हिंदू आस्था पर लगातार प्रहार कर रही है हेमंत सरकारः बीजेपी

रांचीः हिंदुओं का महापर्व छठ (Mahaparva Chhath Puja) पूजा पर अब सियासी राजनीति तेज हो गई है. राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार तालाब, झील या किसी जलाशय के किनारे सामूहिक रूप से छठ पूजा नहीं किया जाएगा. हेमंत सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी नेताओं लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है राज्य सरकार
सीपी सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) पर निशाना साधते हुए कहा कि बेरमो और दुमका में कोरोना खत्म हो गया था. क्या जनाजे निकालने के लिए भीड़ नहीं होती है. डोरंडा में स्थित रिसालदार बाबा के दरबार पर चादर चढ़ाते हैं तब कोरोना नहीं फैलता. छठ व्रत आते ही कोरोना बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के आस्था के साथ खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह आस्था पर चोट है राज्य सरकार को जारी किया गया गाइडलाइन जल्द से जल्द वापस लेना ही होगा.
घर पर जलाशय का निर्माण करे सरकार
वहीं रांची के सांसद संजय सेठ (MP Sanjay Seth) ने कहा कि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति (Appeasement politics) कर खास वर्ग को खुश कर रही है. हेमंत सरकार हिंदुओं के साथ इतना विरोध क्यों कर रही है. हेमंत सरकार सभी हिंदुओं के घर पर जलाशय का निर्माण करा दे ताकि छठ व्रती अपना व्रत पूरा कर सकें. वहीं हटिया विधायक नवीन जायसवाल (Hatia MLA Naveen Jaiswal) ने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार में छठ करने के अनुमति जलाशय के किनारे मिली है तो झारखंड में क्यों नहीं.
तालाब छठ व्रत के लिए तैयार
वहीं डिप्टी मेयर संजय विजयवर्गीय (Deputy Mayor Sanjay Vijayvargiya) ने कहा कि नगर निगम पिछले 15 दिनों से रांची में स्थित सभी तालाबों की सफाई कर छठ व्रत के लिए तैयार किया है. अगर ऐसे में छठ व्रतियों जलाशय के किनारे छठ करने आएंगे तो राज्य सरकार क्या करेगी. सरकार को अपने फैसला पर पुनर्विचार करना चाहिए.