Opinion: यूपी के मिनी पंजाब में फिर खालिस्तानियों की दस्तक

खालिस्तानी आतंकी के एनकाउंटर से फिर दहला तराई इलाका 

Opinion: यूपी के मिनी पंजाब में फिर खालिस्तानियों की दस्तक
अजय कुमार, लखनऊ

पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में खालिस्तान आतंकवादियों ने कई लोगों की हत्या कर दी थी. सबसे चर्चित पीलीभीत की वो घटना है, जो जुलाई 1992 में हुई थी. आतंकवादियों ने जंगल में एक साथ 29 लोगों की हत्या कर दी थी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में तीन खालिस्तान आतंकवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद यहां के लोगों में तीन दशकों के बाद एक बार फिर खौफ का माहौल पैदा हो गया है. पंजाब में जब 80-90 के दशक में सिख आतंकवाद चरम पर था, उस समय उत्तर प्रदेश के तराई के कुछ जिले भी इससे प्रभावित हुए थे. तब यूपी का विभाजन नहीं हुआ था. उस दौर में लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, खटीमा, नैनीताल जैसे सिख आबादी वाले जिलों में अक्सर आतंकियों के पनाह लेने और वारदात करने की खबरें मिल जाती थी, लेकिन पिछले करीब तीन दशकों से यहां का माहौल काफी बदल चुका हैं, सिख आतंकवाद के किस्से किताबों में सिमट गये थे, परंतु गत दिवस पीलीभीत के पूरनपुर में तीन खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर से एक बार फिर वर्षों बाद तराई का इलाका दहल उठा. बात 80 और 90 के दशक की कि जाये तो उस दौरान जब पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर था. उस दौरान करीब 12 वर्ष तक तराई में भी इस आतंक का साया रहा था. तब पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में खालिस्तान आतंकवादियों ने कई लोगों की हत्या कर दी थी. सबसे चर्चित पीलीभीत की वो घटना है, जो जुलाई 1992 में हुई थी. आतंकवादियों ने जंगल में एक साथ 29 लोगों की हत्या कर दी थी. यह वर्ष 1985 से लेकर 1997 के बीच का दौर था, जब तराई इलाके में जिला खीरी से लेकर शाहजहांपुर के खुटार, पीलीभीत के पूरनपुर से लेकर उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर और नैनीताल तक खालिस्तान समर्थकों का आतंक रहा. उस दौरान खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों ने यहां कई बड़ी और चर्चित घटनाओं को अंजाम दिया था.

उस दौरान मैलानी गुरुद्वारे में रह रहे खुफिया विभाग के दरोगा को गोली मारने का मामला फिर जंगल में छिपे इस कांड के आरोपी भीरा निवासी सुखविंदर सिंह का तत्कालीन एसपी ओपी सिंह द्वारा एनकाउंटर किया जाना हो या फिर खीरी के मैलानी के आसपास पीलीभीत और शाहजहांपुर के कई इलाके खालिस्तानी आतंकवादियों के हमेशा निशाने पर की बात तब माहौल काफी भयावह रहता था. इसी तरह से वर्ष 1988-89 में मैलानी-भीरा के मध्य राज नारायणपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दुग्ध वाहन को रोककर उसमें सवार एक दर्जन लोगों की खालिस्तान आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. इस नरसंहार को खालिस्तानी आतंकवादियों के मेजर गुट ने अंजाम दिया था. 26 नवंबर 1995, 26 अक्टूबर 1997 और 28 मार्च 1998 को भीखमपुर-मैलानी के बीच रेलवे ट्रैक काट कर नैनीताल एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने की साजिश के पीछे भी खालिस्तान उग्रवादियों का हाथ होने की बात सामने आई थी.

बहरहाल, एक बार फिर अब पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस को पीलीभीत में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराने में जो सफलता मिली, वह एक बड़ी कामयाबी है. मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 राइफलों के साथ विदेशी पिस्टल और बड़ी मात्रा में कारतूस मिले. पुलिस और खुफिया सूत्रों के अनुसार यह आतंकी पिछले कुछ समय से पंजाब में थानों और चौकियों पर बम फेंककर आतंक का माहौल कायम करने में लगे थे. इनका संबंध खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स नामक आतंकी संगठन से बताया जा रहा है. पता यह भी चला है कि विदेश में बैठे खालिस्तानी तत्वों ने पीलीभीत में मारे गए आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराए थे. यदि यह सही बात है तो इसकी गहनता से पड़ताल होनी चाहिए कि वे ऐसा करने में कैसे समर्थ हो गए. पड़ताल इसकी भी होनी चाहिए कि मारे गए आतंकी पंजाब में थानों और चौकियों को निशाना बनाने के बाद पीलीभीत में क्या करने आए थे. पीलीभीत उनके छिपने के लिए सुरक्षित ठिकाना था या फिर वे यहां कोई वारदात करने की फिराक में थे. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि जिस समय पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद अपने चरम पर था, तब पीलीभीत और उसके आसपास का तराई का इलाका खालिस्तानी आतंकियों का गढ़ बन गया था.

