Sweet Jannat MMS: 19 मिनट 34 सेकंड वाले वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई, बैकग्राउंड, टाइमलाइन और फैक्ट-चेक
New Viral Video Couple: मुस्लिम इन्फ्लुएंसर स्वीट जन्नत पर 19 मिनट 34 सेकंड वाले कथित MMS की अफवाहों ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त हंगामा मचा दिया, लेकिन फैक्ट‑चेक्स और खुद जन्नत के बयान से साफ हो चुका है कि यह वीडियो एआई‑जनरेटेड डीपफेक है और उनका इससे कोई लेना‑देना नहीं है। Oneindia की रिपोर्ट इस पूरे मसले के बीच स्वीट जन्नत की पढ़ाई‑लिखाई, पर्सनल बैकग्राउंड और वायरल विवाद की पूरी टाइमलाइन को सामने रखती है, जिससे मामला स्पष्ट होता है।
स्वीट जन्नत कौन हैं?

शिक्षा और फैमिली बैकग्राउंड
Oneindia की हिंदी रिपोर्ट के मुताबिक स्वीट जन्नत ने अभी सिर्फ स्कूल‑स्तर तक की पढ़ाई की है और उन्होंने खुद भी कहा है कि वे मुश्किल से 12वीं पास हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति मिडिल‑क्लास है और वे पढ़ाई के साथ‑साथ कंटेंट क्रिएशन के जरिए अपना करियर बनाने की कोशिश कर रही हैं, जहां सोशल मीडिया से मिलने वाली लोकप्रियता उनके लिए बड़ा सहारा बनी है।
19‑मिनट MMS विवाद की शुरुआत
27 नवंबर 2025 के आसपास सोशल मीडिया पर 19 मिनट 34 सेकंड लंबा एक कथित प्राइवेट वीडियो शेयर होना शुरू हुआ, जिसे ‘इंस्टाग्राम वायरल कपल 19‑मिनट वीडियो’ और ‘फुल MMS लीक’ जैसे टाइटल देकर टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम पर तेजी से फैलाया गया। कई यूजर्स ने वीडियो में दिख रही लड़की को स्वीट जन्नत बताकर उनके पुराने रील्स के नीचे अभद्र कमेंट्स करने शुरू कर दिए, जबकि असल में उस क्लिप की लड़की की पहचान कन्फर्म नहीं है।
डीपफेक, गलत पहचान और जन्नत का जवाब
कंट्रोवर्सी बढ़ने पर स्वीट जन्नत ने एक स्पष्टीकरण वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि वायरल MMS में दिख रही लड़की वे नहीं हैं और पूरा वीडियो AI‑जनरेटेड डीपफेक है। उन्होंने तर्क दिया कि वीडियो में लड़की धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलती है, जबकि वे खुद 12वीं भी ठीक से पास नहीं कर सकीं और इतनी फ्लुएंट अंग्रेजी नहीं बोल पातीं; साथ ही दोनों के चेहरे के फीचर्स और हावभाव भी अलग हैं।
वायरल होने का असर और फॉलोअर्स में उछाल
गलत पहचान और अफवाहों की वजह से शुरुआत में जन्नत को गालियों, ट्रोलिंग और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा, लेकिन क्लैरिफिकेशन के बाद कई लोगों ने उनके समर्थन में भी आवाज उठाई। रिपोर्टों के अनुसार कुछ ही दिनों में उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स लगभग 3.4–3.5 लाख के आसपास पहुंच गए, यानी विवाद ने उनकी ऑनलाइन विज़िबिलिटी तो बढ़ाई, पर निजी जीवन पर भारी दबाव भी डाला।
MMS लीक केस की सच्चाई और कानूनी पहलू
विभिन्न हिंदी‑अंग्रेज़ी फैक्ट‑चेक रिपोर्टों ने इस 19‑मिनट क्लिप को भ्रामक और डीपफेक करार दिया है, जिनमें साफ लिखा है कि इसे स्वीट जन्नत या किसी कन्फर्म्ड इन्फ्लुएंसर का असली प्राइवेट वीडियो बताना गलत है। साइबर‑कानून विशेषज्ञों का मत है कि किसी की इजाज़त के बिना उसकी शक्ल या पहचान लगाकर अश्लील या भ्रामक वीडियो बनाना और शेयर करना आईटी एक्ट व आईपीसी की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है, इसलिए ऐसा कंटेंट डाउनलोड या फॉरवर्ड करने से भी लोग कानूनी जोखिम में पड़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया में किए गए दावों और उपलब्ध रिपोर्ट्स पर आधारित है। समृद्ध झारखंड किसी भी वीडियो, दावे या वायरल कंटेंट की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
