Koderma News: कोडरमा से अरगड्डा 133 किलोमीटर लंबा रेल रूट पर दोहरीकरण का कार्य 2887.11 करोड़ में
आने वाले दिनों में कोडरमा जंक्शन से 5 स्थानों के लिए रेल सुविधा

6 मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झुमरीतिलैया में झारखंड के तीन रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।
कोडरमा: झारखंड की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं में एक कोडरमा-रांची रेलवे लाइन के दोहरीकरण की शुरुआत की अनुमति मिल गई है। इस दिशा में रेलवे की तैयारियां शुरू कर दी है। कोडरमा-बरकाकाना तक सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इससे आने वाले दिनों में कोडरमा जंक्शन से देश के रेलवे मानचित्र में एक बड़ा नेटवर्क होगा। आने वाले दिनों में कोडरमा जंक्शन से 5 स्थानों के लिए रेल सुविधा होगी।
उल्लेखनीय होगा कि उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग आजादी के 68 वर्षों के बाद वर्ष 2015 में रेलवे नेटवर्क से जुड़ा।

6 मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झुमरीतिलैया में झारखंड के तीन रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। इसके बाद रेलवे लाइन का जाल बिछ चुका है। वर्तमान में कोडरमा से बरकाकाना तक सिंगल लाइन में रेल का परिचालन हो रहा है। अब इसके दोहरीकरण की योजना है और इसका सर्वे का कार्य भी पूर्ण हो चुका है। कोडरमा से रांची तक लाइन चालू होने के बाद वर्तमान में धनबाद पारसनाथ कोडरमा के रास्ते होकर चलने वाली ट्रेनों का लोड भी कम होगा। वर्तमान में इस खंड पर 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चल रही है। इसी तरह भविष्य में कोडरमा गिरिडीह रेलखंड के भी दोहरीकरण करने की भी योजना है। जबकि कोडरमा-तिलैया-राजगीर 64 किलोमीटर रेलवे लाइन का निर्माण अगले एक वर्ष के भीतर पूरा होने के बाद कोडरमा रेलवे लाइन से बौद्ध सर्किट से जुड़ जाएगा। पूर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद ने बताया कि इस रूट पर पांच सुरंगों की लंबाई डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा है। इसी तरह करीब पांच बड़े ब्रिजों का निर्माण भी यहां होना है। अगले एक वर्षों में रेलवे लाइन का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। वहीं कोडरमा-गिरिडीह लाइन का विस्तार भी अब मधुपुर तक हो चुका है। पांच रूटों का जंक्शन बन रहा कोडरमा पर्यटन विकास का भी बड़ा केंद्र बन सकता है।