“झारखंड में पति पत्नी की सरकार” कल्पना सोरेन की कुर्सी पर अमर बाउरी का सवाल
मंत्रियों के आगे प्रथम पंक्ति में मुख्य सचिव किस प्रोटोकॉल का हिस्सा?
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन अघोषित रुप से झामुमो के अंदर एक बड़े चेहरे के रुप में सामने आयी है. कई सियासी विश्लेषकों का दावा है कि कल्पना सोरेन के रुप में झामुमो को एक बड़ा अर्बन चेहरा मिला है, एक साथ अंग्रेजी, संताली, हिन्दी और ओड़िया में धाराप्रवाह भाषण के कारण आदिवासी-मूलवासी समाज के साथ ही शहरी आबादी के बीच स्वीकार्यता बढ़ती दिख रही है.
रांची: एक तरफ दिल्ली में झारखंड भवन के उद्घाटन के अवसर पर सीएम हेमंत का थिरकता पैर सोशल मीडिया में सुर्खियां बन रही है. दूसरे प्रतिभागियों के साथ आदिवासी परंपरा के अनुरुप कल्पना सोरेन और हेमंत सोरेन के नृत्य को सराहा जा रहा है, वहीं उसी कार्यक्रम में सीएम हेमंत के ठीक बगल में कल्पना सोरेन की कुर्सी लगाये जाने पर सियासी संग्राम छिड़ता नजर आ रहा है. नेता प्रतिपक्ष में अमर बाउरी ने इस तस्वीर को साक्षा करते हुए प्रोटोकॉल का सवाल उठाया है कि आखिर किस प्रोटोकॉल के तहत विधायक कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री सीएम हेमंत के बगल में बैठाया गया.
झारखंड में पति-पत्नी की सरकार है !
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) September 4, 2024
यह किसी राजा के गृह प्रवेश का कार्यक्रम है या झारखंड भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम❓
झारखंड के पति-पत्नी की सरकार में सभी प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए माननीय मंत्री गणों को बैनर व होर्डिंग में दरकिनार कर सबसे प्रमुखता से माननीय विधायक कल्पना… pic.twitter.com/GUBVgzPkIg
नौ मंत्रियों के आगे प्रथम पंक्ति में मुख्य सचिव किस प्रोटोकॉल का हिस्सा
अमर बाउरी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा है कि “ झारखंड में पति-पत्नी की सरकार है, यह किसी राजा के गृह प्रवेश का कार्यक्रम है या झारखंड भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम, झारखंड के पति-पत्नी की सरकार में सभी प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए माननीय मंत्री गणों को बैनर व होर्डिंग में दरकिनार कर सबसे प्रमुखता से माननीय विधायक कल्पना सोरेन को जगह दिया गया है।पहले तो इन पार्टियों के कार्यकर्ताओं की रीढ़ की हड्डी नहीं थी, अब शासन और प्रशासन भी चाटुकारिता में आगे है. नौ मंत्रियों के आगे प्रथम पंक्ति में बैठे राज्य के मुख्य सचिव महोदय यह बताएं कि किस प्रोटोकॉल के तहत एक माननीय विधायक की तस्वीर को किसके निर्देश पर प्रमुखता से मुख्यमंत्री जी के बगल में लगाया गया है.
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद बढ़ा कल्पना की लोकप्रियता का ग्राफ
मंईयां मनके जोहार करथी!!
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 4, 2024
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की मेरी 7 लाख से अधिक बहनों को झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) के अंतर्गत ₹70 करोड़ की सम्मान राशि प्रदान करने का सौभाग्य मिला।
सभी 4 प्रमंडल की लाखों बहनों को योजना… pic.twitter.com/svDuM3WEO7
आपको बता दें कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद कल्पना सोरेन अघोषित रुप से झामुमो के अंदर एक बड़े चेहरे के रुप में सामने आयी है. कई सियासी विश्लेषकों का दावा है कि कल्पना सोरेन के रुप में झामुमो को एक बड़ा अर्बन चेहरा मिला है, एक साथ अंग्रेजी, संताली, हिन्दी और ओड़िया में धाराप्रवाह भाषण के कारण आदिवासी-मूलवासी समाज के साथ ही शहरी आबादी के बीच स्वीकार्यता बढ़ती दिख रही है. लोकसभा चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी में वह पार्टी एक स्टार प्रचारक के रुप में सामने आयी थी. इसका प्रभाव चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला, आदिवासी बहुल सीटों से ना सिर्फ भाजपा की हार हुई, बल्कि पिछले चुनाव के मुकाबले हार जीत का फासला भी काफी बड़ा हो गया, अब माना जा रहा कि विधानसभा चुनाव में भी कल्पना सोरेन का वह रुप सामने आ सकता है.
ना मंत्री, ना कोई जिम्मेवारी फिर कैसे मिला प्रथम पंक्ति में स्थान
हालांकि अमर बाउरी ने जिस तरीके से प्रोटोकॉल का सवाल उठाया है, वह सवाल निश्चित रुप से बनता है. कल्पना सोरेन ना तो मंत्री है और ना ही उनके पास कोई दूसरी अहम जिम्मेदारी है, फिर सीएम के बगल वाली कुर्सी पर जगह कैसे दी गयी. वैसे भी यह एक सरकारी कार्यक्रम था, झामुमो का अपना कार्यक्रम होता तो फिर यह सवाल कोई मायने नहीं रखता. लेकिन इसके साथ ही कल्पना सोरेन को लेकर भाजपा की परेशानी भी सामने आती दिखती है. अब देखना होगा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा का पति पत्नी वाला तंज काम करता है या फिर कल्पना सोरेन की कथित लोकप्रियता बोलती है.