बाबा साहेब के अपमान के विरोध में कांग्रेस ने किया ‘अंबेडकर सम्मान मार्च’ का आयोजन

भारत के लोकतंत्र को मजबूती देता है संविधान: केशव महतो कमलेश

बाबा साहेब के अपमान के विरोध में कांग्रेस ने किया ‘अंबेडकर सम्मान मार्च’ का आयोजन
अंबेडकर सम्मान मार्च में केशव महतो कमलेश व अन्य कांग्रेसजन

अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि अमित शाह की बाबा साहब पर टिप्पणी ने संविधान के ढांचे को महत्वहीन बना दिया है जो समाज को समान भागीदारी के उनके अधिकार को मान्यता देता है. अंबेडकर जी की अध्यक्षता में तैयार संविधान एक विरासत है जो भारत के लोकतंत्र को मजबूती देता है

रांची: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में पुराना उच्च न्यायालय के प्रवेश द्वार पर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात कांग्रेस भवन से उपायुक्त कार्यालय तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने के विरोध में राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत झारखंड में भी "अंबेडकर सम्मान मार्च" का आयोजन किया गया. मार्च की समाप्ति के बाद अमित शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम प्रेषित ज्ञापन उपायुक्त की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि को दिया गया. देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपनी जमीन तक गिरवी रखी गांधी जी के सिद्धांतों पर जीवन पर्यंत चलने वाले टाना भगत भी बाबा साहब के सम्मान में और संविधान को बचाने के लिए सम्मान मार्च में शामिल हुए.

मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि अमित शाह की बाबा साहब पर टिप्पणी ने संविधान के ढांचे को महत्वहीन बना दिया है जो समाज को समान भागीदारी के उनके अधिकार को मान्यता देता है. अंबेडकर जी की अध्यक्षता में तैयार संविधान एक विरासत है जो भारत के लोकतंत्र को मजबूती देता है. स्वतंत्रता संग्राम के बड़े विभूतियां में से एक बाबा साहब का अपमान कांग्रेस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी को भाजपा प्रमुख तथा प्रधानमंत्री छोटी घटना मानते हैं जिससे साफ होता है की ऐतिहासिक रूप से उत्पीड़ित समुदाय के अपमान की कीमत पर भाजपा अपनी मंशा देश में लागू करना चाहती है. संविधान बदलने के अपने चिर परिचित एजेंडे को लागू करने की दिशा में उठाया गया यह कदम सोची समझी रणनीति के तहत उठाया गया है. वंचितो, पिछड़ों, दलित, अनुसूचित जनजातियों सामान्य नागरिक के अधिकारों का समावेशी ग्रंथ का नाम संविधान है, जिसके मूल प्रस्तावना में ही भारत के लोकतंत्र की आत्मा है. इसके विभिन्न अनुच्छेदों में संघीय शासन प्रणाली का व्यवस्थित रूप बाबा साहब ने देश को दिया. आश्चर्यजनक है कि जिन गृह मंत्री पर संविधान की रक्षा का भार है वही संविधानजनक का अपमान कर रहे हैं.

अंबडेकर सम्मान मार्च में मुख्य रूप से कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप, सुबोध कांत सहाय, डॉ रामेश्वर उरांव, राजेश ठाकुर सुरेश बैठा, बंधु तिर्की, टाना भगतगण व अन्य कांग्रेसजन शामिल थे.

Edited By: Sujit Sinha

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