Opinion
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... भारत ने नहीं झुकाया सिर: ट्रंप की धमकियों का आंकड़ों से दिया करारा जवाब
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से व्यापार के मुद्दे पर भारत को टैरिफ और जुर्माने की धमकी दी, लेकिन भारत ने अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर कायम रहते हुए इन धमकियों को नजरअंदाज कर दिया। भारत ने आंकड़ों के साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ की दोहरी नीतियों को उजागर किया, जो खुद भी रूस से महत्वपूर्ण सामान आयात करते हैं Opinion: यूपी में सियासी संग्राम मस्जिद में मुलाकात बनाम कांवड़ पर पुष्पवर्षा
Published On
By Sujit Sinha
धार्मिक और राजनीतिक खींचतान के बीच यूपी की राजनीति का 2027 मॉडल धीरे-धीरे आकार ले रहा है. सपा का ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला और भाजपा का ‘हिंदुत्व + विकास’ का एजेंडा आमने-सामने खड़े हैं. समाजवादी पार्टी के नेता मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं Opinion: योगी की सख्ती से यूपी छोड़ रहे हैं दिग्गज ब्यूरोक्रेट्स
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
2022 में सत्ता हासिल करते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक अधिकारियों पर सख्त नजर आये थे और यह सिलसिला आज तक जारी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली में नौकरशाहों से त्वरित परिणाम और पारदर्शिता की अपेक्षा रही है. Opinion: यूपी में कांग्रेस बयान बहादुरों नहीं, रण बांकुरों को आगे करें
Published On
By Sujit Sinha
यूपी की सियासत में कांग्रेस के पतन की कहानी दो दशक पूर्व 2014 से शुरू हुई थी, जब लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ने कांग्रेस को हाशिए पर धकेल दिया था. इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ़ दो सीटों पर सिमट गई, और विधान परिषद में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं बचा Opinion: अखिलेश का 2027 के लिये सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
दलित वोट बैंक को आकर्षित करना अखिलेश की रणनीति का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है. समाजवादी पार्टी ने परंपरागत रूप से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है. Opinion: जंगलराज शब्द कभी विपक्ष का हथियार, अब सत्ता की बेबसी
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
नीतीश कुमार के लिए ये हालत कितनी मुश्किल हैं, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइए कि जो जंगलराज कभी उनके भाषणों का स्थायी हिस्सा था, वो अब कहीं सुनाई नहीं देता. 18 जुलाई को मोतिहारी में पीएम मोदी की विशाल रैली में भी जंगलराज शब्द मंच से गायब रहा Opinion: जातीय संतुलन की रणनीति के तहत मनोहर लाल खट्टर हो सकते हैं बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष
Published On
By Sujit Sinha
पार्टी ने एसटी, एससी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समुदाय, सवर्ण, सिख व अन्य क्षेत्रीय समुदायों के नेताओं को मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य प्रमुख पदों पर नियुक्त करके, यह सुनिश्चित किया है कि संगठन में हर समुदाय का प्रतिनिधित्व और प्रभाव साफतौर पर नजर आए. मानसून सत्र में विपक्ष गरजने को तैयार पर आप-टीएमसी ने बढ़ाई दरार!
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने हाल ही में साफ कहा कि अब उनकी पार्टी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं है. उनका कहना है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक ही सीमित था और अब पार्टी संसद के भीतर अपने मुद्दे खुद उठाएगी शिक्षक: ज्ञान के वाहक या वैचारिक प्रचारक? कविता "तुम कांवड़ लेने मत जाना" पर मचा बवाल
Published On
By Sujit Sinha
कविता के पक्ष में यह तर्क दिया जा सकता है कि शिक्षक ने बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लिए यह उदाहरण दिया लेकिन क्या प्रेरणा देने के लिए धार्मिक परंपराओं को नीचा दिखाना जरूरी हो जाता है? Opinion: बिहार की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण एक ऐतिहासिक कदम
Published On
By Sujit Sinha
बिहार, जहां सामाजिक और आर्थिक विषमताएं लंबे समय से एक चुनौती रही हैं, वहां नीतीश सरकार का यह कदम स्थानीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. Opinion: हिन्दुत्व या पीडीए उत्तर प्रदेश में कौन पड़ रहा है भारी?
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
अखिलेश यादव ने 2023 में पीडीए का नारा दिया था, जिसका मतलब है पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक. यह रणनीति सपा के पारंपरिक मुस्लिम-यादव (एम-वाई) वोट बैंक को विस्तार देने की कोशिश थी. सपा ने हमेशा यादव और मुस्लिम समुदायों पर निर्भरता दिखाई Opinion: केशव मौर्य के सहारे भाजपा का ओबीसी दांव, संगठन और सत्ता के संतुलन से 2027 की तैयारी
Published On
By अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में चिंताजनक रहा. जहां 2019 में भाजपा ने सहयोगियों सहित 64 सीटें जीती थीं, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 36 रह गई. इसमें भी भाजपा अकेले 33 सीटें जीत पाई, जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटों पर कब्जा जमाकर स्पष्ट संकेत दे दिया कि विपक्ष की सामाजिक रणनीति ने भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाई है. 