पर्यावरण
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Read More... ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण भीषण गर्मी से जूझ रहे दो अरब लोग: रिपोर्ट
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By Climate कहानी
ये आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि यदि हम वैश्विक तापन (ग्लोबल वॉर्मिंग) के प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाते हैं, तो दुनिया भर में लोगों को और अधिक गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरों का सामना करना पड़ेगा।
Read More... कैसे बचेगा पहाड़! 570 दिन से जारी है सोहेया पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति का धरना-प्रर्दशन, प्रशासन मौन
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By Devendra Kumar
स्थानीय विधायक कमलेश सिंह का कहना है कि “उनकी ओर से भी खनन विभाग और उच्च पदस्थ अधिकारियों को इस भयावहता की जानकारी दी गयी. लेकिन लीज पट्टाधारकों के सामने खनन विभाग अपना हाथ खड़ा कर लिया, हर बार उपर के निर्देश का हवाला दिया जाता है. ब्लास्ट पत्थर के टूकड़ों पर नहीं, हंसते-बोलते लोगों की जिंदगी पर हो रहा है, लेकिन शासन-प्रशासन मौन है.
Read More... केरल भूस्खलन: जलवायु परिवर्तन से बढ़ी आपदा की तीव्रता, विशेषज्ञों ने दी कठोर मूल्यांकन की सलाह
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By Rahul Singh
केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए घातक भूस्खलनों की मुख्य वजह बनी भारी बारिश, जिसे मानव-जनित जलवायु परिवर्तन ने 10% अधिक तीव्र बना दिया था। वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) के प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक त्वरित...
Read More... वायनाड त्रासदी: जलवायु परिवर्तन की नज़र से
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By Rahul Singh
वर्षा के ये विशेषताएँ, अन्य मेटेरोलॉजिकल कारणों के अलावा, जैसे जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास, को इस विनाशकारी भूस्खलन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
Read More... 2024 का केंद्रीय बजट : ऊर्जा और पर्यावरण पर ध्यान
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By Rahul Singh
क्लाइमेट चेंज की चुनौती से निपटने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। कुल बजटीय आवंटन ₹48.21 लाख करोड़ रुपये के...
Read More... वायु प्रदूषण दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण
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By Climate कहानी
साल 2021 में वायु प्रदूषण की वजह से 81 लाख लोगों की मौत हुई थी। इसके चलते यह तम्बाकू और शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पछाड़कर दुनिया में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा जोखिम बन गया है।
Read More... एक तिहाई भोजन पैदा करने वाले किसानों को क्लाइमेट फाइनेंस का मिलता है मात्र 0.3 प्रतिशत
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By Samridh Jharkhand
दुनिया में उत्पादित कुल भोजन के एक तिहाई हिस्से का उत्पादन करने वाले लघु स्तरीय किसानों को अंतरराष्ट्रीय क्लाइमेट फाइनेंस या जलवायु वित्त का महज 0.3 प्रतिशत हिस्सा ही नसीब होता है। इस बात का पता चलता है दुनिया के...
Read More... वार्मिंग को 2.5-2.9°C तक रोकने के लिए मौजूदा से अधिक प्रयास ज़रूरी
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By Samridh Jharkhand
एक कड़ी चेतावनी देते हुए, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की नवीनतम एमिशन गैप रिपोर्ट दुनिया के तमाम देशों के लिए वर्तमान पेरिस समझौते के वादों से परे अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने की अनिवार्यता को साफ़ करती है। ऐसा...
Read More... प्रदूषण व बर्थ डिफेक्ट्स : सिर्फ़ सर्दियों में नहीं, साल भर जनसहभागिता के साथ कार्यवाही ज़रूरी
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By Samridh Jharkhand
दीपमाला पाण्डेय आजकल उत्तर भारत में एयर पॉल्यूशन, एक्यूआई, स्मोग टावर, पराली, ऑड ईवन फॉर्मूला आदि काफ़ी चर्चा में है। पिछले कुछ सालों से हर साल सर्दियों में यह सब शब्द चर्चा का केंद्र बनने लगते हैं और एक दो...
Read More... सस्टेनेबिलिटी और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों की पत्रकारों में बेहतर समझ ज़रूरी
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By Samridh Jharkhand
जिस रफ्तार से जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबिलिटी जैसे मुद्दों की प्रासंगिकता बढ़ रही है और आमजन में उसके प्रति रुचि बढ़ रही है, उसके चलते अब पत्रकारों पर ज़िम्मेदारी बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन विषयों पर जानकारी को...
Read More... भीषण गर्मी से आपके बच्चे का बुढ़ापा हो सकता है ख़राब
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By Samridh Jharkhand
इस नए शोध की मानें तो जलवायु परिवर्तन और भीषण गर्मी आपके बच्चे का बुढ़ापा खराब कर सकती है। अगर आप कल की किसी ऐसी संभावना से बचना चाहते हैं तो आपको आज कुछ करना होगा। जलवायु परिवर्तन तो प्रकृतिक...
Read More... 2035 तक रोजाना 100 कोयला कामगारों की नौकरी जाने का संकट : GEM रिपोर्ट
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By Samridh Jharkhand
2035 तक और फिर 2050 तक कोयला उद्योग बड़े बदलाव से गुजरेगा। एनर्जी ट्रांजिशन की प्रक्रिया के दौरान कोयला खदानों के बंद होने से भारत में बड़ी संख्या में इस उद्योग में नौकरियों का संकट उत्पन्न हो सकता है। कोयला...
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