रवि प्रकाश: कैंसर से लड़ता, मेडिकल साइंस में इतिहास रचता एक शख्स
मुंबई में डॉ विजय पाटिल व डॉ कुमार प्रभाष करेंगे पत्रकार रवि प्रकाश का सीएआर-टी सेल थेरेपी के जरिये ट्रांसप्लांट

पत्रकार रवि प्रकाश ने कैंसर से पीड़ित होने के बाद अपने लेख, इंटरव्यू, सोशल मीडिया पोेस्ट के जरिये लगातार इसके प्रति जागरूकता लाने की मुहिम चलाई। वे भारत सरकार, झारखंड सरकार सहित अन्य जगहों पर कैंसर रोगियों के हित से जुड़े मुद्दे उठाते हैं।
रांची के रवि प्रकाश एक ऊर्जावान पत्रकार हैं। कैरियर के शुरुआती सालों में ही उन्होंने पत्रकारिता में बड़ी उपलब्धियां हासिल की - रिपोर्टिंग और डेस्क प्रबंधन व एडिटिंग दोनों क्षेत्र में। 29 साल की उम्र में वे प्रभात खबर के देवघर संस्करण के संपादक भी बने। उनका तेवर हमेशा लड़ाका और संघर्ष करने वाला रहा। समझौतावादी रहे नहीं, इसलिए नौकरियां छोड़ते रहे, उससे बाहर आते-जाते रहे और अंत में फ्रिलांस पत्रकारिता को अपना ठौर बना लिया।
Fortune favours the brave. Best thing I read today brother @Ravijharkhandi and to begin the day with. Your story of courage and conviction should be shared with students at schools & colleges all over the world. I request honourable CM @HemantSorenJMM Ji to initiate it in… pic.twitter.com/ycRf6s96TI — Kunal Sarangi 🇮🇳 (@KunalSarangi) July 19, 2024
इस दौरान भी जिंदगी ठीक ही चल रही थी, लेकिन अचानक उन्होंने अपने स्वास्थ्य में कुछ बदलाव महसूस किया और जांच के बाद 2021 के शुरुआती दिनों में उनके शरीर में लंग्स यानी फेफड़े के कैंसर की पुष्टि हुई। वह भी फोर्थ स्टेज का। जैसा कि होता है, इस सूचना के साथ वे थोड़े घबराये, परिवार के भविष्य व खुद को लेकर परेशान हुए, लेकिन फिर उन्होंने खुद को संभाला और एक नई यात्रा शुरू हुई। यहां उनका लड़ाका, संघर्ष करने वाला और परिस्थितियों के साथ आखिरी दम तक मुकाबला करने वाला तेवर काम आया और वे निराशा के हर गहरे भंवर से निकल कर नये रूप में सामने आते हैं।

इस साल जुलाई के पहले सप्ताह रवि प्रकाश ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिये अपने मित्रों, शुभचिंतकों व दुनिया से यह सूचना साझा कि अब उनके शरीर की कैंसर कोशिकाएं स्मॉल सेल में बदल रही हैं और दिमाग की ओर बढ रही हैं। उन्होंने यह सूचना भी साझा की कि इस वजह से उन्हें रेडिएशन लेना पड़ा और यह इच्छा प्रकट की कि वे सितंबर महीने में अमेरिका जाना चाहते हैं जहां कैंसर को लेकर जागरूकता लाने के लिए उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिलना है। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर ने उन्हें प्रतिष्ठित पेसेंट एडवोकेसी एडुकेशनल अवार्ड के लिए चुना है। अमेरिका के सैन डिएगो शहर में उन्हें लंग कैंसर पर आयोजित होने वाले कान्फ्रेंस में यह सम्मान दिया जाना है।
Yes, i found God in Dr Kumar Prabhash and Dr @DrVijayPatil11. This isn’t a matter of cost only. I respect their recognition, love for a patient. What will be the outcome, cost are silly things. What they are doing is great. Let’s thanks these doctors. #LivingWithLungCancerStage4 pic.twitter.com/exuabyFxRm
— Ravi Prakash (@Ravijharkhandi) July 19, 2024
पत्रकार रवि प्रकाश ने कैंसर से पीड़ित होने के बाद अपने लेख, इंटरव्यू, सोशल मीडिया पोेस्ट के जरिये लगातार इसके प्रति जागरूकता लाने की मुहिम चलाई। वे भारत सरकार, झारखंड सरकार सहित अन्य जगहों पर कैंसर रोगियों के हित से जुड़े मुद्दे उठाते हैं। उन्होंने कैंसर एडवोकेसी को एक नया आयाम दिया। उनके प्रयास से कई बदलाव भी हुए। उनकी कोशिशों की वजह से पिछले साल झारखंड में कैंसर अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया। वे कैंसर को लेकर मान्यताओं, धारणाओं के प्रति भी लोगों में जागरूकता ला रहे हैं।

रवि प्रकाश ने शरीर में कैंसर के बदलते स्वरूप की सूचना साझा करने के कुछ दिनों बाद यह सूचना साझा की कि मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के मेडिकल आंकोलॉजी के प्रोफेसर व एचओडी डॉ कुमार प्रभाष और प्रतिष्ठित प्रोफेसर डॉ विजय पाटिल ने उनके लिए एक थेरेपी का विकल्प रखा है। इस सीएआर-टी सेल थेरेपी के इलाज का खर्च करीब साढे चार लाख अमेरिकी डॉलर या पौने चार करोड़ रुपये है। लेकिन, डॉ विजय ने रवि प्रकाश की यह थेरेपी बिना किसी शुल्क के करने की पेशकश की है। रवि प्रकाश इसके लिए 22 जुलाई को मुंबई जाएंगे।

रवि प्रकाश के द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह एक प्रकार का ट्रांसप्लांट है, जो ठाणे के टाइटन मेडिसिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में होगा और एक पहला ट्रांसप्लांट भी डॉ विजय पाटिल ने ही भारत में किया है और वे संभवतः देश के दूसरे ऐसे मरीज होंगे। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि डॉ विजय पाटिल व डॉ कुमार प्रभाष के रूप में उन्हें नारायण मिल गये हैं।
शानदार। ऐसे डॉक्टर ही फ़रिश्ते होते हैं। सभी के लिए ढेर सारी दुआ https://t.co/dwmLjWbX1k
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) July 17, 2024
उनके द्वारा यह सूचना साझा किये जाने के बाद सोशल मीडिया पर रवि प्रकाश को चाहने वाले लोगों ने उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी। बड़ी संख्या में फेसबुक व ट्विटर पर उनके लिए पोस्ट लिखे गये। रवि प्रकाश ने एक बार निराशा से उबर कर उम्मीदों की चौखट को पार किया है और उन्होंने डेढ महीने पहले की खुद की उस टिप्पणी को सही साबित किया है कि कैंसर का मतलब हमेशा द एंड नहीं होता।