SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल: मस्तिष्क की सफल सर्जरी कर चिकित्सकों ने मरीज को दिया नया जीवन
डॉ. कुणाल किशोर ने बर-होल सर्जरी से मरीज का किया उपचार
मरीज की बोलने की क्षमता खत्म हो गई थी और जिसे चलने-फिरने में भी कठिनाई हो रही थी, डॉक्टरों की कुशलता से ठीक हो गया है. SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन, डॉ. कुणाल किशोर ने तुरंत निर्णय लिया और बड़े ऑपरेशन के बजाय बर-होल सर्जरी करने का निर्णय लिया.
धनबाद: धनबाद के SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टरों ने जीवन बचाने की मिसाल पेश की. अस्पताल में भर्ती एक मरीज, जिसकी बोलने की क्षमता खत्म हो गई थी और जिसे चलने-फिरने में भी कठिनाई हो रही थी, डॉक्टरों की कुशलता से ठीक हो गया है. मरीज के शरीर के दाहिने हिस्से के हाथ और पैरों में कमजोरी महसूस हो रही थी, और उसके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही थी.
बर-होल सर्जरी से मरीज को मिला नया जीवन
जांच के दौरान मरीज का सीटी स्कैन करवाया गया, जिसमें डॉक्टरों ने सिर में सबड्यूरल हेमाटोमा (SDH) की पुष्टि की. यह एक गंभीर स्थिति थी जिसमें सिर में खून जमा हो जाता है और तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है. मरीज की उम्र और उसकी स्थिति को देखते हुए, SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन, डॉ. कुणाल किशोर ने तुरंत निर्णय लिया और बड़े ऑपरेशन के बजाय बर-होल सर्जरी (Burr-Hole Surgery) करने का निर्णय लिया.
बर-होल सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें खोपड़ी में छोटे छेद बनाकर जमा खून को बाहर निकाला जाता है. यह प्रक्रिया जोखिम और खर्च दोनों को कम करने में सहायक होती है. डॉक्टर कुणाल किशोर ने इस तकनीक का उपयोग करके मरीज के सिर में जमा खून को सफलतापूर्वक निकालने में सफलता प्राप्त की, जिससे बड़े ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी.
मरीज के लिए जीवन रक्षक साबित हुई यह सर्जरी
ऑपरेशन सफल होने के बाद, मरीज को अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया, जहां उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया. ICU के कुशल उपचार और निरंतर देखभाल से मरीज धीरे-धीरे कोमा की स्थिति से बाहर आने लगा. कुछ दिनों बाद, उसकी खोई हुई आवाज़ वापस आने लगी और अब वह चलने-फिरने में भी समर्थ हो गया है. यह सर्जरी मरीज के लिए जीवन रक्षक साबित हुई, क्योंकि इससे न केवल उसकी जान बचाई गई, बल्कि बड़े ऑपरेशन से होने वाले जोखिम और खर्चों से भी राहत मिली. मरीज की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है, और वह जल्द ही सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ रहा है.
नियमित रूप से की जाती है न्यूरोसर्जरी विभाग में जटिल सर्जरी
SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में इस तरह की जटिल सर्जरी नियमित रूप से की जाती है. डॉक्टर कुणाल ने स्वतंत्र रूप से 2000 से अधिक न्यूरो और स्पाइन केस किए हैं. उन्होंने झारखंड में पहली बार ‘सीवी जंक्शन’ सर्जरी सफलतापूर्वक की थी. डॉक्टर कुणाल ने जटिल मस्तिष्क और स्पाइन ट्यूमर सर्जरी में सफल परिणाम प्राप्त किए हैं. वे क्षेत्र में परिणामकारी न्यूरो और स्पाइन ऑपरेशंस के लिए जाने जाते हैं, बहुत से पैरालिसिस रोगियों को चलने की क्षमता प्राप्त कराया है और कोमा रोगियों को दूसरी जिंदगी देने में सफल रहे हैं. डॉ. कुणाल किशोर की विशेषज्ञता और उनकी टीम की कुशलता के कारण कई गंभीर मरीज़ों की जान बचाई जा चुकी है. बर-होल जैसी उन्नत सर्जिकल तकनीक के उपयोग से मरीजों के उपचार में नए आयाम जोड़े गए हैं, जो उन्हें जल्दी रिकवर करने में मदद करता है.
आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और उपकरणों से लैस है
अस्पताल
SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और उपकरणों की मदद से जटिल सर्जरी के मामलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है. अस्पताल की यह विशेषता है कि यहां हर मरीज को व्यक्तिगत देखभाल और उच्च स्तर की चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है. इस सफल सर्जरी ने अस्पताल की प्रतिष्ठा को और भी मजबूत किया है. मरीज के परिवार ने डॉक्टरों और अस्पताल की टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था. डॉक्टर कुणाल किशोर ने हमारी आशाएं फिर से जगा दीं. अब हमारे परिजन पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं और सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं."
SJAS सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल ने एक बार फिर साबित किया है कि यहां अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और कुशल डॉक्टरों की मदद से किसी भी जटिल स्थिति से निपटा जा सकता है. इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि कैसे सही समय पर लिया गया सर्जिकल निर्णय मरीज की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.