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कैसे बचेगा पहाड़! 570 दिन से जारी है सोहेया पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति का धरना-प्रर्दशन, प्रशासन मौन

कैसे बचेगा पहाड़! 570 दिन से जारी है सोहेया पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति का धरना-प्रर्दशन, प्रशासन मौन स्थानीय विधायक कमलेश सिंह का कहना है कि “उनकी ओर से भी खनन विभाग और उच्च पदस्थ अधिकारियों को इस भयावहता की जानकारी दी गयी. लेकिन लीज पट्टाधारकों के सामने खनन विभाग अपना हाथ खड़ा कर लिया, हर बार उपर के निर्देश का हवाला दिया जाता है. ब्लास्ट पत्थर के टूकड़ों पर नहीं, हंसते-बोलते लोगों की जिंदगी पर हो रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन मौन है.
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केरल भूस्खलन: जलवायु परिवर्तन से बढ़ी आपदा की तीव्रता, विशेषज्ञों ने दी कठोर मूल्यांकन की सलाह

केरल भूस्खलन: जलवायु परिवर्तन से बढ़ी आपदा की तीव्रता, विशेषज्ञों ने दी कठोर मूल्यांकन की सलाह केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए घातक भूस्खलनों की मुख्य वजह बनी भारी बारिश, जिसे मानव-जनित जलवायु परिवर्तन ने 10% अधिक तीव्र बना दिया था। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) के प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक त्वरित...
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वायनाड त्रासदी: जलवायु परिवर्तन की नज़र से  

 वायनाड त्रासदी:  जलवायु परिवर्तन की नज़र से   वर्षा के ये विशेषताएँ, अन्य मेटेरोलॉजिकल कारणों के अलावा, जैसे जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास, को इस विनाशकारी भूस्खलन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
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राष्ट्रीय  पर्यावरण 

2024 का केंद्रीय बजट : ऊर्जा और पर्यावरण पर ध्यान  

2024 का केंद्रीय बजट : ऊर्जा और पर्यावरण पर ध्यान   क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। कुल बजटीय आवंटन ₹48.21 लाख करोड़ रुपये के...
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वायु प्रदूषण दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण

वायु प्रदूषण दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण साल 2021 में वायु प्रदूषण की वजह से 81 लाख लोगों की मौत हुई थी। इसके चलते यह तम्बाकू और शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पछाड़कर दुनिया में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा जोखिम बन गया है।
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एक तिहाई भोजन पैदा करने वाले किसानों को क्लाइमेट फाइनेंस का मिलता है मात्र 0.3 प्रतिशत

एक तिहाई भोजन पैदा करने वाले किसानों को क्लाइमेट फाइनेंस का मिलता है मात्र 0.3 प्रतिशत दुनिया में उत्‍पादित कुल भोजन के एक तिहाई हिस्‍से का उत्‍पादन करने वाले लघु स्‍तरीय किसानों को अंतरराष्‍ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस या जलवायु वित्‍त का महज 0.3 प्रतिशत हिस्सा ही नसीब होता है। इस बात का पता चलता है दुनिया के...
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वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी

वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी एक कड़ी चेतावनी देते हुए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नवीनतम एमिशन गैप रिपोर्ट दुनिया के तमाम देशों के लिए वर्तमान पेरिस समझौते के वादों से परे अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने की अनिवार्यता को साफ़ करती है। ऐसा...
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प्रदूषण व बर्थ डिफेक्ट्स : सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, साल भर जनसहभागिता के साथ कार्यवाही ज़रूरी

प्रदूषण व बर्थ डिफेक्ट्स : सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, साल भर जनसहभागिता के साथ कार्यवाही ज़रूरी दीपमाला पाण्डेय आजकल उत्तर भारत में एयर पॉल्यूशन, एक्यूआई, स्मोग टावर, पराली, ऑड ईवन फॉर्मूला आदि काफ़ी चर्चा में है। पिछले कुछ सालों से हर साल सर्दियों में यह सब शब्द चर्चा का केंद्र बनने लगते हैं और एक दो...
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सस्टेनेबिलिटी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों की पत्रकारों में बेहतर समझ ज़रूरी

सस्टेनेबिलिटी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों की पत्रकारों में बेहतर समझ ज़रूरी    जिस रफ्तार से जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों की प्रासंगिकता बढ़ रही है और आमजन में उसके प्रति रुचि बढ़ रही है, उसके चलते अब पत्रकारों पर ज़िम्मेदारी बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन विषयों पर जानकारी को...
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भीषण गर्मी से आपके बच्चे का बुढ़ापा हो सकता है ख़राब

भीषण गर्मी से आपके बच्चे का बुढ़ापा हो सकता है ख़राब इस नए शोध की मानें तो जलवायु परिवर्तन और भीषण गर्मी आपके बच्चे का बुढ़ापा खराब कर सकती है। अगर आप कल की किसी ऐसी संभावना से बचना चाहते हैं तो आपको आज कुछ करना होगा। जलवायु परिवर्तन तो प्रकृतिक...
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2035 तक रोजाना 100 कोयला कामगारों की नौकरी जाने का संकट : GEM रिपोर्ट

2035 तक रोजाना 100 कोयला कामगारों की नौकरी जाने का संकट : GEM रिपोर्ट 2035 तक और फिर 2050 तक कोयला उद्योग बड़े बदलाव से गुजरेगा। एनर्जी ट्रांजिशन की प्रक्रिया के दौरान कोयला खदानों के बंद होने से भारत में बड़ी संख्या में इस उद्योग में नौकरियों का संकट उत्पन्न हो सकता है। कोयला...
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सिक्किम हादसा : जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच ग्लेशियरों की निगरानी क्यों है जरूरी?

सिक्किम हादसा : जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच ग्लेशियरों की निगरानी क्यों है जरूरी? बीते हफ्ते, सिक्किम में दक्षिण लोनाक झील पर बहुत भारी बारिश हुई। इसके चलते झील के पानी ने अपना किनारा छोड़ दिया। सब कुछ इतना अचानक हुआ कि झील के पानी ने चुंगथांग बांध को तोड़ दिया। और इसके बाद...
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