कोरोना वैक्सीन पर सियासत हाई! सीएम हेमंत के बयान पर अमर बाउरी ने खोला मोर्चा
मौत पर सियासत तेज
कई मीडिया रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीन के कारण खून जमने की शिकायत आयी है, दावा किया जाता है कि इसके कारण ही कोरोना काल के बाद हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में वृद्दि हुई है. खुद इस वैक्सीन का आविष्कार करने वाली कंपनी ovishield ने भी इसे इंग्लैंड में कोर्ट के समझ स्वीकार किया है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया गया है
रांची: चुनावी दहलीज पर खड़ी झारखंड की सियासत में अब कोरोना वैक्सीन की एंट्री हो चुकी है. इस हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे की शुरुआत सीएम हेमंत के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने झारखंड एक्साइज कॉन्स्टेबल दौड़ के दौरान 12 प्रतिभागियों की मौत का जिम्मेवार कोरोना की वैक्सीन को बताते हुए भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया. अब सीएम हेमंत के उस बयान के बाद अमर बाउरी ने मोर्चा खोलते हुए कहा कि “माननीय मुख्यमंत्री जी के लिए एक संदेश, कोरोना टीका के बदौलत भारत ने अपने साथ-साथ पूरे विश्व को कोरोना के महासंकट से बचाया था, वहीं दूसरी तरफ झारखंड सरकार ने तो "कफन योजना" शुरू कर दी थी. माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि कृपया अपनी असफलता को छुपाने के लिए उत्पाद सिपाही दौड़ में मृत अभ्यर्थियों का उपहास न बनाएं.
झामुमो का पलटवार
covishield वैक्सीन का आविष्कार करने वाली कंपनी astra zeneca के ख़ुद इंग्लैंड के कोर्ट के समक्ष माना है - जो आप भी पढ़ सकते हैं महोदय।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) September 5, 2024
- फॉर भाजपा किस मित्र उद्योगपति की बचाने के लिए अभी तक वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर कमिटी गठन नहीं कर रही है ?
- आख़िर और कितने युवाओं की जान… https://t.co/oxEaJNhAoX pic.twitter.com/GNCocuoRIJ
अब इस बयान पर पलटवार करते हुए झामुमो ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है कि “ovishield वैक्सीन का आविष्कार करने वाली कंपनी astra zeneca के ख़ुद इंग्लैंड के कोर्ट के समक्ष माना है - जो आप भी पढ़ सकते हैं महोदय, भाजपा किस मित्र उद्योगपति को बचाने के लिए अभी तक वैक्सीन के दुष्प्रभावों पर कमिटी गठन नहीं कर रही है? आख़िर और कितने युवाओं की जान लेने के बाद जागेगी आपकी केंद्र की तानाशाह सरकार? आख़िर और इलेक्टोरल बॉण्ड का चंदा लेने है क्या, इसलिए मित्रों को बचाया जा रहा है? शर्म करिए शर्म.
मौत पर सियासत तेज
साफ है कि एक तरफ भाजपा प्रतिभागियों की मौत को सियासत करती नजर आ रही है तो दूसरी ओर हेमंत सरकार इस मौत के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर इस आरोप का काउंटर करने की कोशिश कर रही है. आपको बता दें कि प्रतिभागियों की मौत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने इसे ‘मौत का दौड़’ बताया था. उधर सत्ता पक्ष का दावा था कि रघुवर सरकार के पहले तक 1.6 किलोमीटर की दौड़ का ही प्रावधान था, लेकिन रघुवर सरकरा में इस नियम में संशोधन करते हुए इसे 10 किलोमीटर करने का फैसला किया गया था. अभी यह विवाद चल ही रहा था कि अब सीएम हेमंत ने इस मौत के लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेवार बता कर एक बहस की शुरुआत कर दी, उन्होंने दावा किया कि 'उत्पाद सिपाहियों की मौत सिर्फ दौड़ से नहीं हुई है, लोग चलते- चलते भी मर रहे हैं. कोरोना में भाजपा के लोगों ने देश के लोगों को जो टिका लगाया है, वह गलत है जिसका प्रभाव पड़ रहा है. उस टीके को पूरी दुनिया में बंद किया गया था. हमारे भारत में ही उसकी सप्लाई हुई है. उस टीके की वजह से लोग मर रहे हैं. सर्दी- खांसी से लोग मर रहे हैं. जवान लड़के-लड़कियां मर रहे हैं“
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक
दरअसल कई मीडिया रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीन के कारण खून जमने की शिकायत आयी है, दावा किया जाता है कि इसके कारण ही कोरोना काल के बाद हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में वृद्दि हुई है. खुद इस वैक्सीन का आविष्कार करने वाली कंपनी ovishield ने भी इसे इंग्लैंड में कोर्ट के समझ स्वीकार किया है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया गया है. दावा किया जाता है कि अत्याधिक गर्मी के कारण ब्लड प्रेशर में वृद्धि हुई, जिसके कारण हार्ट अटैक आया, अब तक 12 प्रतिभागियों की मौत हो चुकी है, सबसे अधिक मौत पलामू में हुई है. अधिकांश मौतें 25 वर्ष से कम उम्र के प्रतिभागियों की हुई है. फिलहाल पांच सितम्बर तक इस दौड़ पर रोक लगा दी गयी है, इस बीच नियमों में बदलाव की भी चर्चा है. दूरी और समय दोनों में ही कमी करने की तैयारी है. पांच से सात मिनट में 1.6 किलोमीटर की दौड़ पूरा करने का नियम बनाने की चर्चा हो रही है.