पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में कार्यरत अनुबंधकर्मियों को नहीं हटा सकती राज्य सरकार, HC ने दिया आदेश
राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का HC का निर्देश
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार ने बहस की. उन्होंने तर्क दिया कि अनुबंध कर्मियों को हटाना अन्यायपूर्ण है और इससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
रांची: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए ख़ुशी की खबर सामने आयी है. उक्त विभाग में अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को हटाने और उनकी जगह आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति के आदेश पर झारखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नवीन कुमार ने बहस की. उन्होंने तर्क दिया कि अनुबंध कर्मियों को हटाना अन्यायपूर्ण है और इससे उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा. जिसके बाद अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए इस पर रोक लगाने का फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन के तहत ब्लॉक वॉश को-ऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को हटाकर पूरे राज्य में आउटसोर्स के जरिए नई नियुक्तियां करने का आदेश 16 सितंबर 2024 को जारी किया गया था. इस फैसले के खिलाफ राम किशून और अन्य कर्मियों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एस एन पाठक की अदालत में हुई. सुनवाई को दौरान अदालत ने कहा कि अनुबंध कर्मियों को बिना किसी ठोस आधार के नहीं हटाया जा सकता. अदालत ने सरकार से इस फैसले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.