मानगो में सुगमतापूर्वक पेयजलापूर्ति हेतु हुई बैठक, ऑनलाइन शामिल हुए सरयू राय
मानगो में शुद्ध पेयजलापूर्ति में बाधक कारकों पर हुई गंभीरतपूर्वक चर्चा
सरयू राय ने नगर निगम और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि यह बैठक उनके नुक्ताचीनी करने, उनके कामों में कमियां निकालने के लिए नहीं की जा रही है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि 100 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से बने मानगो पेयजल परियोजना, मानगो के सभी क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने में क्यों विफल हो रहा है
जमशेदपुर: मानगो नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति सुगमतापूर्वक संचालित करने के लिए मानगो नगर निगम के उप नगर आयुक्त सुरेश प्रसाद यादव की अध्यक्षता में एक बैठक सोमवार को निगम कार्यालय में हुई. बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता मो. आरिफ अंसारी और कनीय अभियंता आशुतोष पाठक शामिल हुए. अस्वस्थ रहने के बावजूद जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय कुछ समय के लिए बैठक में ऑनलाईन जुड़े और अपना सुझाव रखा.
बैठक में सरयू राय ने नगर निगम और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि यह बैठक उनके नुक्ताचीनी करने, उनके कामों में कमियां निकालने के लिए नहीं की जा रही है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि 100 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से बने मानगो पेयजल परियोजना, मानगो के सभी क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने में क्यों विफल हो रहा है? इसमें उन्हें जनप्रतिनिधि के नाते, निगम के प्रमुख के नाते उप नगर आयुक्त को और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सभी स्तर के अभियंताओं को एकजुट होकर परस्पर सहयोग की भावना से काम करना होगा. यही इस बैठक का उद्देश्य है.
बैठक में सरयू राय ने यह भी बताया कि मानगो पेयजल परियोजना का डीपीआर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने तैयार किया था जिसका क्रियान्वयन जुस्को ने किया था. दो वर्ष से अधिक समय तक संचालन एवं मरम्मत का काम भी जुस्को ने किया था. उसके बाद से यह परियोजना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ही संचालित की जा रही है. आवश्यक है कि परियोजना का मूल डीपीआर जुस्को द्वारा इसे संचालित करने के समय के अनुभवों पर भी विचार किया जाए और जहां कमियां रह गई है उन्हें दूर किया जाय.
सरयू राय ने समीक्षा बैठक में निम्न समस्याओं पर किए विचार
1. नदी से रॉ वाटर खींचने के लिए लगे पम्पों की क्षमता एवं वर्तमान स्थिति क्या है?
2. जब यह पानी वाटर ट्रीटमेंट में जाता है और वहाँ से साफ होकर विभिन्न टंकियों में जाता है तो इसके लिए लगे संयत्रों की स्थिति क्या है
3. टंकियों में पानी भरने और वहाँ से पाईप लाईन के द्वारा घरों तक पेयजल पहुंचाने के लिए बने संरचनाओं की स्थिति क्या है
4. बालीगुमा क्षेत्र में पेयजल पहुंचाने के लिए बने टंकियों को चालू करने के उपाय क्या हैं?
इन सभी में यदि कहीं कोई समस्या है तो उसे कैसे सुधारा जाए, उस पर विचार करना है.
उन्होंने बताय़ा कि बैठक में उन्हें जानकारी मिली कि इंटेक वेल से नदी का पानी खींचकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजने के लिए कुल 5 मोटर पम्प हैं, जिसमें से 375 एचपी का एक मोटर पम्प हमेशा ही खराब रहता है. यहाँ पर कोई रिजर्व पम्प नहीं है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता को इस कमी को दूर करने के लिए प्राक्कलन तैयार कर समर्पित करने का निर्देश दिया गया.
उन्होंने कहा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में कुल 6 मोटर हैं, जिसमें से 150 एचपी का एक मोटर पूर्णतः क्षतिग्रस्त है तथा वहां स्थापित 630 केवीए का एक ट्रांसफार्मर भी पूर्णतः क्षतिग्रस्त है. क्षतिग्रस्त मोटर की मरम्मति हेतु सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को निदेशित किया गया, इसके लिए उन्हें प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया गया और ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए बिजली विभाग से बात करने की जिम्मेदारी उप नगर आयुक्त को दी गई.
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक को बताया गया कि पूरे नगर निगम क्षेत्र को छह जोन में विभाजित कर जलापूर्ति का कार्य किया जाता है, जिसमें से चार जोन में लगे मोटर पम्प में से सभी जोन के एक-एक मोटर पम्प पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है. सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने बताया कि खराब मोटर पम्प को मरम्मति हेतु भेजा गया है, जो अबतक नहीं बन पाया है. उन्हें एक अतिरिक्त रिजर्व मोटर पम्प भी सभी जोन की टंकियों के लिए खरीदने का निर्देश दिया गया.
विधायक को बताया गया कि बालीगुमा क्षेत्र में निर्मित जलमीनार के संबंध में पेयजल एवं स्च्च्छता विभाग के अभियंता ने जानकारी दी कि वहाँ क्लियर वाटर राइजिंग पाईप (स्वच्छ जल को टंकी तक पहुंचाने वाला सहायक पाईप) बिछाने का कार्य अभी तक नहीं हो पाया है. श्री राय ने सुझाव दिया कि बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए यहां एक नया वाटर ट्रीटमेंट लगाने की आवश्यकता होगी. निर्णय हुआ कि पहले निर्मित जलमीनारों को चालू कराये, तत्पश्चात नये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में बात की जाएगी.
विधायक को बताया गया की पायल सिनेमा के सामने पृथ्वी पार्क में बने जलमीनार के संबंध में बताया गया कि इसका संचालन किसी भी दिन शुरू हो सकता है. इसे शीघ्र संचालित करने के उपाय का निर्देश दिया गया. इसके संचालन के बाद जोन नम्बर-5 के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र प्रह्लाद नगर, गुरूद्वारा रोड, पारस नगर, मुंशी मोहल्ला, वास्तु नगर, बैकुंठ नगर, चटाई कॉलोनी, आदिवासी स्कूल, मुर्दा मैदान आदि क्षेत्रों में पेयजल की समस्या ठीक हो जाएगी.