ओपिनियन
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Read More... सामाजिक समरसता: बाबा साहब और बदलता राजनीतिक परिदृश्य
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By Anshika Ambasta
इस लेख में बाबा साहब अम्बेडकर की सोच, सामाजिक समरसता, आज की राजनीति में उनकी भूमिका और समाज की कुंठाओं से निकलकर सकारात्मक समाधान की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर चर्चा की गई है। आदित्य साहू: ज़मीन से उठकर शिखर तक का नेतृत्व
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By Anshika Ambasta
झारखंड भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू के संघर्ष, सादगी और जन-नेतृत्व की प्रेरक कहानी। मंडल से राज्यसभा तक के सफर पर विशेष लेख। 2026 में मुस्लिम वोट बैंक का झुकाव बदला, ममता बनर्जी को चुनौती देने को तैयार नए मुस्लिम नेता
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By Susmita Rani
पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोट बैंक तेजी से नए राजनीतिक नेतृत्व की ओर झुक रहा है। वक्फ कानून विवाद, हुमायूं कबीर की बगावत और नई पार्टी की घोषणा ने ममता बनर्जी और TMC के लिए 2026 चुनाव से पहले बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। मिशन बंगाल में उतरी भाजपा, पर्दे के पीछे मुख्य रणनीतिकार बने सीआर पाटिल
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By Sunil Singh
बिहार चुनाव में सफलता के बाद भाजपा ने मिशन बंगाल की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने 150 नेताओं की टीम को बंगाल में तैनात किया है, जबकि पर्दे के पीछे मुख्य रणनीतिकार सीआर पाटिल पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। विश्व एड्स दिवस 2025 : जागरूकता, रोकथाम और आधुनिक उपचार पर वैश्विक फोकस
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By Mohit Sinha
विश्व एड्स दिवस, 1988 से प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व स्तर पर मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी से जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देना है। Opinion : कर्नाटक में सत्ता संग्राम डीके शिवकुमार बनाम सिद्धारमैया, कांग्रेस में बढ़ा सियासी तनाव
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By Mohit Sinha
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच संघर्ष गहरा होने से कांग्रेस में खुली कलह सामने आ गई है। दोनों नेताओं के समर्थक आमने–सामने हैं और स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि आलाकमान के लिए संतुलन बनाना चुनौती बन गया है। Opinion : विदेशी फंडिंग से नहीं चल पाएगी देश-संस्कृति विरोधी साजिशें, सनातन पर डिजिटल हमलों का खुलासा
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By Mohit Sinha
सोशल मीडिया पर सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को बदनाम करने वाले संगठित डिजिटल अभियानों में विदेशी फंडिंग, ट्रोल नेटवर्क और बॉट्स की भूमिका उजागर हुई है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और मध्य पूर्व से संचालित अकाउंट्स हिंदू प्रतीकों, आरएसएस और भारतीय सरकारों के खिलाफ दुष्प्रचार फैला रहे हैं। ममता बनर्जी का एसआईआर विरोध: घुसपैठियों को बचाने का आरोप तेज
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By अजय कुमार, लखनऊ
पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के विरोध को लेकर ममता बनर्जी पर घुसपैठियों और फर्जी वोटरों का साथ देने का आरोप लग रहा है, जबकि बीएलओज को भारी राजनीतिक दबाव व धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। एक दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, महंगाई-बेरोजगारी पर विपक्ष रहेगा हमलावर
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By Samridh Desk
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रहा है, जो इस बार राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। महंगाई, बेरोजगारी, किसान मुद्दे, जातीय जनगणना और सीमा सुरक्षा जैसे विषयों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगा, वहीं केंद्र अपने कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करेगा। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह सत्र सियासी टकराव का केंद्र बनने वाला है। Opinion: ममता का एनआरसी विरोध, मुस्लिम वोटरों को एकजुट रखने की कोशिश
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By Samridh Desk
एसआईआर पर ममता बनर्जी का विरोध केवल संवैधानिक या प्रशासनिक नहीं, बल्कि बंगाल की पहचान, नागरिकता और वोट बैंक की राजनीति से जुड़ा हुआ है। संविधान उन्हें केंद्र की योजना को रोकने का अधिकार नहीं देता, लेकिन राजनीतिक रूप से यह विरोध उनके लिए एक प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन बन गया है। बिहार की सियासत की पहली परीक्षा, 121 सीटों पर जनता तय करेगी नीतीश और तेजस्वी की किस्मत
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By अजय कुमार, लखनऊ
बिहार में राजनीतिक तापमान अपने चरम पर है। 6 नवंबर को राज्य की सियासत की दिशा तय करने वाला पहला चरण होने जा रहा है, जिसमें 18 जिलों की 121 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। यह सिर्फ चुनावी प्रक्रिया का... धनतेरस: समृद्धि, स्वास्थ्य, आस्था और वैश्विक सांस्कृतिक एकता का प्रतीक पर्व
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By Mohit Sinha
धनतेरस भारत का केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि समृद्धि, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय संतुलन और सामाजिक एकजुटता का वैश्विक प्रतीक बन चुका है। वर्ष 2025 में यह पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वैदिक परंपरा से जुड़ा यह दिन भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने का प्रतीक है, जो आयुर्वेद और आरोग्य के देवता माने जाते हैं। आधुनिक युग में धनतेरस आर्थिक उत्सव के रूप में भी उभरा है, जहाँ सोना, चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीद शुभ मानी जाती है। यह दिन “ग्रीन धनतेरस” और “ग्लोबल आयुर्वेदा वैलनेस डे” जैसी पहलों से पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाता है। साथ ही डिजिटल युग में यह त्योहार ऑनलाइन व वित्तीय निवेश के नए स्वरूपों से जुड़ गया है। धनतेरस आज नारी सशक्तिकरण, वित्तीय साक्षरता और वैश्विक भारतीय संस्कृति का प्रतीक बनकर नई चेतना और साझा समृद्धि का संदेश दे रहा है। 