Opinion: यह वर्ष देगा भारत को विकास की असीम संभावनायें

रक्षा विनिर्माण में भी  सरकार आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दे रही है

Opinion: यह वर्ष देगा भारत को विकास की असीम संभावनायें
आर के सिन्हा (पूर्व सांसद)

भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा, के विकास पर जोर दे रहा है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक ऊर्जा सुरक्षा हासिल करना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।  भारत में शहरीकरण भी  तेजी से हो रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत, सरकार शहरों को अधिक रहने योग्य और कुशल बनाने के लिए काम कर रही है। 2025 तक, स्मार्ट शहरों में बेहतर बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, स्वच्छता, और सार्वजनिक परिवहन जैसी सुविधाएं होंगी।

भारत के लिए नूतन वर्ष 2025 कई क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियों का बड़ा तोहफ़ा लेन वाला साल साबित हो सकता है। भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ  लंबी छलांग लगा सकता है। सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाएं देने में भी हम सारे संसार का नेतृत्व करने की स्थिति में पहुंच सकते हैं। इसी तरह भारत विश्व भर के पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और सस्ता आकर्षण का केंद्र भी बन सकता है जहाँ पर्यटकों की रुचि के तमाम केंद्र , हर तरह के ख़ान- पान, स्थानीय कुटीर उद्योगों के उत्पाद और गाइड के रूप में अच्छे पड़े लिखे बढ़िया अंग्रेज़ी जानने बोलने वाले विद्यमान है , जो एक साथ मुश्किल से ही किसी एक देश में मिल सकते हैं ।इनके अलावा भी बहुत सारे क्षेत्रों में हमारे लिए आगे बढ़ने का अनुपम अवसर बन रहे हैं।   अब इस बात से सारी दुनिया वाकिफ हो चुकी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था डिजिटल होती जा रही है। इस लिहाज से भारत सरकार बेहद गंभीर भी है। इसके तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, डिजिटल साक्षरता, और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है और आवश्यक संसाधन भी तेजी से  विकसित किये जा रहे हैं । 2025 तक, भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शिक्षा, और डिजिटल वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में तेजी आएगी। 

भारत में ई-कॉमर्स का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। 2025 तक, इसके और भी अधिक परिपक्व होने की उम्मीद है, जिसमें ऑनलाइन खरीदारी, डिजिटल भुगतान और लॉजिस्टिक्स में भी पर्याप्त सुधार होगा। डिजिटल भुगतान को भी सरकारी स्तर पर पर्याप्त बढ़ावा दिया जा रहा है। 2025 तक, भारत में डिजिटल लेनदेन की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। भारत में 5जी तकनीक के प्रयोग में तेजी से विस्तार हो रहा है। 2025 तक, इसका व्यापक रूप से उपयोग होने लगेगा इसकी उम्मीद है, जो तेज रफ्तार से इंटरनेट की कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। डिजिटल परिवर्तन के साथ, साइबर सुरक्षा भी महत्वपूर्ण हो गई है। 2025 तक, भारत इस क्षेत्र में और अधिक मजबूत हो सकता है, जो डेटा सुरक्षा और साइबर अपराधों को रोकने में मदद करेगा। इसके साथ ही,  भारत दुनिया के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर विकास और निर्यात केंद्रों में एक बड़ा और मजबूत केंद्र बनकर खड़ा हो चुका है। 2025 तक, यह क्षेत्र और अधिक मजबूत होने की उम्मीद है, जो विदेशी मुद्रा कमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग बढ़ रहा है। 2025 तक, कई संगठन क्लाउड-आधारित समाधानों को अपनाएंगे, जो लचीलापन और कम लागत पर असीमित दक्षता प्रदान करेंगे। नए साल में, डेटा एनालिटिक्स में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ेगी, जो व्यापारिक निर्णय लेने में मदद करेंगे। 
आप मानकर चल सकते हैं कि नूतन साल में आईटी पेशेवरों की संख्या बढ़ती ही रहेगी।  2025 तक, यह क्षेत्र और अधिक कुशल और प्रशिक्षित पेशेवरों को आकर्षित कर सकता है। सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 2025 तक, यह प्रयास युवाओं को नए आईटी कौशल सीखने और रोजगार के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं।

अब मेक इन इंडिया के बारे में तो विश्व भर में सब जानते ही हैं.  यह पहल भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने पर केंद्रित है। सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बना रही है। 2025 तक, भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। रक्षा विनिर्माण में भी  सरकार आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दे रही है। घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। 2025 तक, भारत रक्षा उपकरणों का एक प्रमुख निर्यातक बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। नितिन गड़करी के नेतृत्व में भारत सरकार सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, और हवाई अड्डों जैसे परिवहन बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 2025 तक, देश में बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी होगी, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। 

भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा, के विकास पर जोर दे रहा है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक ऊर्जा सुरक्षा हासिल करना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।  भारत में शहरीकरण भी  तेजी से हो रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत, सरकार शहरों को अधिक रहने योग्य और कुशल बनाने के लिए काम कर रही है। 2025 तक, स्मार्ट शहरों में बेहतर बुनियादी ढांचे, जल आपूर्ति, स्वच्छता, और सार्वजनिक परिवहन जैसी सुविधाएं होंगी।
 
आयुष्मान भारत योजना देश के लाखों लोगों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। सरकार स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और सभी के लिए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 2025 तक, भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार की उम्मीद है, जिसमें बेहतर अस्पताल, डॉक्टरों और दवाओं की पहुंच शामिल है।

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भारत में कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सेंसर, और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों से किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में मदद मिल रही है। 2025 तक, कृषि क्षेत्र में अधिक डिजिटलीकरण होने की उम्मीद है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है। यह क्षेत्र किसानों के लिए आय बढ़ाने और खाद्य अपशिष्ट को कम करने में मदद कर सकता है। 2025 तक, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में और अधिक निवेश की उम्मीद है। उम्मीद है कि इस साल सेंसर, ड्रोन और जीपीएस जैसी तकनीकों का उपयोग करके किसान अब मिट्टी, पानी और उर्वरक का अधिक कुशलता से उपयोग करले लगेगे। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म किसानों को बाजार, मौसम की जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों से तो जोड़ ही रहे हैं। सरकार कृषि अनुसंधान और विकास में निवेश कर रही है, जिससे नई फसलें, बेहतर कृषि तकनीकें और कीट नियंत्रण के नए तरीके विकसित हो रहे हैं। 

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स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम और कम लागत वाली पारंपरिक अन्नों पर जोर देकर मोदी सरकार ने छोटे किसानों के लिए दूरगामी योजना तैयार की है । यह अबतक का दुर्भाग्य ही रहा है कि हमारी सभी पूर्ववर्ती सरकारों का ध्यान सिंचित भूमि की कृषि पर ही रहा है , जो पिछले 75 वर्षों में और लाखों करोड़ रुपये का व्यय करने और बाँधो और परियोजनाओं के निर्माण में लाखों एकड़ भूमि बर्बाद करने के बाद भी हम मुश्किल से। 30-35 प्रतिशत भूमि ही सिंचित कर पाए है । प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए बरसात पर निर्भर पारंपरिक अन्नों, दलहन और तिलहन की खेती करने वाले छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों की चिंता हमने की ही कहाँ? अब आशा करनी चाहिए कि सतत अनुसंधानों और पारंपरिक फसलों के उत्पादन पर सरकार का ध्यान जाने से किसानों को लाभ होगा। साथ ही मिलेट्स का निर्यात बढ़ेगा और उपभोक्ताओ के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा ।

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2025 में कृषि क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने के संभावित परिणामों की बात करें तो कृषि उत्पादन में वृद्धि से देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।  कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। भारत कृषि उत्पादों का निर्यात करके भारी  विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकता है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं जिनका समाधान करने की आवश्यकता होगी जैसे, छोटे किसानों को नई तकनीकों और बाजारों तक पहुंच प्रदान करना महत्वपूर्ण है। भूमि और जल संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक है, ताकि कृषि उत्पादन को टिकाऊ बनाया जा सके। इन चुनौतियों का समाधान करके भारत 2025 में कृषि क्षेत्र में लंबी छलांग लगा सकता है और एक मजबूत और टिकाऊ कृषि प्रणाली विकसित कर सकता है।

शिक्षा के लिए भी 2025 बेहद अहम हो सकता है। सरकार ने हाल ही में एक नई शिक्षा नीति शुरू की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है। यह नीति कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा, और अनुसंधान पर केंद्रित है। 2025 तक, नई शिक्षा नीति से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। ऑनलाइन शिक्षा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। 2025 तक, ऑनलाइन शिक्षा और अधिक सुलभ और किफायती होने की उम्मीद है।
 कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत 2025 तक एक आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर है। डिजिटल अर्थव्यवस्था, विनिर्माण, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रगति से देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, सरकार को अभी भी गरीबी, असमानता और पर्यावरणीय चुनौतियों जैसी कई समस्याओं का समाधान करना बाकी है।

 

(लेखक वरिष्ठ संपादक, स्तंभकार और पूर्व सांसद हैं)

Edited By: Sujit Sinha

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