गिरिडीह निवासी नीरज मुर्मू को ब्रिटिश सरकार ने डायना अवार्ड से किया सम्मानित

रांची: गिरिडीह निवासी नीरज मुर्मू को गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा डायना अवार्ड से सम्मानित किये जाने पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुभकामनाएं और बधाई दी है। सीएम ने कहा नीरज की उपलब्धि पूरे झारखंड के लिए गौरव का क्षण है। बच्चों के साथ सामाजिक बदलाव लाने वाले इस शिक्षक की यात्रा प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के कैलाश सत्यार्थी को भी अपना मार्गदर्शन नीरज को देने के लिए धन्यवाद दिया है।
Niraj Murmu’s achievement is a moment of pride for entire Jharkhand. His journey from being a daily wage worker to a teacher driving social change with children is an inspiring tale.
Chief Minister @HemantSorenJMM extends his best wishes to him & @k_satyarthi‘ji for his guidance https://t.co/wXsiXCRAwa— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) July 2, 2020
गिरिडीह के दुलियाकरम निवासी नीरज मुर्मू नीरज 10 साल की उम्र में परिवार का पेट पालने के लिए अभ्रक खदानों में बाल मजदूरी करता था। इसक्रम में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने उसे बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इसके बाद नीरज सत्यार्थी आंदोलन के साथ मिलकर बाल मजदूरी के खिलाफ काम करने लगा।
What a proud moment for me, my organisation & India! My son Neeraj Murmu won prestigious #2020DianaAward for his exemplary work in spreading education. He was a child labourer in dangerous mica mines till 2011. @DianaAward pic.twitter.com/movxTNu7H3
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) July 2, 2020
वह लोगों को समझा- बुझा कर उनके बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कर स्कूलों में दाखिला कराने लगा। ग्रेजुएशन की पढ़ाई जारी रखते हुए उसने गरीब बच्चों के लिए अपने गांव में एक स्कूल की स्थापना की, जिसके माध्यम से वह बच्चों को समुदाय के साथ मिलकर शिक्षित करने में जुटा है।