Garhwa News: RBI क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा जिले में पुलिस संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित
कार्यक्रम में बैंकिंग प्रगति, तकनीकी नवाचार एवं सावधानियों पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य तौर पर पुलिस अधिकारियों को गैर निगमित इकाइयों द्वारा अनाधिकृत जमाराशियाँ एकत्र करने संबंधित मामलों, वित्तीय धोखाधड़ी एवं उनकी कार्यविधि (Modus Operandi) एवं उनसे संबंधित कानूनी प्रावधानों इत्यादि से अवगत कराना है
गढ़वा: भारतीय रिजर्व बैंक, राँची क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आज जिले में पुलिस संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. RBI कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने अपने उद्घाटन संबोधन में राज्य स्तरीय समन्वय समिति और उसकी उपसमिति सहित विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों और उनके सक्रिय सहयोग के महत्व का उल्लेख करते हुए हाल के वर्षो में हुई बैंकिंग प्रगति, तकनीकी नवाचार, बढ़ती सुविधाओं एवं जरूरी सावधानियों इत्यादि पर प्रकाश डाला और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस दिशा में उठाये गये कदमों को रेखांकित किया.
रिजर्व बैंक द्वारा विभिन्न क्षेत्रों और लक्षित समूहों के बीच व्यापक जन जागरूकता बढ़ाने के अभियानों की श्रृंखला की एक और कड़ी के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य तौर पर पुलिस अधिकारियों को गैर निगमित इकाइयों द्वारा अनाधिकृत जमाराशियाँ एकत्र करने संबंधित मामलों, वित्तीय धोखाधड़ी एवं उनकी कार्यविधि (Modus Operandi) एवं उनसे संबंधित कानूनी प्रावधानों इत्यादि से अवगत कराना है. अन्य उपयोगी जानकारियों एवं समर्थकारी प्रावधानों के साथ-साथ कार्यक्रम में अविनियमित जमाराशियों के निषेध संबंधी BUDS (Banning of Unregulated Deposits) अधिनियम 2019 पर भी चर्चा की गई एवं इससे संबंधित जानकारियाँ साझा की गईं.
मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक के शिकायत निवारण तंत्र यथा एकीकृत लोकपाल योजना एवं सचेत पोर्टल के बारे में भी खास तौर पर बताया गया. क्षेत्रीय निदेशक, प्रेम रंजन प्रसाद सिंह के साथ-साथ कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अरविंद एक्का, सहायक महाप्रबंधक एवं उदीप्त प्रकाश, प्रबन्धक ने भी हिस्सा लिया.
RBI कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में दीपक कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक, गढ़वा, दिवयांश शुक्ला, प्रशिक्षु आईपीएस, राहुलदेव बड़ाईक, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान), गढ़वा एवं पुलिस उपाधीक्षक एवं 50 अनुसंधानकर्ताओं ने भाग लियें.