Martyr's Day: माले और असंगठित मजदूर मोर्चा ने शहीद भगत सिंह के मूर्ति पर किया माल्यार्पण, किया उनके बलिदान को याद
युवा, बेरोजगार, किसान, महिला, छात्र, दलित, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों व दबे कुचले की आवाज थे भगत सिंह: राजेश सिन्हा
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उक्त अवसर पर दामोदर गोप, किशोर राय, निशांत भास्कर, लखन कोल, भीम कौल, मदसूदन कौल, बुखारी राय, सुनील ठाकुर, चंदन टुडू, डीलचंद कोल, मुलिया देवी, नेहा कुमारी, बिनोद प्रसाद, मनोज कौल, केदार राय, आदि मौजूद थे।
गिरिडीह: शहीद दिवस के अवसर पर संकल्प सभा को सम्बोधित कर माले के राजेश सिन्हा ने कहा कि आज के दिन ही 94 साल पहले भगत सिंह,राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। ब्रिटिश सरकार भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से इतना घबरा गए थे कि लाख शारिरिक कष्ट, लोभ लालच देकर उन्हें और उनके साथियों से माफी मंगवाने के लिए बेहद कोशिश की पर क्रांतिकारियों ने प्राण देकर आजादी के लौ को फैलाया, वे चाहते तो फांसी से बच सकते थे। किन्तु उस समय के युवा, किसान, महिलाओं, मजदूरों के अंदर देशभक्ति की भावना और सत्ता में मेहनतकश किसान मजदूरों की कब्जा हो, अंग्रेजो के प्रति भारतीयों में गुस्सा जगे, साम्राज्यवाद का नाश हो और समाजवाद का मार्ग प्रशस्त हो इसलिए हंसते हंसते फांसी के फंदे को चुमते हुए शहीद हो गए।

माले के जिला कमिटी सदस्य शंकर पांडेय, समाजवादी चिंतक धरणीधर प्रसाद, दामोदर गोप ने कहा कि आज के युवा, बेरोजगार, किसान, दबे कुचले जनता, गरीब वोटर को शहीद भगत सिंह विचारों को समझने की जरूरत है, आज भारत में केंद्र सरकार की नीतियां किसान, मजदूर और युवा को बर्बाद कर रहा है,आज के दिन सभी को संकल्प लेने की जरूरत है।
उक्त अवसर पर दामोदर गोप, किशोर राय, निशांत भास्कर, लखन कोल, भीम कौल, मदसूदन कौल, बुखारी राय, सुनील ठाकुर, चंदन टुडू, डीलचंद कोल, मुलिया देवी, नेहा कुमारी, बिनोद प्रसाद, मनोज कौल, केदार राय, आदि मौजूद थे।