Ranchi news: DSPMU में दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन
संस्कृति इंसान को इंसान बनाती है: कुलपति
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ आलोक टंडन ने अपने संवाद का विषय संस्कृति और ऐतिहासिकता को रखा। इसके तहत उन्होंने अपने व्याख्यान में दर्शन और दर्शनशास्र की महत्ता से अवगत कराया।
राँची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची के दर्शनशास्र विभाग द्वारा एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें आमंत्रित मुख्य वक्ता दर्शनशास्र के शिक्षाविद् डॉ आलोक टंडन मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि संस्कृति और सभ्यता प्राचीन काल से एक दूसरे से जुड़ी हुई है लेकिन दोनों के संदर्भ और अर्थ अलग अलग परिस्थितियों में प्रयुक्त होते है। उन्होंने संस्कृति को मानसिक पक्ष और सभ्यता को भौतिक पक्ष का प्रणेता बताया। उन्होंने इसी संदर्भ में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय संस्कृति से पूरी तरह अवगत होने के लिए हिंदी के प्रख्यात विद्वान डॉ रामधारी सिंह दिनकर की पुस्तक संस्कृति के चार अध्याय का अवश्य अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति को जानने के लिए उपनिषद और पुराण महत्वपूर्ण स्रोत है।
