स्वाभिमानी भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री ने किया हर संभव प्रयास: बाबूलाल मरांडी
हृदय से कोमल लेकिन विचारों के प्रति दृढ़ थे पूर्व प्रधानमंत्री
राज्य के सभी बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रद्धेय अटल जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया
रांची: आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत हुई. भाजपा ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अटल जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में प्रदेश में मनाया.
राज्य के सभी बूथों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने श्रद्धेय अटल जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने किया. इसके पूर्व विधानसभा परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी जी की आदमकद प्रतिमा पर प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह सहित प्रदेश के नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.
आज प्रदेश के सभी जिलों में अटल जी के संबंध में गोष्ठी आयोजित की गई जिसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया. रांची महानगर भाजपा द्वारा अटल वेंडर मार्केट, रांची में आयोजित विचार गोष्ठी को प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संबोधित किया।
मरांडी ने कहा कि अटल जी जैसा महान व्यक्तित्व विरले होते हैं. आज अटल जी भले ही शरीर से हमलोगो के बीच नहीं हैं लेकिन उनकी वाणी, उनकी कविताएं, उनके विचार आज भी देश दुनिया के लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं. भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता अटल जी से प्रेरित होकर समाज जीवन में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे.
हृदय से कोमल लेकिन विचारों के प्रति दृढ़ थे अटल
उन्होंने कहा कि वे बड़े मन के नेता थे. उनका हृदय कोमल था, लेकिन मां भारती की सेवा में वे विचारों के प्रति दृढ़ थे, अटल थे. उन्होंने कहा कि संगठन में कार्यकर्ताओं को कार्य करने की स्वतंत्रता के वे आग्रही थे, अनावश्यक दबाव के पक्षधर नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि एक शिक्षक के पुत्र के रूप में जीवन यात्रा प्रारंभ करने वाले भारत रत्न ने अपने संघर्ष और परिश्रम से महान व्यक्तित्व को गढ़ा. भारत रत्न ने कभी सत्ता केलिए विचारों से समझौता नहीं किया. पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने भारत की राजनीति को नई दिशा दी. देश को आगे बढ़ाने और कांग्रेस पार्टी की देश विरोधी नीतियों से मुक्ति दिलाने केलिए उन्होंने गठबंधन की राजनीति को मजबूती प्रदान की, लेकिन सत्ता लोलुपता उन्हें छू नहीं सकी. उन्होंने आपातकाल के बाद बनी जनता पार्टी की सरकार से अलग होना स्वीकार किया लेकिन विचारों से समझौता नहीं किया. भाजपा के रूप में नई राजनीतिक यात्रा का शुभारंभ किया.
प्रधानमंत्री के रूप में गांव,गरीब,किसान को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा
मरांडी ने कहा कि पहले 13 दिन, फिर 13 महीने फिर साढ़े चार सालों तक प्रधानमंत्री के रूप में श्रद्धेय अटल जी ने विकसित भारत, स्वाभिमानी भारत, दुनियां का सिरमौर भारत बनाने केलिए हर संभव कोशिश की पहली बार गांव, गरीब, किसान को विकास की मुख्यंधारा से जोड़ने की दिशा में सार्थक पहल अटल सरकार ने ही किया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने देश में नई क्रांति का सूत्रपात किया, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना हो, या सर्व शिक्षा अभियान, किसान क्रेडिट कार्ड हो या फिर नदी जोड़ो अभियान सभी योजनाओं ने आम आदमी तक विकास की किरणों को पहुंचाया.
उन्होंने कहा अटल जी ने विश्व की महाशक्तियों के आगे घुटने नहीं टेकते हुए पोखरण परीक्षण किया साथ ही दुनिया को यह भरोसा दिया कि परमाणु बम का प्रयोग भारत कभी पहले नहीं करेगा, यह केवल आत्मरक्षार्थ है. पड़ोसी पाकिस्तान से मधुर संबंध बनाने की दिशा में उन्होंने लाहौर तक बस से यात्रा की लेकिन कारगिल में दुश्मन के धोखे को मुहतोड़ जवाब भी दिया.
उन्होंने कहा कि यूएनओ में पहली बार हिंदी में भाषण देकर भारत रत्न ने राष्ट्र भाषा का विश्व पटल पर महिमा मंडन किया. अटल सरकार ने आदिवासी कल्याण केलिए समर्पित थी, उन्होंने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अलग झारखंड राज्य के सपने को साकार किया, संथाली भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किया. केंद्र में आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाए. आज नरेंद्र मोदी की सरकार अटल जी के सपनो को साकार कर रही.