JSSC-CGL परीक्षा में गड़बड़ी मामले पर आयोग का आया जवाब, जारी किया प्रेस बयान
आयोग ने तमाम आरोपों को सिरे से नकारते हुए दिया जवाब
JSSC-CGL परीक्षा के सामान्य मेधासूची में जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा के लगभग 88 प्रतिशत अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जो कि झारखण्ड राज्य के निवासी हैं. प्रमाण पत्रों की जाँच हेतु कुल-2231 उम्मीदवार आमंत्रित किये गये हैं, जिसमें 2145 (96 प्रतिशत) अभ्यर्थी झारखण्ड राज्य के निवासी हैं.
रांची: JSSC-CGL परीक्षा मामले में झारखंड में लगातार राज्य सरकार एवं JSSC का विरोध किया जा रहा है. छात्रों द्वारा इस मामले में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किये गए. इस मामले को लेकर शनिवार को आयोग का जवाब आया है. JSSC द्वारा एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें आयोग पर लगे तमाम आरोपों को सिरे से नकारते हुए सिलसिलेवार जवाब दिया गया है.
आयोग का जवाब
सभी OMR का किया गया मूल्यांकन
आयोग के द्वारा दिनांक 16.12.2024 से 20.12.2024 तक कुल 2231 अभ्यथियों को Common Merit List से Short List करते हुए Document Verification के लिए आमंत्रित किया गया है. परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों के ओएमआर की जाँच एवं अंतिम परिमार्जित उत्तर कुँजी के आधार पर मूल्यांकन किया गया, इस दौरान विषय कोड में त्रुटियों का निराकरण करते हुए सभी ओएमआर का मूल्यांकन किया गया. ओएमआर की मूल्यांकन के उपरांत केन्द्रवार / जिलावार परिणाम का विश्लेषण किया गया. किसी भी परीक्षा केन्द्र में विसंगति नहीं पाई गई. परीक्षा का परिणाम केन्द्रवार सामान्य पाया गया.
Cut-Off Marks अंतिम परीक्षाफल प्रकाशन के उपरांत होगा प्रकाशित
सोशल मीडिया के माध्यम से यह प्रश्न किया जा रहा है कि Document Verification के साथ Cut-Off Marks क्यों नही जारी किया गया है. क्योंकि यह प्रथम Document Verification है जो कि अंतिम परीक्षाफल नही है, इसीलिए Cut-Off Marks जारी नही किया गया है. Cut-Off Marks अंतिम परीक्षाफल प्रकाशन के उपरांत प्रकाशित किया जाता है.
बड़ी संख्या में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में हुए चयनित
सोशल मीडिया में यह भी अफवाह फैलाया जा रहा है कि झारखण्ड राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को बड़ी संख्या में सफल किया गया है. जो की पूर्णतया निराधार है. Document Verification के लिए जारी की गई सूची पूर्णतया आरक्षण नियमावली एवं मेधा सूची के तहत जारी की गई है. बड़ी संख्या में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में चयनित हुए हैं. इस सूची में अनुसूचित जनजाति के लगभग 30 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लगभग 12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) के लगभग 22 प्रतिशत एवं पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-2) के लगभग 19 प्रतिशत अभ्यर्थी है. ST+SC+EBC-1+BC- 2=83.5%.
88 प्रतिशत सफल अभ्यर्थी झारखण्ड राज्य के हैं निवासी
सोशल मीडिया के माध्यम से यह प्रश्न किया जा रहा है कि प्रथम दिन दिनांक- 21.09.2024 को मात्र लगभग 82 उम्मीदवारों को प्रमाण पत्रों की जाँच हेतु आमंत्रित किया गया है. इस सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि प्रथम दिन केवल हिन्दी भाषा के अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. सभी जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा के अभ्यर्थी द्वितीय दिन दिनांक-22. 09.2024 को परीक्षा में शामिल हुए थे. इस परीक्षा के सामान्य मेधासूची में जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा के लगभग 88 प्रतिशत अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जो कि झारखण्ड राज्य के निवासी हैं.
कुल-2231 उम्मीदवारों में 96% झारखंडी हैं
प्रमाण पत्रों की जाँच हेतु कुल-2231 उम्मीदवार आमंत्रित किये गये है जिसमें 2145 (96 प्रतिशत) अभ्यर्थी झारखण्ड राज्य के निवासी हैं. सोशल मीडिया में यह भी अफवाह फैलायी जा रही है कि परीक्षा की अवधि में बाहर के प्रदेशों में उत्तर रटवाये गए है लेकिन इस संदर्भ में आयोग कार्यालय को साक्ष्य प्राप्त नही है.
आयोग को ई-मेल के माध्यम से मिल रही धमकी
प्रमाण पत्रों की जाँच हेतु सूचना प्रकशित होने के उपरांत आयोग को ई-मेल के माध्यम से धमकी भरा पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें आयोग के पदाधिकारी / कर्मचारी को भद्दी गालियों के साथ जान से मारने की धमकी दी गई है.
परीक्षा सभी 823 परीक्षा केन्द्रों पर हुई कदाचार मुक्त
परीक्षा को कदाचार मुक्त करने के लिए सभी परीक्षा केन्द्रों पर प्रत्येक कमरे में कम से कम दो वीक्षक के अतिरिक्त प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा ऑवजर्वर, स्टेटिक दण्डाधिकारी एवं पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई थी. परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी रखने के लिए पर्याप्त संख्या में CCTV (कुल 15991) का अधिस्ठापन किया गया था. किसी भी जिले के उपायुक्त द्वारा कदाचार संबंधी कोई सूचना प्राप्त नही है. सभी 823 परीक्षा केन्द्रों पर कदाचार मुक्त, शांतिपूर्ण परीक्षा संपूर्ण हुई है.