखना चाहती है, अंदर-अंदर भी इन नेताओं के साथ वार्ता भी जारी है और इधर गैर विवादित सीटों पर अपने-अपने पहलवानों को को नामाकंन करने करने का फरमान भी सुना दिया गया है,
रांची: हेमंत की चाल भाजपा के लिए एक पहेली बनती जा रही है, भाजपा महागठबंधन को घेरने के लिए एक से बढ़कर एक चाल बिछाती है, लेकिन हेमंत हर चाल की कोई ना कोई तोड़ लेकर सामने आ जाते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है, एक तरफ टिकट वितरण होते ही भाजपा के अंदर पतछड़ा का सिलसिला जारी है, अब तक करीबन एक दर्जन नेताओं ने भाजपा छोडने का एलान कर दिया है. तो कई झामुमो की सवारी भी कर चुके हैं. इसमें कई नामचीन चेहरे हैं, जिनका अपने-अपने इलाके में मजबूत सियासी पकड़ है. इसमें झारखंड एसटी मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बोस्को बेसरा, पोटका से पूर्व विधायक मेनका सरदार, नाला से पूर्व विधायक सत्यानंद बाटूल, महेशपुर पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, जमुआ विधायक केदार हाजरा, आजसू नेता और चंदनकियारी से पूर्व विधायक उमाकांत रजक जैसे कद्दावर चेहरे भी है उमाकांत रजक, केदार हाजरा, बास्को बेसरा, गणेश महली ने तो झामुमो की सवारी का एलान भी कर दिया है, जबकि मधुपूर के पूर्व विधायक राज पालिवार के बारे में कांग्रेस की सवारी करने की खबर है, दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस उन्हे बादल पत्र लेख का टिकट काट कर जरमूंडी से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
भाजपा में जारी पतछड़ के बीच हेमंत का खेला
भाजपा में जारी इस पतछड़ के बीच झामुमो ने अब तक अपना पता नहीं खोला है. हालांकि कल से ही यह दावा तेज था कि आज झामुमो अपने प्रत्याशियों का एलान कर सकती है, लेकिन झामुमो की ओर से प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन की शुरुआत हो चुकी है, यानी पार्टी ने भले ही प्रत्याशियों का एलान नहीं किया हो, लेकिन प्रत्याशियों को इसकी सूचना दे दी गयी है, नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है, बाद में पार्टी की ओर से अपना सिम्बल भेज दिया जायेगा.आज मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने गढ़वा और संजीव सरदार ने पोटका से आज अपना नामाकंन दाखिल कर दिया है.
भाजपा के बागियों पर झामुमो की नजर
दरअसल यह भी झामुमो की एक चाल ही है, वह एक तरफ भाजपा से नाराज कद्दावर चेहरों के लिए झामुमो का का दरवाजा खुला रखना चाहती है, अंदर-अंदर भी इन नेताओं के साथ वार्ता भी जारी है और इधर गैर विवादित सीटों पर अपने-अपने पहलवानों को को नामाकंन करने करने का फरमान भी सुना दिया गया है, इस बीच खबर यह है कि दुमका से सियासी अखाड़े में सीएम हेमंत को शिकस्त दे चुकी और संताल की सियासत में एक बड़ा आदिवासी और महिला चेहरा लुईस मरांडी भी झामुमो के संपर्क में है. दावा यह भी है कि लुईस मरांडी को सीता सोरेन की पंरपरागत सीट जामा से अखाड़े में उतारा जा सकता है. यानि खेल यह है कि इधर भाजपा के रणनीतिकार झामुमो की सूची में फंसे रहे और उधर झामुमो अपने अपने पहलवानों के सियासी संग्राम में कूदने का आदेश भी देता रहा, नामांकन की प्रक्रिया पूरी होते रहे.