रांची सदर अस्पताल: असाध्य रोग कैंसर का इलाज करने वाला बना झारखंड का पहला सदर अस्पताल

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत निःशुल्क दवा उपलब्ध

रांची सदर अस्पताल: असाध्य रोग कैंसर का इलाज करने वाला बना झारखंड का पहला सदर अस्पताल

15 दिन पहले सदर अस्पताल हुआ सूचीबद्ध, मुँह के कैंसर के चौथे स्टेज के एक गंभीर मरीज का ट्रीटमेंट हुआ शुरू,4.5 लाख की इम्यूनोथेरेपी दवा फ्री में दी गई 

डेस्क : रांची सदर अस्पताल में अब गंभीर बोम्ली उपचारानी अस्य रोग योजना के तहत कैंसर रोगियों का इलाज होगा। यह राज्य का पहला जिला अस्पताल है, जिसे योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि 15 दिन पूर्व सदर अभ्पताल को सरकार ने सूचीबद्ध किया है। अब माहां केंवर के इलाज के लिए सरकार की ओर से मरीजों को 10 लाख तक की आर्थिक मदद की जाएगी। इससे गरीब रोगियों को महगे खर्च से राहत मिलेगी। जिक्की मार्षिक आप 72 हजार से कम होगी, वे इस योजना का लाभ लेने के लिए सीधे सिविल सर्जन कार्यालय में आलेदन कर सकते हैं। आवेदन के कद
प्रमाण पत्रों की जांच होगी। सब ठीक रहा हो अविलंब राशि का भुगतान अस्पताल को होगा। सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल सूचीबद्ध होते ही मुंह के कैंसर से पीड़ित एक रोगी को स्वीकृत राशि का भुगतान किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सदर अस्पताल में चौथे स्टेज के मुंह के कैंसर से पीड़ित रोगी का इलाज चल रहा है। उसकी स्थिति गंभीर है। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. गुंजेश कुमार सिंह की देख- रेख में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचा था। इस स्थिति के रोगियों को इम्यूनोथेरेपी के साथ कीमोथेरेपी का कॉम्बिनेशन चलाया जाता है। इस मरीज को 2 वॉइल इम्यूनोथेरेपी की दवा उपलब्ध कराई गई है। जिसकी कीमत करीब 4.5 लाख रुपए है। लेकिन योजना के तहत रोगी को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है।

कैंसर विभाग में हमेशा 35 से 40 मरीज भर्ती रहते हैं

सदर अस्पताल में कैंसर विभाग करीब आठ माह पहले शुरू किया गया है। 14 बेड से शुरू हुए विभाग में मरीज की संख्या बढ़ने पर 19 बेड किया गया। इसके बाद संख्या बढ़ाकर 26 की गई। अब 43 बेड पर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। सिविल सर्जन ने बताया कि हमेशा 90% बेड भरे रहते हैं। अस्पताल में ओटी का सारा सेटअप किया जा चुका है। सर्जरी के जरूरी उपकरण इंस्टॉल किए जा चुके हैं। 5वें तल्ले में आईसीयू है। जिसमें वेंटिलेटर, एचएफएनसी समेत अन्य उपकरण लगाए जा चुके हैं।

हर तरह के कैंसर के इलाज की सुविधा

सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में वर्तमान में एक मेडिकल ऑन्कोलोजिस्ट डॉ. गुंजेश कुमार सिंह के अलावा दो कैंसर सर्जन डॉ. सुरेश एम. और डॉ. अजय विद्यार्थी और ब्लड कैंसर के लिए डॉ. अभिषेक रंजन हैं। सदर अस्पताल में सिर्फ डॉ. दिन गुंजेश अगस्त 2024 तक 543 कीमोथेरेपी पूरी कर चुके हैं। यहां हर तरह के ब्लड कैंसर, ग्लैंड कैंसर, नेक कैंसर समेत अन्य के उपचार की सुविधा है।

रिम्स के  बाद अब कैंसर ट्रीटमेंट सदर अस्पताल में भी 

कैसर ट्रीटमेंट के मामले में जिला अस्पताल अब रिम्स को टक्कर दे रहा है। रिम्स में मरीज को पहुंचने के बाद गंभीर मरीज को इमरजेंसी में भर्ती होने के बाद घंटों इंतजार करना पड़ता है। चूंकि, रिम्स में कैंसर विशेषज्ञ की इमरजेंसी ड्यूटी नहीं लगाई जाती। इसलिए कई घंटे के बाद मरीज को कैंसर विभाग में शिफ्ट किया जाता है। वहीं, सदर अस्पताल में सुविधाएं मिलने से हर दिन कैंसर रोगी पहुंच रहे हैं। यहां ओपीडी में रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।

Edited By: Shailendra Sinha

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