Ranchi news: रघुवर दास 10 जनवरी को लेंगे भाजपा की सदस्यता, जोरदार स्वागत की तैयारी
राज्यभर से जुटेंगे कार्यकर्ता, रांची में पोस्टर, बैनर लगाने की भाजपाईयों में होड़
रघुवर दास ने भी कहा है कि वह संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं. संगठन उनके लिए सर्वोपरि है. बहरहाल रघुवर दास को लेकर भाजपा के अंदर सरगर्मी तेज है. 10 जनवरी के बाद रघुवर दास फिर से अपने तेवर में दिखेंगे.
रांची: पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के राज्यपाल रह चुके रघुवर दास 10 जनवरी को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित समारोह में एक बार फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे. अब वह सक्रिय राजनीति में वापसी कर रहे हैं. रघुवर दास को लेकर भाजपा में हलचल तेज है. कार्यकर्ताओं में उत्साह है. 10 जनवरी को रघुवर दास की रांची में शानदार स्वागत की तैयारी तेज हो चुकी है. जमशेदपुर सहित राज्य भर से भाजपाई रांची आएंगे.
राजधानी रांची में भाजपा नेताओं की ओर से पोस्टर-बैनर व होर्डिंग लगाए जा रहे हैं. शहर को पाट देने की तैयारी है. स्वागत व पोस्टर-बैनर को लेकर नेताओं में भी होड़ है. सभी नेता अपने-अपने स्तर से स्वागत की तैयारी में लगे हैं. 10 जनवरी को भाजपा मुख्यालय में भारी भीड़ जुटेगी. सभी जिलों से कार्यकर्ता रांची आएंगे. जिलों में भी पोस्टर-बैनर लगाए जा रहे हैं. रांची के लिए वाहन बुके किए जा रहे हैं. रांची के भाजपाइयों ने स्वागत के लिए बाजे-गाजे की बुकिंग की है. आतिशबाजी भी होगी. सदस्यता ग्रहण समारोह को लेकर भाजपा कार्यालय में भी तैयारी चल रही है. प्रदेश के सभी प्रमुख नेता, विधायक व सांसद समारोह में शामिल होंगे.
रघुवर दास की भूमिका पर चर्चा
सक्रिय राजनीति में लौटने के बाद रघुवर दास की भूमिका क्या होगी अभी यह तय नहीं है. फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. लेकिन अधिक संभावना है कि रघुवर दास झारखंड की राजनीति में ही सक्रिय होंगे. विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद भाजपा ने अपनी रणनीति बदली है. भाजपा अब अपने कोर वोटरों को महत्व देगी. उन्हें आगे बढ़ाएगी. क्योंकि आदिवासियों को साथ लाने के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं.
केंद्रीय नेतृत्व ने एक रणनीति के तहत ही रघुवर दास की सक्रिय राजनीति में वापसी कराई है. केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर ही उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का पद छोड़ा है. रघुवर दास राज्य में ओबीसी के बड़ा चेहरा हैं. ओबीसी के साथ-साथ अन्य वर्गों में भी इनकी पकड़ है. मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. इसलिए एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है. फरवरी में अध्यक्ष का फैसला होना है. भाजपा हाईकमान क्या फैसला लेता है यह देखना होगा.
रघुवर दास ने भी कहा है कि वह संगठन की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं. संगठन उनके लिए सर्वोपरि है. बहरहाल रघुवर दास को लेकर भाजपा के अंदर सरगर्मी तेज है. 10 जनवरी के बाद रघुवर दास फिर से अपने तेवर में दिखेंगे.