सिख आबादी की ठीक-ठीक संख्या के चलते तराई के इस इलाके को मिनी पंजाब कहा जाता है. ऐसे में यह सोचना गलत नहीं है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस इलाके में खालिस्तान समर्थक फिर से सक्रिय हो गए हैं और उनके चलते ही मारे गए आतंकी पीलीभीत आए हों. जो भी हो, यह ठीक नहीं कि पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है. खालिस्तानी आतंकियों के बढ़ते दुस्साहस का पता इससे चलता है कि बीते कुछ समय से पंजाब में एक के बाद एक आठ थानों और चौकियों में बम से हमले हो चुके हैं. इन हमलों की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने ली है. इनमें से एक संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स भी है. पंजाब में थानों और चौकियों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं का आकलन करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आशंका जताई है कि विदेश से संचालित खालिस्तानी आतंकी संगठन पंजाब में कोई बड़ी वारदात करने की कोशिश में हैं. यह आशंका कितनी प्रबल है, इसका पता इससे चलता है कि चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यह ठीक है कि कुछ खाली पड़ी पुलिस चौकियों पर भी बम फेंके गए, लेकिन इन घटनाओं से यह तो पता चलता ही है कि खालिस्तानी आतंकी बेलगाम हो रहे हैं. अब जब पीलीभीत की घटना से यह स्पष्ट हो रहा है कि खालिस्तानी आतंकी पड़ोसी राज्यों में पैर पसार रहे हैं, तो पंजाब पुलिस को ऐसे सभी राज्यों और खासकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल आदि की पुलिस से अपना सहयोग एवं समन्वय बढ़ाना होगा.

यह भी पढ़ें Koderma News: छतरबर में यज्ञ को लेकर निकले महिलाओं के जुलूस पर पथराव, पुलिस के पहुँचने पर मामला नियंत्रित

यहां यह भी याद रखना चाहिए कि 90 के दशक के अंत में जब सिख आतंकवाद की रीढ़ टूट गई थी उसके बाद 18 सितंबर 2017 को यहां दोबारा उसी आतंक की दस्तक हुई थी, जब यूपी एटीएस और पंजाब पुलिस की टीम ने खीरी जिले से प्रतिबंध आतंकी संगठन बब्बर खालसा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था. यह दोनों हरप्रीत उर्फ टोनी और सतनाम सिंह खीरी जिले के निवासी थे. इन्हें पंजाब की नाभा जेल से 27 नवंबर 2016 को दो आतंकी और चार गैंगस्टर को फरार कराया गया था. इसी मामले में लखीमपुर के हरप्रीत उर्फ टोनी व सतनाम सिंह के खिलाफ पंजाब के जिला भगत सिंह नगर की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इन दोनों पर आरोप था कि इन्होंने जेल से भागने वाले आतंकियों को असलहा और अन्य मदद मुहैया कराई थी.

यह भी पढ़ें Hazaribag News: कटकमदाग कृष्णानगर स्थित कुएं में मिला युवती का शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

पुलिस की जांच में यह भी बात सामने आई थी कि यह दोनों लंबे समय से यूपी के तराई इलाके से लेकर पंजाब तक बब्बर खालसा के स्लीपिंग मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे. हालांकि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद यहां मामला शांत रहा, लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही यहां पंजाब के आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा का कनेक्शन भी सामने आया था. पंजाब में आतंकवादी चौड़ा ने पुलिस रिमांड में यह बयान दिया था कि उसने खीरी जिले के नेपाल बॉर्डर से सटे क्षेत्र में हथियार छिपा कर रखे हैं. इसके बाद पंजाब पुलिस द्वारा आतंकवादी चौड़ा को यहां लाए जाने को लेकर दो-तीन दिनों तक काफी हलचल रही थी. अब पीलीभीत में मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद भारत-नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं.

यह भी पढ़ें Hazaribag News: चरही पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 20 पेटी अवैध शराब ज़ब्त

अजय कुमार
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार
मो-9335566111

 

 

Edited By: Sujit Sinha

Latest News

आज का राशिफल: क्या कहती है आपकी किस्मत ? आज का राशिफल: क्या कहती है आपकी किस्मत ?
Hazaribag News: पड़रिया में पर्यावरण रक्षाबंधन महोत्सव एवं सरहुल पूजा का आयोजन किया गया
Hazaribag News: गोल्ड मेडल विजेता जिज्ञासु रंजन को बड़कागांव पहुंचने पर किया गया भव्य स्वागत
Hazaribag News: सभी धर्म एवं जाति के लोगों को सम्मान करें: विवेक सोनी
Hazaribag News: सरहुल पर्व की धूम, विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह
Hazaribag News: सरहुल जुलूस का स्वागत, कोल्ड ड्रिंक व शीतल जल वितरण
Hazaribag News: संदिग्ध वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस रख रही नजर, संदेह होने पर वाहनों की हो रही जांच
Hazaribag News: कृषि उत्पादक कंपनी को उपायुक्त ने सौंपा 6,59,000 रु का चेक
Hazaribag News: हजारीबाग में 4 अप्रैल को मनाया जाएगा झारखंड मुक्ति मोर्चा का 46 वा स्थापना दिवस
Giridih News: मुखिया का प्रयास रहा सफल, खराब चापाकलों की गयी मरम्मत
Giridih News: हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सरहुल पर्व, पूजा में शामिल हुए मंत्री सुदिव्य कुमार
Koderma News: छतरबर में यज्ञ को लेकर निकले महिलाओं के जुलूस पर पथराव, पुलिस के पहुँचने पर मामला नियंत्रित